जम्मू-कश्मीरः अब कुलगाम में तीन आतंकी ढेर, डीएसपी समेत दो जवान शहीद और चार गंभीर रूप से घायल
By सुरेश डुग्गर | Published: February 24, 2019 07:54 PM2019-02-24T19:54:42+5:302019-02-24T19:54:42+5:30
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि रविवार को तुरीगाम इलाके में जैश के आतंकियों के होने की जानकारी मिली थी। इसके बाद इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। आतंकियों ने पकड़े जाने के डर से सुरक्षाबलों पर फायरिंग कर दी।
कुलगाम जिले में हुई मुठभेड़ के दौरान तीन आतंकी मारे गए हैं। इस ऑपरेशन में जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी ऑपरेशन कुलगाम शहीद हुए हैं जबकि सेना का भी एक जवान शहीद हुआ है। बताया जा रहा है कि इस मुठभेड़ में अबतक चार जवान गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। स्थानीय लोगों ने सुरक्षाबलों पर जमकर पथराव किया। घटना के बाद पूरे इलाके में सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है। स्थिति न बिगड़े इसलिए मोबाइल इंटरनेट को ठप कर दिया गया है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि रविवार को तुरीगाम इलाके में जैश के आतंकियों के होने की जानकारी मिली थी। इसके बाद इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। आतंकियों ने पकड़े जाने के डर से सुरक्षाबलों पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में दो आतंकियों को मौके पर ही ढेर कर दिया गया। मारे गए आतंकियों में दो स्थानीय तथा एक पाक नागरिक है।
इस ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे डोडा निवासी व डीएसपी ऑपरेशन (कुलगाम) अमन ठाकुर गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें स्थानीय के बाद सैन्य अस्पताल ले जाया गया पर उन्हें बचाया नहीं जा सका। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों की पहचान नहीं हो पाई है।
शहीद अमन ठाकुर 2011 बैच के अधिकारी थे। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि हमने एक बहादुर अधिकारी को खो दिया है। वह एक फाइटर थे और उन्होंने ऑपरेशन का नेतृत्व खुद किया। ठाकुर डेढ़ साल पहले दक्षिण कश्मीर के आतंकवाद प्रभावित क्षेत्र कुलगाम में डीएसपी ऑपरेशन के रूप में तैनात थे। इससे पहले उन्होंने कई अभियानों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया था। पिछले महीने ही उन्हें अनुकरणीय सेवा के लिए सम्मानित किया गया था।
याद रहे पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर 14 फरवरी को हुए हमले के बाद सुरक्षा बलों ने घाटी में आतकंवादियों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। इससे पहले 18 फरवरी को सुरक्षा बलों ने पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर कामरान उर्फ गाजी राशिद समेत तीन आतंकियों को मार गिराया था। सुरक्षा बलों ने दावा किया था कि कामरान वही आतंकी था, जिसने 14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले की साजिश रची थी, जिसमें सीआरपीएफ के 52 जवान शहीद हो गए थे। एक आतंकी ने आईडी से भरी एसयूवी को सीआरपीएफ जवानों की बस में टक्कर मार दी थी।
पुलवामा में 17 फरवरी को शुरू हुई मुठभेड़ करीब 18 घंटे बाद 18 फरवरी को मुठभेड़ खत्म हुई थी। वहीं इस कार्रवाई में एक मेजर समेत 5 जवान शहीद हो गए थे। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक डीआईजी रैंक के अधिकारी और सेना के एक ब्रिगेडियर भी घायल हुए थे।