आईएस कमांडर मलिक उमैद की गिरफ्तारी के तार जुड़े पंजाब के गुटों से
By सुरेश एस डुग्गर | Published: April 6, 2021 04:31 PM2021-04-06T16:31:07+5:302021-04-06T16:32:34+5:30
इस्लामिक स्टेट आफ जम्मू कश्मीर (आईएसजेके) के कमांडर मलिक उमैद उर्फ अब्दुल्ला पुत्र अब्दुल रशीद मलिक से पुलिस के विशेष अभियान दल (एसओजी) के अधिकारियों ने घंटों पूछताछ की।
जम्मूः आईएस कमांडर मलिक उमैद की गिरफ्तारी के तार पंजाब में एक्टिव आतंकी गुटों से जुड़ते नजर आ रहे हैं क्योंकि पूछताछ में उसने रहस्योदघाटन किया है कि उसे पंजाब से ही हथियार व गोला बारूद लेकर कश्मीर पहुंचाना था।
दरअसल झज्जर कोटली से गत रविवार को पकड़े गए इस्लामिक स्टेट आफ जम्मू कश्मीर (आईएसजेके) के कमांडर मलिक उमैद उर्फ अब्दुल्ला पुत्र अब्दुल रशीद मलिक से पुलिस के विशेष अभियान दल (एसओजी) के अधिकारियों ने घंटों पूछताछ की।
अधिकारियों ने बताया कि पूछताछ में पंजाब के आतंकियों का नाम आने के बाद अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) और अन्य एजेंसियां भी आतंकी उमैद से पूछताछ करेंगी। कश्मीर के अलावा पंजाब में आतंकी नेटवर्क के बारे में सुराग जुटाए जाएंगे। संभावना है कि आतंकी को कश्मीर भी ले जाया सकता है।
उमैद उर्फ अब्दुल्ला यारीपोरा, जिला कुलगाम का रहने वाला है। कश्मीर पुलिस से ओमेद की पूरी जानकारी ली गई है। बताया जाता हे कि पूछताछ में उसने पंजाब में आतंकी मददगारों के सक्रिय होने की सनसनीखेज जानकारी दी है। साथ ही कहा कि उसे वहां कश्मीर में आंतकी गतिविधियां बढ़ाने के लिए हथियार व पैसे दिए गए।
साथ ही सरहद पार से आने वाली हथियारों की खेप सुरक्षित कश्मीर तक पहुंचाने के फरमान जारी हुए थे। सूत्रों के मुताबिक पंजाब में दो दिन पहले आतंकी संगठन से जुड़े एक ओवरग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) ने ही उमैद को रिवाल्वर, कारतूस और एक लाख 13 हजार दिए।
उसे बताया गया कि जम्मू और पंजाब के बार्डर (पठानकोट) पर हथियारों व गोलाबारूद की खेप लेकर पाक से ड्रोन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर किसी जगह उतरेगा। उमैद दो दिन पंजाब में किसी जगह रुका रहा है।
जिस जगह हथियार फेंकने की जानकारी दी थी वहां पाकिस्तान से ड्रोन नहीं आया।
आकाओं ने कहा था कि हथियारों की खेप दो लोगों ने उसे सौंपनी थी। यह कौन लोग हैं, उसे उनकी कोई जानकारी नहीं है। उसे केवल पठानकोट जम्मू हाईवे पर किसी जगह इंतजार करने को कहा गया था।
उसने गहन पूछताछ में बताया कि उसे हथियारों की खेप कश्मीर घाटी तक पहुंचाने का काम सौंपा था।
हथियार व गोलाबारूद को ट्रक में छिपाना भी उन दो लोगों ने करना था। उसे ट्रक को सुरक्षित कश्मीर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई थी। ट्रक कश्मीर से आना था। वह भी उसने ही प्रबंध किया था।