लद्दाख को लेकर गतिरोध जारी, भारत-चीन में टकराव की स्थिति, बातचीत बेनतीजा, अलर्ट
By सुरेश एस डुग्गर | Published: August 6, 2020 02:35 PM2020-08-06T14:35:37+5:302020-08-06T14:44:06+5:30
गतिरोध का चिंताजनक पहलू यह है कि दोनों ही देशों की सेनाएं लद्दाख के कई सेक्टरों में टकराव की स्थिति में आमने-सामने हैं। सूत्रों के अनुसार, भारत और चीन के बीच लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों के बीच 5 वें दौर की बातचीत का बेनतीजा रहा है।
जम्मूः लद्दाख में चीनी सेना की घुसपैठ को लेकर होने वाली वार्ता के विफल होने के उपरांत दोनों देशों के बीच इस मामले को लेकर फिलहाल गतिरोध जारी है।
इस गतिरोध का चिंताजनक पहलू यह है कि दोनों ही देशों की सेनाएं लद्दाख के कई सेक्टरों में टकराव की स्थिति में आमने-सामने हैं। सूत्रों के अनुसार, भारत और चीन के बीच लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों के बीच 5 वें दौर की बातचीत का बेनतीजा रहा है।
यह बैठक चीन के अनुरोध पर मोलडो में रविवार को हुई थी जो दस घंटे तक चली थी। इस बार की गबातचीत का हैरानगी वाला पार्ट यह था कि अब चीन ने उल्टा भारत से पैंगोंग त्सो से पीछे हटने को कहा है और इस प्रस्ताव को भारत ने ठुकरा दिया है। चीन ने भारत से फिंगर 4 से भी पीछे हटने को कहा जबकि भारत फिंगर 8 तक पैट्रोलिंग किया करता था और उसे फिंगर 8 को एलएसी मानता है।
फिंगर 4 एलएसी के इस पार भारत के नियंत्रण वाला क्षेत्र रहा है। लेकिन मई महीने से चीनी सेना फिंगर 4 पर आ चुकी थी बाद में बातचीत के बाद चीनी सेना फिंगर 5 पर चली गई। भारतीय सेना को अब भी चीनी सेना फिंगर 8 तक पैट्रोलिंग करने के लिए आगे नहीं बढ़ने दे रही। जिसका परिणाम यह है कि दोनों के बीच टकराव तनावपूर्ण होता दिख रहा है।
अजित डोभाल की अध्यक्षता वाली बीपदं स्टडी ग्रुप ने अध्ययन किया
चीन के प्रस्ताव को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की अध्यक्षता वाली बीपदं स्टडी ग्रुप ने अध्ययन किया। जिसके बाद सेना ने हाटलाइन के जरिये चीन को बता दिया कि उसका प्रस्ताव भारत को मंजूर नहीं है। रविवार को हुई बातचीत में चीन भी पैंगोंग त्सो से पीछे नहीं हटने पर अड़ा रहा था।
भारत ने एलएसी पर तनाव कम करने के लिए चीन के पीछे हटने और अप्रैल की यथास्थिति कायम करने की शर्त रखी थी। जबकि अब चीन भारत को अतिक्रमणकारी करार देते हुए उसे ही पीछे हटने को कह रहा है। सेना अधिकारियों के बकौल, गोगरा हॉट स्प्रिंग के पैट्रोलिंग पॉइंट 17 और 17-ए से भी अब चीनी सेना पीछे नहीं हट रही और डिसइनगेजमेंट प्रक्रिया का पालन नहीं कर रही है।
रक्षा मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर एक डाक्यूमेंट अपलोड किया है जिसमें उसने स्वीकार किया है कि मई महीने से चीन लगातार एलएसी पर अपना अग्रेशन बढ़ाता जा रहा है खासतौर से गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो, गोगरा हॉट स्प्रिंग जैसे क्षेत्रों में। इस दस्तावेज के मुताबिक, 5 मई के बाद से चीन का यह आक्रामक रूप एलएसी पर नजर आ रहा है और 5 और 6 मई को ही गलवान वैली इलाके में भारत और चीन की सेना के बीच में हिंसक झड़प हुई थी।