जम्मू-कश्मीर: इस महीने कुल 9 मुठभेड़ों में 15 आतंकी किए गए ढेर, इतने ही सुरक्षाकर्मियों ने दी शहादत
By सुरेश एस डुग्गर | Published: May 31, 2020 03:50 PM2020-05-31T15:50:17+5:302020-05-31T16:01:54+5:30
इस आंकडे में वे 3 नागरिक भी शामिल हैं जो श्रीनगर में हुई मुठभेड़ में मुठभेड़ वाले घर की दीवारें गिरने से नीचे दब कर मारे गए थे।
जम्मू: कश्मीर में फैले आतंकवाद के इतिहास में इस साल का मई महीना ऐसा पहला महीना है जिसमें कुल 15 आतंकी मारे गए और इस कामयाबी के लिए 15 ही सुरक्षाकर्मियों की शहादत देनी पड़ी। इसके लिए कुल 9 मुठभेड़ें हुई थीं और सुरक्षाबलों पर 4 हमले भी।
हालांकि इस महीने कुल 36 लोगों की जानें गई हैं। इनमें अगर 15 आतंकी भी शामिल थे तो 3 बेकसूर नागरिक भी मारे गए। साथ ही 15 आतंकियों को मार गिराने की कीमत भी सुरक्षाबलों को चुकानी पड़ी जिनके बराबर ही 15 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए। इस आंकडे में वे 3 नागरिक भी शामिल हैं जो श्रीनगर में हुई मुठभेड़ में मुठभेड़ वाले घर की दीवारें गिरने से नीचे दब कर मारे गए थे।
मई महीने में शहीद होने वाले 15 सुरक्षाकर्मियों में सबसे अधिक नुक्सान सेना को हुआ है जिसने इस कामयाबी के लिए अपने 7 जवान गवां दिए तो केरिपुब व जम्मू कश्मीर पुलिस के 3-3 जवान शहादत पा गए। जबकि कई सालों के बाद आतंकियों द्वारा बीएसएफ पर किए गए हमले में बीएसएफ ने भी अपने दो जवान खो दिए।
इतना जरूर था कि इस महीने में कई आतंकी कमांडरों को ढेर करने की कामयाबी भी मिली थी। जिसमें हिज्ब के इनामी कमांडर रियाज नायकू से लेकर हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष के बेटे जुनैद सहराई भी शामिल था।
मई महीने में सुरक्षाबलों को सबसे बड़ा धक्का उस समय लगा था जब आतंकी मुठभेड़ में फंस कर सेना के कर्नल आशुतोष, मेजर अनुज और तीन अन्य जवान शहादत का जाम पी गए थे। करीब पांच सालों के बाद सेना ने अपने कर्नल रैंक के अधिकारी को कश्मीर में आतंकी मुठभेड़ में खोया था।
जम्मू, 31 मई। कश्मीर में फैले आतंकवाद के इतिहास में इस साल का मई महीना ऐसा पहला महीना है जिसमें कुल 15 आतंकी मारे गए और इस कामयाबी के लिए 15 ही सुरक्षाकर्मियों की शहादत देनी पड़ी। इसके लिए कुल 9 मुठभेड़ें हुई थीं और सुरक्षाबलों पर 4 हमले भी।
हालांकि इस महीने कुल 36 लोगों की जानें गई हैं। इनमें अगर 15 आतंकी भी शामिल थे तो 3 बेकसूर नागरिक भी मारे गए। साथ ही 15 आतंकियों को मार गिराने की कीमत भी सुरक्षाबलों को चुकानी पड़ी जिनके बराबर ही 15 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए। इस आंकडे मंे वे 3 नागरिक भी शामिल हैं जो श्रीनगर में हुई मुठभेड़ में मुठभेड़ वाले घर की दीवारें गिरने से नीचे दब कर मारे गए थे।
मई महीने में शहीद होने वाले 15 सुरक्षाकर्मियों में सबसे अधिक नुक्सान सेना को हुआ है जिसने इस कामयाबी के लिए अपने 7 जवान गवां दिए तो केरिपुब व जम्मू कश्मीर पुलिस के 3-3 जवान शहादत पा गए। जबकि कई सालों के बाद आतंकियों द्वारा बीएसएफ पर किए गए हमले में बीएसएफ ने भी अपने दो जवान खो दिए।
इतना जरूर था कि इस महीने में कई आतंकी कमांडरों को ढेर करने की कामयाबी भी मिली थी। जिसमें हिज्ब के इनामी कमांडर रियाज नायकू से लेकर हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष के बेटे जुनैद सहराई भी शामिल था।
मई महीने में सुरक्षाबलों को सबसे बड़ा धक्का उस समय लगा था जब आतंकी मुठभेड़ में फंस कर सेना के कर्नल आशुतोष, मेजर अनुज और तीन अन्य जवान शहादत का जाम पी गए थे। करीब पांच सालों के बाद सेना ने अपने कर्नल रैंक के अधिकारी को कश्मीर में आतंकी मुठभेड़ में खोया था।