पहले इंसानों और अब जानवरों के राजमार्ग पर चलने पर लगाई पाबंदी जम्मू कश्मीर सरकार ने!

By सुरेश डुग्गर | Published: April 12, 2019 06:42 PM2019-04-12T18:42:05+5:302019-04-12T18:44:31+5:30

जम्मू कश्मीर: सुरक्षाबलों के काफिलों की सुरक्षा के लिए हाईवे को सप्ताह में दो दिन आम नागरिकों के लिए बंद रखने के फैसले के बाद राज्य प्रशासन ने अब खानाबदोश गुज्जर समुदाय पर अपने माल मवेशी लेकर जम्मू से कश्मीर तथा पहाड़ों की तरफ जाने पर भी रोक लगा दी है।

Jammu and Kashmir government has imposed restrictions imposed on humans and now on the highways of animals! | पहले इंसानों और अब जानवरों के राजमार्ग पर चलने पर लगाई पाबंदी जम्मू कश्मीर सरकार ने!

पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा महबूबा मुफती ने इस मामले को राजनीतिक रंग देते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में प्रशासन एक के बाद एक जनविरोधी और अन्यायोचित्त फैसले ले रहा है।

Highlightsमार्च माह के अंत में जम्मू के निचले मैदानी इलाकों से जम्मू संभाग के पहाड़ी इलाकों और कश्मीर घाटी में स्थित चरागाहों के लिए प्रस्थान शुरु कर देता है। अक्तूबर माह के अंत में यह फिर निचले इलाकों की तरफ आने लगता है।

अभी सप्ताह में दो दिन जम्मू श्रीनगर नेशनल हाईवे पर इंसानों के चलने पर लगाई गई पाबंदी से पैदा हुआ बवाल थमा नहीं था कि अब राज्यपाल प्रशासन ने इसी हाईवे पर जानवरों की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी है। यह आवाजाही उन जानवरों पर लगाई गई है जो खानाबदोश गुज्जर समुदाय की रोजी रोटी हैं और गर्मियों के कारण पहाड़ों की ओर जाना चाहते हैं।

सुरक्षाबलों के काफिलों की सुरक्षा के लिए हाईवे को सप्ताह में दो दिन आम नागरिकों के लिए बंद रखने के फैसले के बाद राज्य प्रशासन ने अब खानाबदोश गुज्जर समुदाय पर अपने माल मवेशी लेकर जम्मू से कश्मीर तथा पहाड़ों की तरफ जाने पर भी रोक लगा दी है। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस फैसले का विरोध करते हुए राज्यपाल सत्यपाल मलिक से चर्चा भी की है।

राज्य में जारी मौजूदा चुनाव प्रक्रिया के दौरान हाइवे पर किसी तरह की कानून व्यवस्था के संकट की स्थिति पैदा न हो, इस पहलू को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने कथित तौर पर यह प्रक्रिया पूरा होने तक इन लोगों को अपने माल-मवेशी संग पैदल उधमपुर से आगे हाईवे पर चलने पर तथाकथित रोक लगाई है। इस संदर्भ में जब संबधित अधिकारियों से संपर्क किया गया तो उन्होंने इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी साध ली।

यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि खानाबदोश गुज्जर-बक्करवाल समुदाय गाय-भैंस, भेड़-बकरी और घोड़े पालता है। यह गर्मियों की शुरुआत में मार्च माह के अंत में जम्मू के निचले मैदानी इलाकों से जम्मू संभाग के पहाड़ी इलाकों और कश्मीर घाटी में स्थित चरागाहों के लिए प्रस्थान शुरु कर देता है। अक्तूबर माह के अंत में यह फिर निचले इलाकों की तरफ आने लगता है।

अलबत्ता, पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा महबूबा मुफती ने इस मामले को राजनीतिक रंग देते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में प्रशासन एक के बाद एक जनविरोधी और अन्यायोचित्त फैसले ले रहा है। खानाबदोश गुज्जर समुदाय को चुनाव प्रक्रिया के पूरे होने तक अपने माल मवेशी को जम्मू से घाटी ले जाने से रोकना एक संवेदनहीन और गलत फैसला है। यह लोग चुनावों के पूरा होने तक इंतजार नहीं कर सकते।

Web Title: Jammu and Kashmir government has imposed restrictions imposed on humans and now on the highways of animals!

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