आठ महीनों से लद्दाख में एलएसी पर डटी चीनी फौज तीन चरणों में पीछे हटने को राजी, जानिए पूरा मामला

By सुरेश एस डुग्गर | Published: November 11, 2020 05:58 PM2020-11-11T17:58:22+5:302020-11-11T17:59:56+5:30

वापसी मई 2021 तक पूरी होने की संभावना है। दोनों पक्षों द्वारा फौज हटाने की सहमति 6 नवंबर को कोर कमांडर स्तर पर चुशूल में  बातचीत के दौरान हुई थी। अधिकारियों के मुताबिक, पहले दौर में दोनो देशों की आर्म्ड व्हीकल यानी कि तोप और टैंक एलओसी से पीछे जाएंगे।

Jammu and Kashmir  Ladakh LAC eight months Chinese army inagreed three phases indian army | आठ महीनों से लद्दाख में एलएसी पर डटी चीनी फौज तीन चरणों में पीछे हटने को राजी, जानिए पूरा मामला

दोनों पक्षों ने यह भी तय किया है वो मिलकर यूएवी के जरिए इसकी निगरानी करेंगे। (file photo)

Highlightsअगले एक हफ्ते में वह 30 परसेंट जवानों को पीछे ले जाने पर सहमति जता चुकी है।दूसरे दौर में पेंगांग लेक के उत्तरी किनारे से दोनों देश अपनी सेना को पीछे हटाएंगे। सेना को फिंगर 8 के पीछे यानी अपनी पुरानी जगह पर ले जाएगा और भारत अपनी सेना को धान सिंह थापा पोस्ट तक लेकर आएगा।

जम्मूः पिछले आठ महीनों से लद्दाख में एलएसी पर डटी हुई चीनी फौज तीन चरणों में पीछे हटने को राजी हो गई है। अगले एक हफ्ते में वह 30 परसेंट जवानों को पीछे ले जाने पर सहमति जता चुकी है।

पर भारतीय पक्ष अभी भी आशंकित है। यह वापसी मई 2021 तक पूरी होने की संभावना है। दोनों पक्षों द्वारा फौज हटाने की सहमति 6 नवंबर को कोर कमांडर स्तर पर चुशूल में  बातचीत के दौरान हुई थी। अधिकारियों के मुताबिक, पहले दौर में दोनो देशों की आर्म्ड व्हीकल यानी कि तोप और टैंक एलओसी से पीछे जाएंगे।

दूसरे दौर में पेंगांग लेक के उत्तरी किनारे से दोनों देश अपनी सेना को पीछे हटाएंगे। चीन अपनी सेना को फिंगर 8 के पीछे यानी अपनी पुरानी जगह पर ले जाएगा और भारत अपनी सेना को धान सिंह थापा पोस्ट तक लेकर आएगा।

तीसरे स्टेप में पैंगांग के दक्षिणी इलाके से दोनों देशों की सेनाएं भी पीछे हटेगी। इस एरिया में भारतीय सेना ने ऊंचाई वाले रणनीतिक पोजीशन पर कब्जा कर रखा है और चीन ने अपनी पोजीशन मजबूत कर ली थी। हालांकि दोनों पक्षों ने यह भी तय किया है वो मिलकर यूएवी के जरिए इसकी निगरानी करेंगे। पर भारतीय पक्ष आशंका से इसलिए भरा हुआ है क्योंकि चीनी सेना की कथनी और करनी हमेशा पाक सेना की तरह अलग रही है। इसलिए भारतीय पक्ष इसको लेकर काफी सतर्क है।

दोनों पक्षों इसलिए भी इस योजना पर तैयार हुए हैं कि फिलहाल पूर्वी लद्दाख में चोटियों पर भारी बर्फबारी हो रही है। करीब 15-16 हज़ार की ऊंचाई पर तापमान माइनस 45 डिग्री तक चला जाता है। इससे दोनों देशों की सैनिको की परेशानी बढ़ सकती है अगर कुछ समाधान निकल जाता है तो सेना पहले की तरह अप्रैल -मई वाली अपनी पुरानी जगह पर चली जायेगी

अगर यह सहमति लागू होती है तो दोनों ओर की सेनाएं अप्रैल-मई वाली अपनी पुरानी स्थिति में वापस अपनी-अपनी जगहों पर लौट जाएंगी। सूत्रों के मुताबिक, मई 2021 तक यथास्थिति बहाल हो जाएगी और चीन सीमा के अग्रिम मोर्चों पर तैनात अपने 400 टैंकों को वापस ले लेगा।

दोनों देशों के बीच पिछले हफ्ते 6 नवंबर को चुशुल में 8वीं कोर कमांडर स्तर की बैठक हुई थी। इसी बैठक में तीन चरणों में पीछे हटने की योजना पर चर्चा की गई थी। सूत्रों ने बताया कि योजना को पैंगांग झील इलाके में हुई बातचीत से एक हफ्ते में पूरा किया जाएगा। इस योजना को तीन चरणों में बांटा गया है।

अधिकारियों की मानें तो योजना के पहले चरण में दोनों देशों की आर्म्ड वीकल यानी टैंक, तोपों और हथियारों से लैस सैन्य वाहनों को सीमा पर तैनाती से एलएसी से एक महत्वपूर्ण दूरी पर वापस ले जाया जाएगा। दोनों देशों के बीच हुई बातचीत के अनुसार, टैंक और सैन्य वाहन एक दिन के अंदर-अंदर वापस अपने स्थानों को भेजे जाएंगे। दोनों देशों के बीच 6 नवंबर को बैठक हुई थी जिसमें विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव और सैन्य संचालन महानिदेशालय के ब्रिगेडियर घई ने हिस्सा लिया था।

दूसरे चरण के तहत, पैंगांग झील के उत्तरी किनारे पर दोनों ओर की सेनाएं वापस अपने स्थानों पर लौटेंगी। इसमें तीन दिनों तक रोजाना अपनी-अपनी सैन्य टुकड़ियों को 30 फीसदी तक हटाएंगी। इस चरण में भारतीय सेना धान सिंह थापा के प्रशासनिक पोस्ट के नजदीक वापस आ जाएगी जबकि चीनी सेना फिंगर 8 से पीछे अपनी पोजिशन पर वापस लौटने को राजी हुई है।

तीसरे और अंतिम चरण के अनुसार, दोनों ओर की सेनाएं चुशुल और रेजांग ला क्षेत्र के आसपास के इलाकों समेत पंगोंग झील क्षेत्र के दक्षिणी किनारे से अपनी वर्तमान स्थिति से वापस लौट जाएंगी। इस इलाके में भारतीय सेना ने ऊंचाई वाले इलाकों में कब्जा किया है जबकि चीन ने भी अपनी पोजिशन यहां मजबूत बना ली थी।

फिलहाल इस वापसी प्लान की सेना ने आधिकारिक घोषणा नहीं की है लेकिन इतना जरूर बताया जा रहा है कि इस योजना को लेकर चीनी सेना की मानसिकता को लेकर बहुत ही सावधानी बरती जा रही है। दरअसल चीनी सेना अभी तक पहले आप पहले आप पर ही अटकी हुई थी।

Web Title: Jammu and Kashmir  Ladakh LAC eight months Chinese army inagreed three phases indian army

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