जम्मू सीमा को PAK सुरंगों से नहीं मिली मुक्ति, 11 सालों में 13 सुरंगें आई सामने
By सुरेश एस डुग्गर | Published: January 22, 2022 04:45 PM2022-01-22T16:45:35+5:302022-01-22T16:47:25+5:30
जम्मू सीमा पर बीएसएफ 11 सालों में 13 सुरंगों का पर्दाफाश कर चुकी है। अब यह सवाल उठने लगा है कि आखिर जम्मू सीमा को नापाक सुरंगों से मुक्ति कब मिलेगी।
जम्मू: जम्मू सीमा अर्थात इंटरनेशनल बार्डर पर पाकिस्तान द्वारा कितनी सुरंगें खोदी गई हैं फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। इतना जरूर है कि पिछले 11 सालों में 13 ऐसी सुरंगों का पर्दाफाश बीएसएफ कर चुकी है। अब यह सवाल उठने लगा है कि आखिर जम्मू सीमा को नापाक सुरंगों से मुक्ति कब मिलेगी। और कल मिली सुरंग के बाद बीएसएफ परेशान हो गई है क्योंकि वर्ष 2012 के बाद इंटरनेशनल बार्डर पर मिलने वाली सुरंगों में इसका क्रम 13वां है।
इतना जरूर था कि इंटरनेशनल बार्डर पर 2012 से अब तक 13 सुरंगों का पता लगाया जा चुका है। वर्ष 2012 और 2014 में अखनूर सेक्टर में दो सुरंगों का पता लगाया गया था। इसके अलावा, 2013 में सांबा सेक्टर में एक सुरंग मिली थी। वर्ष 2016 में दो और 2017 में भी दो सुरंगें मिली थीं। जानकारी के लिए वर्ष 2016 में ही मार्च में भी बीएसएफ ने आरएसपुरा सेक्टर में एक सुरंग का पता लगाकर पाकिस्तान की साजिश को नाकाम कर दिया था। अखनूर सेक्टर में भी यही हुआ था। आरएस पुरा सेक्टर में मिली सुरंग 22 फीट लंबी थी। इसे बनाने के लिए लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया था। इसके बाद बीएसएफ ने कहा था कि बिना पाकिस्तानी रेंजर्स की मदद के इस तरह की टनल बनाना नामुमकिन है।
बीएसएफ ने तब पाकिस्तानी रेंजर्स के साथ मीटिंग में इस हरकत को लेकर विरोध दर्ज कराया था। वर्ष 2016 के दिसंबर महीने में भी बीएसएफ को जम्मू के चमलियाल में 80 मीटर लंबी और 2 गुणा 2 फीट की एक सुरंग मिली थी। तब बीएसएफ ने कहा था कि सांबा सेक्टर में मारे गए तीन आतंकियों ने इसी का इस्तेमाल किया था। फरवरी 2017 में भी रामगढ़ सेक्टर में एक सुरंग का पता लगाया गया था। उसका एक सिरा भारत और दूसरा पाकिस्तान में था। अक्टूबर 2017 में अरनिया सेक्टर में भी एक सुरंग मिली थी।
सुरंगें मिलने वाले स्थान से जम्मू-पठानकोट राजमार्ग करीब 10 किमी की दूरी पर है और रेल लाइन 3 से 4 किमी की दूरी पर है। पिछले साल सीमा सुरक्षा बल ने 23 जनवरी के दिन जम्मू कश्मीर में हीरानगर के पनसर में एक सुरंग का पता लगाया था। इसकी लंबाई 150 मीटर और गहराई 30 फीट थी। इसका निर्माण पाकिस्तानी खुफिया विभाग ने आतंकियों को भारत में घुसपैठ कराने के लिए किया था। जबकि इससे पहले वर्ष 2020 में 4-5 नवम्बर की रात को अरनिया सेक्टर के पिंडी चाढ़का गांव में मिलने वाली सुरंग के मात्र दो महीनों के बाद मिली है। अरनिया में मिली सुरंग के बाद बीएसएफ ने केंद्र सरकार तथा गृह मंत्रालय से अन्य संभावित सुरंगों का पता लगाने के लिए मदद मांगी थी पर वह अभी तक नहीं मिली पाई है।