जम्मू-कश्मीरः ईडी के समक्ष पेश हुए पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर और महबूबा ने कहा- बदले की कार्रवाई, जानिए पूरा मामला
By सुरेश एस डुग्गर | Published: October 19, 2020 04:28 PM2020-10-19T16:28:02+5:302020-10-19T17:29:32+5:30
जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन में कथित करोड़ों रुपयों के हुए घोटाले में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के प्रधान डा फारूक अब्दुल्ला से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बार फिर पूछताछ की है। डा फारूक अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के उस समय प्रधान थे।
जम्मूः डा फारूक अब्दुल्ला से प्रवर्तन निदेशालय अर्थात ईडी द्वारा पूछताछ करने पर जम्मू कश्मीर में राजनीति भी गरमा गई है। नेकां समेत राजनीतिक दलों का आरोप है कि भाजपा सरकार गुपकार घोषणा का बदला लेने की खातिर अब ऐसे हथकंडे अपनाने लगी है।
दरअसल जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन में कथित करोड़ों रुपयों के हुए घोटाले में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के प्रधान डा फारूक अब्दुल्ला से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बार फिर पूछताछ की है। डा फारूक अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के उस समय प्रधान थे।
दरअसल सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय ने डा फारूक अब्दुल्ला को एक बार फिर समन भेजकर पूछताछ के लिए अपने कार्यालय में बुलाया। इसके बाद नेशनल कांफ्रेंस के नेताओं सहित पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने भी प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई को बदले की कार्रवाई करार दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई को राजनीतिक बदला करार दिया। उन्होंने कहा कि गुपकार घोषणा पत्र के बाद बने पीपुल्स एलांस के बाद ही केंद्र सरकार ने उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री डा अब्दुल्ला के खिलाफ राजनीति से प्रेरित होकर कार्रवाई की। नेशनल कांफ्रेंस ईडी के इस समन का जल्द जवाब देगी। उन्होंने यह भी साफ किया कि डा फारूक अब्दुल्ला के घर में ईडी की कोई छापामारी नहीं हुई है।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रधान महबूबा मुफ्ती ने भी डा फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ हुई कार्रवाई को केंद्र सरकार की साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के सभी मुख्यधारा के राजनीतिक दल एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। केंद्र सरकार इसी के खिलाफ राजनीति से प्रेरित होकर ऐसी कार्रवाई कर रही है।
इसके अलावा नेशनल कांफ्रेंस ने भी पूर्व मुख्यमंत्री को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पूछताछ के लिए बुलाने पर कड़ी आपत्ति जताई है। पार्टी ने एक बयान में कहा कि भाजपा डा फारूक अब्दुल्ला से राजनीतिक लड़ाई हारने के बाद इस तरह की कार्रवाई एजेंसियों के माध्यम से कर रही है।
जानकारी के लिए बीसीसीआइ ने 2002 से 2011 के बीच राज्य में क्रिकेट सुविधाओं के विकास के लिए 112 करोड़ रुपये दिए थे, लेकिन इस राशि में से 43.69 करोड़ रुपये का कथित तौर पर गबन कर लिया गया। सीबीआई ने जम्मू कश्मीर क्रिकेट संघ के कोष में कथित अनियमितताओं और गबन के मामले में फारुक अब्दुल्ला समेत तत्कालीन महासचिव मोहम्मद सलीम खान, तत्कालीन कोषाध्यक्ष अहसान अहमद मिर्जा और जेएंडके बैंक के एक कर्मचारी बशीर अहमद मिसगर पर आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोप लगाते हुए श्रीनगर की एक अदालत में गत माह आरोपपत्र दाखिल किया था।
This questioning has been going on for many years, it is nothing new. I am not going to say anything. The Court will decide what is to be done. I am not worried: Farooq Abdullah, former J&K CM https://t.co/JgmN83GGD2pic.twitter.com/oazH1grxNw
— ANI (@ANI) October 19, 2020