एलएसी से चीनी सेना की वापसी, मात्र 2 किमी पीछे, जानिए क्या है मामला

By सुरेश एस डुग्गर | Published: July 10, 2020 04:35 PM2020-07-10T16:35:00+5:302020-07-10T16:35:00+5:30

2 हजार किमी पीछे से लाया गया था। अब जो वापसी हुई है वह सिर्फ दो स्थानों से हुई है और मात्र 2 किमी पीछे ही चीनी सेना गई है। हालांकि इसकी जमीनी पुष्टि होना अभी बाकी है। यही नहीं वापस जाने वालों की संख्या 400 से अधिक नहीं है। 15 जून को गलवान वैली में खूरेंजी झड़प वाले स्थान से भी चीनी सैनिक पीछे हटे हैं।

Jammu and Kashmir Galwan Valley Clash Leh china-india army Return of Chinese Army from LAC 2 km behind | एलएसी से चीनी सेना की वापसी, मात्र 2 किमी पीछे, जानिए क्या है मामला

फिलहाल अब दोनों के बीच करीब 4 किमी की दूरी हो जाएगी। (file photo)

Highlightsतकरीबन 200-300 ही सैनिकों ने अपने तम्बुओं को उखाड़ा है। वे पीपी-14 के लिए खतरा बने हुए थे। पीपी-15 से भी इतनी ही संख्या में चीनी सैनिकों को वापस लौटाने में भारतीय सेना कामयाब हुई है। पीपी-15 को हाट स्प्रिंगस व गोगरा के नाम से भी जाना जाता है।चीनी तोपखाने और टैंक व मिसाइल उससे पीछे के पठार में हैं। पीपी-14 में दोनों सेनाएं आमने-सामने टकराव वाली स्थिति में थीं।

जम्मूः लद्दाख सीमा से चीनी सैनिकों की वापसी पर खुशी नहीं मनाई जा सकती है। कारण स्पष्ट है। तीन महीनों के भीतर चीन ने 40 हजार से अधिक फौजियों को टैंक, तोप और मिसाइलों के साथ लद्दाख सीमा के 6 से अधिक विवादित स्थानों पर तैनात किया था।

इनको 2 हजार किमी पीछे से लाया गया था। अब जो वापसी हुई है वह सिर्फ दो स्थानों से हुई है और मात्र 2 किमी पीछे ही चीनी सेना गई है। हालांकि इसकी जमीनी पुष्टि होना अभी बाकी है। यही नहीं वापस जाने वालों की संख्या 400 से अधिक नहीं है। 15 जून को गलवान वैली में खूरेंजी झड़प वाले स्थान से भी चीनी सैनिक पीछे हटे हैं।

तकरीबन 200-300 ही सैनिकों ने अपने तम्बुओं को उखाड़ा है। वे पीपी-14 के लिए खतरा बने हुए थे। ठीक इसी प्रकार पीपी-15 से भी इतनी ही संख्या में चीनी सैनिकों को वापस लौटाने में भारतीय सेना कामयाब हुई है। पीपी-15 को हाट स्प्रिंगस व गोगरा के नाम से भी जाना जाता है।

जिन दो इलाकों से लाल सेना पीछे हटी, वहां सिर्फ कुछ तम्बु और कुछ सैनिक वाहन ही थे। चीनी तोपखाने और टैंक व मिसाइल उससे पीछे के पठार में हैं। पीपी-14 में दोनों सेनाएं आमने-सामने टकराव वाली स्थिति में थीं। फिलहाल अब दोनों के बीच करीब 4 किमी की दूरी हो जाएगी।

वह ऐसे की चीनी सेना ने दो किमी पीछे हटना स्वीकार करते हुए भारतीय सेना को भी गलवान वैली क्षेत्र से 2 किमी पीछे जाने के लिए मजबूर ही नहीं किया बल्कि उसकी गश्त पर भी रोक लगा दी। दूसरे शब्दों में कहे तो गलवान वैली एरिया में जो बफर जोन बनाया गया है वह भारतीय क्षेत्र में ही बना है।

दरअसल यह चीनी क्लेम लाइन है। नए समझौते के अनुसार, भारतीय सेना अब पीपी-14 तक गश्त नहीं करेगी। ऐसा ही समझौता पीपी-15 के लिए भी है। रक्षा सूत्रों के बकौल लद्दाख सीमा पर यह घाटे का सौदा है क्योंकि हर बार की तरह चीनी सेना ने अपनी ही बात मनवाई है और भारतीय सेना ने मात्र आमने-सामने के टकराव की स्थिति को टालने की खातिर उसकी ‘शर्तों’ को अक्सर माना है।

Web Title: Jammu and Kashmir Galwan Valley Clash Leh china-india army Return of Chinese Army from LAC 2 km behind

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे