जम्मू कश्मीरः भयानक सर्दी और सिरों पर मंडराती मौत के बीच रातें गुजारने को मजबूर हैं बॉर्डर पर रहने वाले

By सुरेश एस डुग्गर | Published: December 14, 2019 01:58 PM2019-12-14T13:58:36+5:302019-12-14T13:58:36+5:30

पिछले चार दिनों से एलओसी के विभिन्न सेक्टरों में एक बार फिर सीजफायर के बावजूद पाक बंदूकें तथा छोटे तोपखाने आग उगल रहे हैं।

Jammu and Kashmir: People living on the border are forced to spend the night amid terrible cold and death at the ends | जम्मू कश्मीरः भयानक सर्दी और सिरों पर मंडराती मौत के बीच रातें गुजारने को मजबूर हैं बॉर्डर पर रहने वाले

जम्मू कश्मीरः भयानक सर्दी और सिरों पर मंडराती मौत के बीच रातें गुजारने को मजबूर हैं बॉर्डर पर रहने वाले

Highlightsऐसे में सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने वालों को अपने पालतू जानवरों तथा घरों की चिंता सता रही है।एक बार फिर गर्माई एलओसी तथा जम्मू सीमा पर सीमावासियों के लिए जीना मुहाल हो गया है।

एक बार फिर गर्माई एलओसी तथा जम्मू सीमा पर सीमावासियों के लिए जीना मुहाल हो गया है। भयानक सर्दी के बीच उन्हें हर पल पलायन के लिए तैयार रहना पड़ रहा है क्योंकि पाक गोलों के रूप में मौत उनके सिरों पर मंडरा रही है। जो पाक गोलाबारी से बचने की खातिर पलायन कर चुके हैं वे भयानक सर्दी से बचाव करने में नाकाम हो रहे हैं।

पिछले चार दिनों से एलओसी के विभिन्न सेक्टरों में एक बार फिर सीजफायर के बावजूद पाक बंदूकें तथा छोटे तोपखाने आग उगल रहे हैं। हालांकि भारतीय पक्ष मुहंतोड़ जवाब दे रहा है पर पाक गोलाबारी के साथ ही प्रकृति की भयानकता का सामना सीमावासियों को करना पड़ रहा है।

सर्दियों के मौसम में अभी तक जम्मू सीमा पर शांति बनी हुई थी जिसे अब पाकिस्तान ने तोड़ दिया है। हालांकि एलओसी पर सीजफायर के बावजूद स्नाइपर राइफल के हमले अनवरत रूप से जारी थे। पुंछ तथा राजौरी में तो पिछले साल पलायन करने वाले 300 के करीब परिवार अभी तक अपने घरों को लौट नहीं पाए थे क्योंकि पाक सेना एलओसी पर घातक हमले कर माहौल को और दहशतजदा बना चुकी है।

ऐसा ही माहौल अब अन्य इलाकों में है तो जम्मू सीमा के कुछ सेक्टरों में भी दहशत पैदा हो गई है। पिछले चार दिनों के दौरान पाक सेना ने पुंछ तथा उड़ी सेक्टरों में तोपखानों से गोलों की बारिश की तो रात के अंधेरे में भयानक सर्दी के बीच दर्जनों परिवारों को जैसे थे, वैसे की ही हालत में घरों का त्याग कर देना पड़ा। पलायन करने वाले सिर्फ अपने आप को ही बचा पाए। वे अपने घरों और पालतू जानवरों को बचा पाने में नाकाम रहे हैं।

और अब जबकि भारतीय सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने पाक सेना की कई चौकिओं को ध्वस्त करने की कवायद को अंजाम दिया तो सीमावासियों को डर है कि पाक सेना बदले की कार्रवाई के तहत भारतीय सीमावर्ती गांवांे को भयानकता के साथ तोप के गोलों से पाट सकते हैं। और वह अन्य सेक्टरों में भी मोर्चा खोल सकते हैं।

ऐसे में सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने वालों को अपने पालतू जानवरों तथा घरों की चिंता सता रही है। यह चिंता कितनी है इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरला पोस्ट के इलाके का रहने वाले आजम खान की परेशानी यह है कि उसकी एक भैंस का शव बरामदे में पड़ा हुआ और वह उसको पाक गोलाबारी के डर से दफना भी नहीं सकता। जबकि अफजल मुहम्मद के मकान की छत मोर्टार ने उड़ा दी हुई है और वापसी पर वह सर्दी से अपना बचाव कैसे करेगा, यही चिंता उसे खाए जा रही है।

Web Title: Jammu and Kashmir: People living on the border are forced to spend the night amid terrible cold and death at the ends

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे