जम्मू कश्मीर: लगातार दो माह में इंटरनेशनल बार्डर पर मिली दूसरी सुरंग
By सुरेश एस डुग्गर | Published: January 13, 2021 03:25 PM2021-01-13T15:25:47+5:302021-01-13T15:28:10+5:30
इससे पहले अगस्त 2020 में सांबा के सीमावर्ती गांव बैन ग्लाड तथा 4-5 नवम्बर की रात को अरनिया के पिंडी चाढ़का में सीमा पर एक सुरंग मिली थी।
जम्मू: मात्र दो महीनों के अंतराल में भारतीय सुरक्षाबलों ने इंटरनेशनल बार्डर पर एक और पाकी सुरंग खोज कर पाकिस्तान के कुत्सित इरादों पर पानी फेर दिया। है। आज कठुआ के हीरानगर में एक भूमिगत सुरंग मिली है।
इस सेक्टर में पिछले कुछ हफ्तों से पाक रेंजर जबरदस्त गोले बरसा रहे थे। जबकि पिछले साल 4-5 नवम्बर की रात को अरनिया के पिंडी चाढ़का में भी एक सुंरग मिली थी।
अधिकारी कहते हैं कि पाकिस्तान ने जिला कठुआ के हीरानगर सेक्टर में इंटरनेशनल बार्डर पर आतंकियों की घुसपैठ कराने के इरादे से सुरंग का निर्माण किया था जिसका बीएसएफ के सतर्क जवानों ने पता लगा लिया है। सुरंग मिलने के बाद जवानों ने आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान भी चलाया है।
बीएसएफ सूत्रों के अनुसार, एक अभियान के दौरान सुबह बोबिया गांव में बीएसएफ के जवानों को आतंकियों की घुसपैठ की सुविधा के लिए सीमा पार से बनाई गई सुरंग का पता चला। बीएसएफ के वरिष्ठ और पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।
सूत्रों का कहना है कि इस सुरंग की लंबाई करीब 150 मीटर है। साथ ही सुरंग से सीमेंट की बोरियां बरामद हुई हैं। जोकि पाकिस्तान के कराची की बनी हुई हैं। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान की पोस्ट के ठीक सामने से इस सुरंग को खोदा गया है।
आशंका जताई जा रही है कि सुरंग के जरिए आतंकी इस और घुसपैठ कर आए हैं। अपनी इस शंका को दूर करने के लिए बीएसएफ, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीम ने इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया हुआ है। बोबिया में पड़ने वाले गांवों में रहने वाले लोगों से भी पूछताछ की जा रही है कि उन्होंने रात या फिर तड़के किन्हीं संदिग्ध लोगों को आसपास तो नहीं देखा।
इससे पहले अगस्त 2020 में सांबा के सीमावर्ती गांव बैन ग्लाड तथा 4-5 नवम्बर की रात को अरनिया के पिंडी चाढ़का में सीमा पर एक सुरंग मिली थी। सीमा से पचास मीटर दूर मिली इस सुरंग में पाकिस्तान निर्मित बोरियां बरामद हुई थीं। जिनमें बालू (रेत) भरी हुई थी।