जम्मू-कश्मीर साल में करीब 18 दिन बिना राजधानी वाला प्रदेश, जानिए क्या है वजह

By सुरेश एस डुग्गर | Published: November 2, 2020 04:54 PM2020-11-02T16:54:24+5:302020-11-02T16:55:28+5:30

हर छह माह बाद गर्मियों में जम्मू से श्रीनगर और श्रीनगर से जम्मू की ओर जब राज्य की राजधानी बदलने की प्रक्रिया होती है तब प्रदेश का कोई भी शहर राजधानी नहीं कहलाता क्योंकि ’राजधानी मूव‘ में होती है। और ऐसा करीब 18 से 20 दिनों तक होता है।

Jammu and Kashmir state no capital18 days a year reason 'Durbar Move' | जम्मू-कश्मीर साल में करीब 18 दिन बिना राजधानी वाला प्रदेश, जानिए क्या है वजह

पुलिस के सुरक्षा विंग और सचिवालय की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों को जांच के लिये विभागीय अधिकारियों ने सामान सौंप दिया था। (file photo)

Highlightsजम्मू-कश्मीर साल में करीब 18 दिन बिना राजधानी वाला प्रदेश उस समय हो जाता है, जब यहां पर ‘दरबार मूव’ होता है।28 अक्तूबर को स्थानीय सचिवालय में कामकाज बंद हो गया था। पिछले हफ्ते ही रिकार्ड लोडिंग कर एसआरटीसी के ट्रकों का काफिला जम्मू की ओर मूव कर चुका था।आगामी 9 नवम्बर को जम्मू स्थित सचिवालय में सरकार का दरबार सजेगा और विभागीय कामकाज शुरू होगा।

जम्मूः आपने शायद सुना नहीं होगा कि कोई राज्य या प्रदेश राजधानी विहीन भी होता है। यह पूरी तरह से सच है। जम्मू-कश्मीर साल में करीब 18 दिन बिना राजधानी वाला प्रदेश उस समय हो जाता है, जब यहां पर ‘दरबार मूव’ होता है।

दरअसल हर छह माह बाद गर्मियों में जम्मू से श्रीनगर और श्रीनगर से जम्मू की ओर जब राज्य की राजधानी बदलने की प्रक्रिया होती है तब प्रदेश का कोई भी शहर राजधानी नहीं कहलाता क्योंकि ’राजधानी मूव‘ में होती है। और ऐसा करीब 18 से 20 दिनों तक होता है।

हालांकि इस बार सरकारी तौर पर 30 अक्तूबर को मूव कार्यालय बंद हो चुके हैं। 31 अक्तूबर से राजधानी मूव में जा चुकी है क्योंकि रियासत में दरबार मूव की परंपरा के तहत 28 अक्तूबर को स्थानीय सचिवालय में कामकाज बंद हो गया था। पिछले हफ्ते ही रिकार्ड लोडिंग कर एसआरटीसी के ट्रकों का काफिला जम्मू की ओर मूव कर चुका था।

अधिकतर स्टाफ भी रिकार्ड की पैकिंग को अंतिम नजर देने में व्यस्त देखा गया था। अब आगामी 9 नवम्बर को जम्मू स्थित सचिवालय में सरकार का दरबार सजेगा और विभागीय कामकाज शुरू होगा। पुलिस के सुरक्षा विंग और सचिवालय की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों को जांच के लिये विभागीय अधिकारियों ने सामान सौंप दिया था।

सचिवालय में कामकाज बंद होने के बाद जम्मू डिवीजन के कर्मचारी जम्मू की तरफ रवाना हो गए। इनकी रवानगी के लिये एसआरटीसी की तरफ से विशेष बसों की व्यवस्था की गई थी। कश्मीर डिवीजन के सचिवालय कर्मचारियों की जम्मू रवानगी के लिये 31 अक्तूबर को वाहनों की व्यवस्था की गई थी और श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर यातायात को एकतरफा कर दिया गया था क्योंकि सरकार दरबार मूव की प्रक्रिया में कोई खलल नहीं चाहती। हालांकि खलल की आशंका के चलते सुरक्षा प्रबध्ंा भी कड़े किए गए हैं।

इतना जरूर था कि शीतकालीन राजधानी जम्मू में स्थित सचिवालय के कमरे, कुर्सियां, मेज चकाचक दिखने लगे हैं। फाइलों की संख्या बढ़ रही है। सफाईकर्मी लगन से अपने काम में जुटे हैं। हर रोज सचिवालय खुलता है और अपने-अपने विभागों के कर्मी छोटी से छोटी जरूरत पर खासा ध्यान देते हुए दिखते हैं। सड़कों पर रंगरोगन चल रहा है। स्ट्रीट लाइटें ठीक हो रही हैं। ट्रैफिक पुलिस की सख्ती दिनोंदिन बढ़ रही है। दरबार मूव का बेसब्री से इंतजार हो रहा है।

सरकारी आवासों पर भी कुछ कर्मियों की धमक पहले से ही नजर आ रही है। हाईवे को कड़ी सुरक्षा के घेरे में लिया गया है। थ्रीटीयर सिक्योरिटी हर रोज डिटेक्टरों से सड़क को खंगालने का काम चल रहा है। जम्मू कश्मीर पुलिस ने अगले कुछ दिनों के लिए हाईवे को एक तरफ करने की घोषणा की है, ताकि एडवांस पार्टी को कड़ी सुरक्षा के बीच जम्मू पहुंचाया जा सके।

Web Title: Jammu and Kashmir state no capital18 days a year reason 'Durbar Move'

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