छह दिनों से लापता फौजी नहीं मिला अभी तक, कपड़े मिलने के बाद तलाशी अभियान तेज
By सुरेश एस डुग्गर | Published: August 7, 2020 04:00 PM2020-08-07T16:00:27+5:302020-08-07T16:00:27+5:30
दक्षिण कश्मीर के जिला शोपियां में इमामसाहब के लंढोरा गांव में सर्च आप्रेशन चलाया हुआ है। ऐसी सूचना है कि गांव के कुछ लोगों को एक बाग से कुछ कपड़े मिले हैं, जो उस जवान के बताए जा रहे हैं, जिसका कुछ दिन पहले आतंकवादियों ने अपहरण किया था।
जन्मूः पिछले 6 दिनों से अपहृत फौजी को सुरक्षाबल तलाश नहीं कर पाए हैं। हालांकि आज शोपियां में कथित तौर पर अगवा जवान के कपड़े मिलने के बाद व्याप्क तलाशी अभियान छेड़ा गया है।
अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के जिला शोपियां में इमामसाहब के लंढोरा गांव में सर्च आप्रेशन चलाया हुआ है। ऐसी सूचना है कि गांव के कुछ लोगों को एक बाग से कुछ कपड़े मिले हैं, जो उस जवान के बताए जा रहे हैं, जिसका कुछ दिन पहले आतंकवादियों ने अपहरण किया था।
हालांकि अधिकारिक तौर पर पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है परंतु स्थानीय लोगों की इस सूचना के आधार पर ही पुलिस, सेना और सीआरपीएफ के जवानों ने इलाके की घेराबंदी करने के बाद तलाशी अभियान चलाया है। सूत्रों ने बताया कि सूचना के आधार पर जम्मू कश्मीर पुलिस की एसओजी और सेना के जवान मौके पर पहुंचे और उन्होंने गांव के बाहर बाग से एक टी-शर्ट समेत कुछ अन्य सामान मिला है जो अपहृत जवान का बताया जा रहा है।
संयुक्त टीम ने इलाके की घेराबंदी करते हुए सर्च आपरेशन शुरू कर दिया
सामान मिलने के बाद ही संयुक्त टीम ने इलाके की घेराबंदी करते हुए सर्च आपरेशन शुरू कर दिया। यह जानकारी भी मिली है कि अपहृत जवान और इसमें शामिल आतंकवादियों को ढूंढ निकालने के लिए जारी सर्च आप्रेशन में स्निफर डाग्स की मदद भी ली गई है। गांव में आने व बाहर जाने वाले सभी मार्गों को सील कर दिया गया है। जवान हर घर में जाकर तलाशी ले रहे हैं।
जानकारी के लिए 2 अगस्त को दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले से आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री के जवान शाकिर मंज़ूर का उस समय अपहरण कर लिया था जब वह ईद की छुट्टियां घर में काटने के बाद वापस ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए जा रहा था।
आतंकवादियों ने उसका अपहरण करने के बाद उसकी कार को भी आग लगा दी थी। इस घटना के तुरंत बाद सेना, पुलिस व सीआरपीएफ के जवानों ने कई तलाशी अभियान चलाए परंतु जवान का कोई अतापता नहीं चल पाया। अपहृत जवान के परिजनों ने आतंकी संगठनों से यह गुहार भी लगाई कि वह उसे जिंदा छोड़ दे। उसके सही सलामत वापस आते ही वह उसकी सेना की नौकरी छुड़वा देंगे परंतु इसके बावजूद जवान की कोई जानकारी नहीं मिली।