लद्दाख में एलएसी पर तनाव जारी, चीनी सेना भारतीय पक्ष को गश्त करने की अनुमति देने को राजी नहीं, जानिए कारण

By सुरेश एस डुग्गर | Published: November 12, 2020 01:37 PM2020-11-12T13:37:27+5:302020-11-12T13:38:34+5:30

भारतीय पक्ष इसे मानता है कि सेना उन आठ विवादित क्षेत्रों में फिलहाल गश्त आरंभ नहीं कर पाई है जहां चीनी सेना लाभप्रद स्थिति में होने के कारण भारतीय जवानों के लिए खतरा साबित हो सकती है।

Jammu and Kashmir Ladakh Tensions LAC Chinese army not ready allow Indian patrol | लद्दाख में एलएसी पर तनाव जारी, चीनी सेना भारतीय पक्ष को गश्त करने की अनुमति देने को राजी नहीं, जानिए कारण

समझौतों के अनुरूप चीनी सेना ने कदम पीछे हटाए जरूर, पर वे नगण्य ही माने जा सकते हैं। (file photo)

Highlightsकोर कमांडर लेवल की बैठक में भी उठाया जा चुका है पर इसके प्रति लाल सेना कोई बात करने को ही राजी नहीं है।15 जून को गलवान वैली इलाके में हुई खूरेंजी झड़प में 20 जवानों की शहादत के बाद से ही विवादित इलाकों में गश्त रोक दी गई थीं। चीनी सेना के साथ बातचीत से मसला सुलझा लिया जाए। पर वैसा कुछ हुआ नहीं जैसा भारतीय सेना अनुमान लगा रही थी।

जम्मूः लद्दाख में एलएसी से सेना हटाने को हुए मौखिक समझौते के बावजूद चीनी सेना भारतीय पक्ष को फिलहाल गश्त करने की अनुमति देने को राजी नहीं है। एलएसी पर सैंकड़ों किमी के इलाके में तनातनी के कारण इस साल अप्रैल से ही भारतीय पक्ष कहीं भी गश्त नहीं कर पा रहा है।

सेना के बकौल, सेनाएं हटाने का समझौता अभी मौखिक ही है। दोनों पक्षों के हस्ताक्षर करते ही इसे लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। पर चीनी सेना इस समझौते में भारतीय पक्ष को गश्त करने की अनुमति देने की शर्त को शामिल करने को राजी नहीं हैै।

भारतीय पक्ष इसे मानता है कि सेना उन आठ विवादित क्षेत्रों में फिलहाल गश्त आरंभ नहीं कर पाई है जहां चीनी सेना लाभप्रद स्थिति में होने के कारण भारतीय जवानों के लिए खतरा साबित हो सकती है। इस मुद्दे को प्रत्येक कोर कमांडर लेवल की बैठक में भी उठाया जा चुका है पर इसके प्रति लाल सेना कोई बात करने को ही राजी नहीं है।

20 जवानों की शहादत के बाद से ही विवादित इलाकों में गश्त रोक दी गई थीं

आधिकारिक तौर पर 15 जून को गलवान वैली इलाके में हुई खूरेंजी झड़प में 20 जवानों की शहादत के बाद से ही विवादित इलाकों में गश्त रोक दी गई थीं। जबकि सूत्रों के बकौल, अप्रैल में जब चीनी सेना की घुसपैठ और कब्जे की ख्बरें आई थीं तभी से भारतीय पक्ष ने गश्त का खतरा मोल लेने से परहेज किया था। सेनाधिकारी इसे टेम्पोरेरी बताते हुए कहते रहे थे कि भारतीय सेना का मानना था कि पहले चीनी सेना के साथ बातचीत से मसला सुलझा लिया जाए। पर वैसा कुछ हुआ नहीं जैसा भारतीय सेना अनुमान लगा रही थी।

ऐसे विवाद कई पैट्रोलिंग प्वाइंटों पर हैं। कई इलाकों में हालांकि पहले हुए समझौतों के अनुरूप चीनी सेना ने कदम पीछे हटाए जरूर, पर वे नगण्य ही माने जा सकते हैं। गलवान वैली में वह एक किमी पीछे तो गई थी पर उसने बफर जोन बनवा कर एलएसी को ही सही मायने में एक किमी भारतीय क्षेत्र में धकेल दिया था। फिलहाल इस पर मतभेद जारी है।

चीनी सेना मात्र 800 मीटर पीछे हट कर पहाड़ियों पर लाभप्रद स्थिति में आ डटी थी

फिंगर 4 के इलाके को ही लें, चीनी सेना मात्र 800 मीटर पीछे हट कर पहाड़ियों पर लाभप्रद स्थिति में आ डटी थी और वहां से गुजरने वाल भारतीय सेना के गश्ती दल उसके सीधे निशाने पर हैं। सेना के शब्दों में गश्त फिलहाल अस्थाई तौर पर स्थगित की गई है। उनके मुताबिक, ऐसा इसलिए किया गया ताकि चीनी सेना समझौते का पालन कर सके और उनकी वापसी की कार्रवाई के दौरान किसी पक्ष की ओर से कोई उकसावे वाली कार्रवाई न हो सके।

ऐसा ही दौलत बेग ओल्डी तक जाने वाली सड़क पर भी है। वहां भी भारतीय गश्त नहीं है। चीनी सेना पहले ही इस सड़क पर होने वाली भारतीय सेना की गश्त से खुश नहीं थी। वह कई बार इस पर आपत्ति जता चुकी थी। और अब जबकि चीनी सेना को पीछे हटाने के लिए हुए समझौतों के अनुरूप, भारतीय सेना को भी कई इलाकों में पीछे हटना पड़ा पर चीनी सेना नहीं हटी। स्थिति यह है कि चीनी सेना के आक्रामक रूख से बचने के लिए सेना को दौलत बेग ओल्डी तक जाने के लिए एक नए रास्ते को तैयार कराना पड़ा है।

Web Title: Jammu and Kashmir Ladakh Tensions LAC Chinese army not ready allow Indian patrol

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