कश्मीर में सुरक्षा के नाम पर 30 साल में खर्च हो गए 10 हजार करोड़ रुपये!

By सुरेश डुग्गर | Published: March 9, 2019 01:04 PM2019-03-09T13:04:10+5:302019-03-09T13:18:11+5:30

आधिकारिक तौर पर पिछले 30 सालों में सुरक्षा के मद पर केंद्र ने कश्मीर को 10 हजार करोड़ रुपयों का भुगतान किया है। जिसमें सुरक्षाकर्मियों के वेतन, गोला बारूद आदि का खर्चा अभी तक शामिल ही नहीं किया गया है।

Jammu kashmir: 10 thousand crore were spent in 30 years In the name of security | कश्मीर में सुरक्षा के नाम पर 30 साल में खर्च हो गए 10 हजार करोड़ रुपये!

प्रतीकात्मक चित्र

Highlightsकश्मीर में फैला पाक समर्थक आतंकवाद दिनोंदिन भारतीय सरकार के लिए महंगा साबित हो रहा है।आतंकवाद की शुरुआत में इससे निपटने के लिए होने वाला सुरक्षा संबंधी खर्चा एक सौ करोड़ के आंकड़े तक ही सीमित था।राज्य सरकार चाहती है कि सुरक्षा संबंधी मामलों पर होने वाले उन खर्चों की भरपाई भी केंद्र सरकार करे जिन्हें अभी तक सुरक्षा संबंधी खर्चों में शामिल नहीं किया गया है।

जम्मू, 9 मार्च: धरती के स्वर्ग कश्मीर में फैला पाक समर्थक आतंकवाद दिनोंदिन भारतीय सरकार के लिए महंगा साबित हो रहा है। प्रतिदिन इस मद पर होने वाले खर्चों में बेतहाशा होती वृद्धि ने सुरक्षा संबंधी खर्चों को चार सौ करोड़ प्रति वर्ष के आंकड़े तक पहुंचा दिया है। हालांकि आधिकारिक तौर पर पिछले 30 सालों में सुरक्षा के मद पर केंद्र ने कश्मीर को 10 हजार करोड़ रुपयों का भुगतान किया है। जिसमें सुरक्षाकर्मियों के वेतन, गोला बारूद आदि का खर्चा अभी तक शामिल ही नहीं किया गया है।

आतंकवाद की शुरुआत में इससे निपटने के लिए होने वाला सुरक्षा संबंधी खर्चा एक सौ करोड़ के आंकड़े तक ही सीमित था। लेकिन जैसे-जैसे आतंकवाद का दायरा बढ़ा, लोगों ने पलायन करना आंरभ किया तथा राजनीतिज्ञों को असुरक्षा की भावना महसूस हुई खर्चा सुरसा के मुख की भांति बढ़ता चला गया।

यह भी एक चौंकाने वाला तथ्य हो सकता है कि कुछ साल पूर्व तक राज्य सरकार सुरक्षा संबंधी मद पर प्रति वर्ष 253 करोड़ की राशि खर्च करती रही थी लेकिन अब उसका अनुमान इस पर पांच सौ करोड़ का खर्चा होने का है। फिलहाल सरकार यह स्पष्ट करने को तैयार नहीं कि क्या आतंकवाद तेजी से बढ़ा है तभी यह खर्चा अनुमानित किया जा रहा है या फिर आने वाले दिनों में आतंकवाद के और बढ़ने की आशंका है?

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, जो खर्चा राज्य सरकर द्वारा आतंकवाद से निपटने के लिए सुरक्षा मद पर किया जा रहा है उसका रोचक पहलू यह है कि उसमें सुरक्षाकर्मियों का वेतन तथा उनके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले गोला बारूद की कीमत शामिल नहीं है बल्कि यह खर्चा सुरक्षा उपलब्ध करवाने, सुरक्षाबलों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने तथा राहत राशि आबंटित करने के मद पर ही खर्च हो रहा है।

अगर जम्मू कश्मीर में आतंकवाद से निपटने के लिए तैनात केंद्रीय सुरक्षाबलों के वेतनों तथा गोला बारूद पर होने वाले अन्य सभी खर्चों को भी जोड़ लिया जाए तो जम्मू कश्मीर में फैला आतंकवाद हजारों करोड़ की राशि प्रति वर्ष डकार रहा है। राज्य सरकार द्वारा खर्च की जा रही धनराशि, जिसका बाद में केंद्र सरकार द्वारा लगातार भुगतान भी किया जा रहा है, में कुछ ऐसे खर्चे अभी तक नहीं जोड़े गए हैं जिनके प्रति राज्य सरकार का कहना है कि वे भी सुरक्षा संबंधी खर्चे हैं क्योंकि वे आतंकवाद के कारण हो रहे हैं।

ऐसे खर्चों में कश्मीर से पलायन कर देश के अन्य भागों में रहने वाले कश्मीरी पंडित विस्थापित समुदाय के सरकारी कर्मचारियों को दिए जाने वाला वेतन, उनके स्थान पर जिन युवकों को नियुक्त किया गया है उनका वेतन तथा आतंकवाद के कारण ठप्प पड़े हुए सरकारी निगमों के कर्मचारियों को दिए जाने वाले धन को अभी तक शामिल नहीं किया गया है जिन पर प्रति वर्ष 200 करोड़ की राशि खर्च हो रही है।

यही कारण है कि राज्य सरकार चाहती है कि सुरक्षा संबंधी मामलों पर होने वाले उन खर्चों की भरपाई भी केंद्र सरकार करे जिन्हें अभी तक सुरक्षा संबंधी खर्चों में शामिल नहीं किया गया है। और अगर ऐसा हो जाता है तो राज्य में सुरक्षा संबंधी मामलों पर होने वाले खर्चे में लगभग तीन सौ करोड़ की वृद्धि हो जाएगी।

हालांकि यह भी सभी जानते हैं कि पिछले कुछ सालों से इसी सुरक्षा मद पर होने वाले खर्चों को लेकर केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार के संबंधों में कड़ुवाहट कई सालों तक बनी रही थी। कारण यह था कि केंद्र सरकार सभी खर्चों का भुगतान करने को तैयार नहीं थी। नतीजतन अभी भी राज्य सरकार कई करोड़ की राशि केंद्र पर बकाया होने की बात कर रही है।

Web Title: Jammu kashmir: 10 thousand crore were spent in 30 years In the name of security

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे