लद्दाख गतिरोधः PLA के 40-50 जवान मुखपारी चोटी की ओर बढ़े थे, हवा में 10-15 बार गोलियां चलाईं, छड़, भाले और धारदार हथियार ले रखे थे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 8, 2020 07:26 PM2020-09-08T19:26:20+5:302020-09-08T22:09:51+5:30
लद्दाख गतिरोध पर सरकारी सूत्र ने कहा कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के करीब 50 सैनिक सोमवार को शाम करीब छह बजे मुखपारी चोटी के पास स्थित भारतीय चौकी की ओर आक्रामक तरीके से बढ़ रहे थे। चीन की सेना का प्रयास भारतीय सैनिकों को लद्दाख में मुखपारी चोटी और रेकिन ला क्षेत्रों में स्थित सामरिक चोटियों से हटाना था।
नई दिल्लीः LAC पर चीनी सेना ने फायरिंग की और भारतीय सेना ने गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया। 40 साल के बाद गोलीबारी हुई। चीनी सैनिक वापस कदम खींच लिए।
लद्दाख गतिरोध पर सरकारी सूत्र ने कहा कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के करीब 50 सैनिक सोमवार को शाम करीब छह बजे मुखपारी चोटी के पास स्थित भारतीय चौकी की ओर आक्रामक तरीके से बढ़ रहे थे। चीन की सेना का प्रयास भारतीय सैनिकों को लद्दाख में मुखपारी चोटी और रेकिन ला क्षेत्रों में स्थित सामरिक चोटियों से हटाना था।
भारत सरकार के सरकारी सूत्रों ने लद्दाख गतिरोध पर कहा कि पैंगोंग झील क्षेत्र के दक्षिणी तट के आसपास में स्थित सामरिक चोटियों पर भारत की स्थिति मजबूत है। पूर्वी लद्दाख में भारतीय चौकी की ओर सोमवार शाम को आक्रामक तरीके से बढ़ रहे चीनी सैनिकों ने छड़, भाले और धारदार हथियार ले रखे थे। जब भारतीय सेना ने सोमवार शाम में चीन की पीएलए को रोका तो उन्होंने हमारे सैनिकों को भयभीत करने के लिए हवा में 10-15 बार गोलियां चलाईं।
पूर्वी लद्दाख में रेजांग-ला रिजलाइन के मुखपारी क्षेत्र स्थित एक भारतीय चौकी की ओर सोमवार शाम में आक्रामक तरीके से बढ़ने का प्रयास करने वाले चीनी सैनिकों ने छड़, भाले, रॉड आदि हथियार ले रखे थे। यह बात सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को कही।
तैनात भारतीय सेना के जवानों ने दृढ़ता से उनका सामना किया
वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव बढ़ने के बीच सूत्रों ने कहा कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के लगभग 50-60 सैनिक शाम छह बजे के आसपास पैंगोंग झील क्षेत्र के दक्षिणी तट स्थित भारतीय चौकी की ओर बढ़े लेकिन वहां तैनात भारतीय सेना के जवानों ने दृढ़ता से उनका सामना किया, जिससे उन्हें पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा। उल्लेखनीय है कि चीन के सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में 15 जून को हुई झड़पों के दौरान पत्थरों, कील लगे डंडों, लोहे की छड़ों आदि से भारतीय सैनिकों पर बर्बर हमला किया था, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे।
सरकारी सूत्रों ने कहा कि हो सकता है कि चीन की सेना ने योजना बनायी हो कि सोमवार शाम में भारतीय सेना को उसी तरह की झड़प में फंसाया जाए जैसी झड़प गलवान घाटी में हुई थी क्योंकि उसके सैनिकों ने छड़, भाले और 'गुआनदाओ' आदि हथियार ले रखे थे। ‘गुआनदाओ' एक तरह का चीनी हथियार है जिसका इस्तेमाल चीनी ‘मार्शल आर्ट’ के कुछ स्वरूपों में किया जाता है। इसके ऊपर धारदार ब्लेड लगा होता है। जब भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों को वापस जाने के लिए मजबूर किया, तो उन्होंने भारतीय सैनिकों को भयभीत करने के लिए हवा में 10-15 गोलियां चलाईं।
वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 45 साल के अंतराल के बाद गोली चली है। इससे पहले एलएसी पर गोली चलने की घटना 1975 में हुई थी। सूत्रों ने बताया कि भारतीय सैनिकों ने किसी आग्नेयास्त्र का इस्तेमाल नहीं किया। सूत्रों ने कहा कि चीन के सैनिकों का प्रयास भारतीय सेना को मुखपारी और रेजांग-ला क्षेत्रों में स्थित रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चोटियों से हटाना था।
पीएलए की नजर पिछले तीन-चार दिनों से रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चोटियों पर कब्जा करने पर है
सूत्रों ने कहा कि पीएलए की नजर पिछले तीन-चार दिनों से रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चोटियों पर कब्जा करने पर है। सूत्रों ने बताया कि चीन के सैनिकों ने सोमवार शाम में एक लोहे की बाड़ को क्षतिग्रस्त कर दिया, जिसे भारतीय सैनिकों ने क्षेत्र में लगाया था। मोल्डो क्षेत्र स्थित प्रमुख चीनी संरचनाओं के सामने पैंगोंग झील क्षेत्र के दक्षिणी तट के आसपास रणनीतिक चोटियों पर भारत की स्थिति मजबूत बनी हुई है।
पीएलए ने सोमवार रात में आरोप लगाया था कि भारतीय सैनिकों ने एलएसी पार की और पैंगोंग झील के पास ‘‘गोलीबारी की।’’ भारतीय सेना ने मंगलवार को आरोपों को खारिज किया। भारतीय सेना ने चीन की पीएलए के आरोपों को मंगलवार को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उसने कभी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पार नहीं की या गोलीबारी समेत किसी आक्रामक तरीके का इस्तेमाल नहीं किया। एक बयान में, भारतीय सेना ने कहा कि यह पीएलए है जो समझौतों का खुलेआम उल्लंघन कर रही है और आक्रामक युक्तियां अपना रही है जबकि सैन्य, कूटनीतिक एवं राजनीतिक स्तर पर बातचीत जारी है। भाषा अमित दिलीप दिलीप
भारतीय सेना ने चीन की जनमुक्ति सेना (पीएलए) द्वारा उसपर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पार करने के लगाए गए आरोपों को मंगलवार को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि चीनी सैनिकों ने सोमवार को हवा में गोलियां चलाईं और पूर्वी लद्दाख में भारतीय ठिकाने के करीब आने की कोशिश की। सेना की ये टिप्पणियां तब आई हैं जब पीएलए ने सोमवार देर रात को आरोप लगाया था कि भारतीय सैनिकों ने एलएसी पार की और पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के पास चेतावनी देने के लिए गोलियां चलाईं।
Chinese soldiers armed with stick machetes during their deployment along the Line of Actual Control (LAC) in Eastern Ladakh sector. pic.twitter.com/QmSGkJLoYw
— ANI (@ANI) September 8, 2020
दोनों देशों की सीमा पर गोलियां चलने की घटना 1975 में हुई थी
एलएसी पर बंदूकों का इस्तेमाल सीमा विवाद के गंभीर तरीके से बढ़ने का संकेत देता है क्योंकि इससे पहले दोनों देशों की सीमा पर गोलियां चलने की घटना 1975 में हुई थी। भारत और चीन का एक-दूसरे पर आरोप लगाना ऐसे समय में हो रहा है जब महज चार दिन पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके समकक्ष जनरल वेई फेंगही ने सीमा पर तनाव कम करने के तरीकों पर मॉस्को में चर्चा की थी।
उन्होंने पिछले शुक्रवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) बैठक से इतर शुक्रवार को मुलाकात की थी। एक बयान में, भारतीय सेना ने कहा कि किसी भी वक्त भारतीय सैनिकों ने एलएसी पार नहीं की या गोलीबारी समेत किसी आक्रामक तरीके का इस्तेमाल नहीं किया। सेना ने कहा, “किसी भी मौके पर भारतीय सेना ने एलएसी पार नहीं की या गोलीबारी समेत किसी आक्रामक साधन का इस्तेमाल नहीं किया। यह पीएलए है जो समझौतों का खुलेआम उल्लंघन कर रही है और आक्रामक युक्तियां अपना रही है जबकि सैन्य, कूटनीतिक एवं राजनीतिक स्तर पर बातचीत जारी है।”
लोगों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करने का प्रयास करार दिया
सेना ने कहा, “सात सितंबर के ताजा मामले में, पीएलए के सैनिकों ने एलएसी के पास हमारे एक अग्रिम ठिकाने तक आने की कोशिश की और जब हमारे सैनिकों ने उन्हें रोका तो उन्होंने भारतीय सैनिकों को डराने के प्रयास में हवा में कुछ राउंड गोलियां चलाईं।” उसने कहा कि गंभीर उकसावे के बावजूद, भारतीय सैनिकों ने अत्यंत संयम बरता और परिपक्व एवं जिम्मेदार तरीके से व्यवहार किया। सेना ने पीएलए के ‘वेस्टर्न थियेटर कमांड’ के बयान को उनके अपने लोगों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करने का प्रयास करार दिया।
सेना ने कहा, “भारतीय सेना शांति एवं सौहार्द बरकरार रखने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन वह हर हाल में राष्ट्रीय संप्रभुता एवं अखंडता की रक्षा के लिए भी दृढ़ संकल्प है।” इसने कहा, “भारत एलएसी से पीछे हटने और तनावपूर्ण स्थिति को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन चीन स्थिति को तनावपूर्ण बनाने के लिए उकसावे वाली हरकतें कर रहा है।”
पीएलए के वेस्टर्न थियेटर कमांड के प्रवक्ता, वरिष्ठ कर्नल झांग शुइली ने एक बयान में आरोप लगाया कि भारतीय सैनिकों ने अवैध रूप से एलएसी पार की और बात करने के इच्छुक चीनी सीमा पर गश्त रहे सैनिकों पर चेतावनी देने के लहजे में गोलियां चलाईं। उन्होंने इस बारे में विस्तार से कोई जानकारी दिए बिना कहा कि चीनी सैनिकों को स्थिति को स्थिर करने के लिए मजबूरन जवाबी कदम उठाने पड़े।
शेनपाओ पर्वतीय क्षेत्र में चीन-भारत सीमा के पश्चिमी भाग पर एलएसी पार की
उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय सैनिकों ने पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे के पार शेनपाओ पर्वतीय क्षेत्र में चीन-भारत सीमा के पश्चिमी भाग पर एलएसी पार की। इससे अलग, विदेश मंत्रालय ने कुछ टिप्पणयों को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल से जोड़कर बताने वाली चीनी मीडिया की खबरों को गलत करार दिया है।
मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा, “हमने चाइना डेली और ग्लोबल टाइम्स समेत चीनी मीडिया में आ रही खबरें देखी हैं जिसने कुछ टिप्पणियों को एनएसए अजित डोभाल का बताया है। ये खबरें पूरी तरह गलत हैं और तथ्य आधारित नहीं हैं। हम मीडिया से अपील करते हैं कि वे ऐसी अटकलबाजी वाली रिपोर्टिंग से बाज आएं।”
पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर तनाव गलवान घाटी में 15 जून को हुई झड़पों के बाद बढ़ गया था जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। चीन के भी सैनिक हताहत हुए थे लेकिन उसने इसके ब्योरे अब तक नहीं दिए हैं। अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन के 35 सैनिक इन झड़पों में हताहत हुए थे। सीमा पर स्थिति दोबारा बिगड़ गई थी जब चीन ने 29 और 30 अगस्त की दरम्यानी रात को पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर स्थित भारतीय सीमा पर कब्जा करने का असफल प्रयास किया था।
भारत ने चीनी कार्रवाई को विफल करने के लिए पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर कई सामरिक चोटियों पर अपना नियंत्रण किया हुआ है और क्षेत्र में फिंगर 2 और फिंगर 3 इलाके में अपनी मौजूदगी बढ़ा दी है। चीन ने भारत के इस कदम पर कड़ी आपत्ति जताई है। हालांकि, भारत का कहना है कि ये चोटियां एलएसी में उसकी तरफ पड़ती हैं। भारत ने एलएसी पार करने की चीन की कोशिशों के बाद संवेदनशील क्षेत्र में अतिरिक्त सैनिकों एवं हथियारों की तैनाती की है।