जम्मू कश्मीरः अनुसूचित जनजाति की लड़की जबीना बशीर ने किया नीट 2021 क्वालीफाई, कहा- ऐसा करनेवाली मैं पहली लड़की
By अनिल शर्मा | Published: February 10, 2022 08:53 AM2022-02-10T08:53:41+5:302022-02-10T10:20:32+5:30
शोपिया की जबीना बशीर ने कहा कि उसके पिता एक किसान हैं। और नीट क्वालीफाई करनेवाली वह पहली अनुसूचित जनजाति की पहली लड़की है।
शोपियाः जम्मू-कश्मीर के शोपियां में एक गुर्जर समुदाय की लड़की जबीना बशीर ने नीट 2021 क्वालीफाई कर एमबीबीएस के लिए चयनित हुई। जबीना ने बताया, "मेरा बचपन से डॉक्टर बनने का सपना था, मुझे जम्मू-कश्मीर के लिए कुछ करना था और अपने समुदाय के बच्चों को प्रोत्साहित कर सकूं।"
जबीना ने कहा कि नीट क्वालीफाई करनेवाली वह जम्मू-कश्मीर की पहली अनुसूचित जनजाति की पहली लड़की है। बकौल जबीना, नीट क्वालीफाई करने वाली मैं अनुसूचित जनजाति की पहली लड़की हूं और मुझे परिवार का बहुत समर्थन मिला।'
जबीना बशीर के पिता एक किसान हैं। वहीं मां आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं। बेटी की उपलब्धि पर दोनों बहुत खुश हैं। जबीना ने कहा, मेरे पापा पेशे से किसान हैं लेकिन किसान होने के बावजूद उनकी सोच अच्छी थी और मुझे उनका समर्थन बहुत मिला। मेरी मां आंगनवाड़ी वर्कर है और उन्होंने मुझे हमेशा सपोर्ट किया है।
जम्मू-कश्मीर: शोपियां में एक गुर्जर समुदाय की लड़की जबीना बशीर ने नीट 2021 क्वालीफाई कर एमबीबीएस के लिए चयनित हुई।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 10, 2022
जबीना ने बताया, "मेरा बचपन से डॉक्टर बनने का सपना था, मुझे जम्मू-कश्मीर के लिए कुछ करना था और अपने समुदाय के बच्चों को प्रोत्साहित कर सकूं।" (09.02) pic.twitter.com/wtOOmRmxkH
गौरतलब है कि तमिलनाडु के नानजप्पनुर गांव की रहनेवाली एक अनुसूचित जनजाति की लड़की एम. सांगवी ने भी नीट 2021 क्वालीफाई किया था। सांगवी ऐसा करनेवाली आदिवासी मालासर समुदाय और अपने गाँव की पहली लड़की बनी हैं। सांगवी 20 साल में ही नीट क्वालीफाई कर अपने समुदाय और गांव का नाम रौशन करने का काम किया। वह ना सिर्फ नीट बल्कि अपने समुदाय में 12वीं पास करनेवालीं भी पहली लड़की बनीं।