जम्मूः भीषण गर्मी में 12 घंटे की बिजली कटौती और पहाड़ों पर जाने की पाबंदी, लोगों को पसंद नहीं आ रहा सरकारी आदेश
By सुरेश एस डुग्गर | Published: June 14, 2021 04:11 PM2021-06-14T16:11:18+5:302021-06-14T16:19:46+5:30
पिछले एक हफ्ते से जम्मू में तापमान 43 डिग्री होने पर बिजली विभाग ने अपनी नाकामियों को छुपाने की खातिर पूरे प्रदेश में 8 से 12 घंटों की बिजली कटौती का शेडयूल जारी कर दिया। भीषण गर्मी में यह फैसला किसी कुठाराघात से कम नहीं था।
जम्मूः अगर आप हेडिंग पढ़ेंगे तो आपको लगेगा क्या यह खबर हो सकती है। पर यह सच है कि जम्मू की जनता को ऐसे दौर से गुजरना पड़ रहा है, जहां प्रशासन की बेरुखी का खमियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है। पिछले एक हफ्ते से जम्मू में तापमान 43 डिग्री होने पर बिजली विभाग ने अपनी नाकामियों को छुपाने की खातिर पूरे प्रदेश में 8 से 12 घंटों की बिजली कटौती का शेडयूल जारी कर दिया। भीषण गर्मी में यह फैसला किसी कुठाराघात से कम नहीं था।
दरअसल कई सालों से बिजली विभाग 24 घंटे बिजली देने का वादा करते हुए तीन बार मीटर बदल चुका है। अब स्मार्ट मीटर लगाने की कवायद आरंभ हुई पर गारंटी इस बात की भी नहीं है कि बिजली कटौती नहीं होगी। यहीं पर प्रशासन की बेरुखी और अत्याचार खत्म नहीं हुए हैं। गर्मी से बचने की खातिर जम्मू के लोगों ने पहाड़ों की ओर रुख किया तो उस पर भी कोरोना कर्फ्यू के नाम पर पाबंदी लगा दी गई।
कोरोना टेस्ट की अनिवार्यता
जम्मूवासियों के लिए पटनीटॉप और सनासर के दो पर्यटन स्थल हमेशा से ही पहली पसंद रहे हैं। पर यह शायद प्रशासनिक अधिकारियों को पसंद नहीं है। यही कारण था कि उसने इन दोनों पर्यटन स्थलों पर धारा 144 के तहत पाबंदियों को लागू कर दिया। साथ ही स्थानीय लोगों के लिए यह शर्त रख दी कि अगर पहाड़ों की सैर करनी है तो कोरोना टेस्ट करवाना होगा या कोरोना टेस्ट रिपोर्ट लाने के साथ ही होटलों में बुकिंग भी पक्की करनी होगी।
प्रशासन के फैसलों का हो रहा विरोध
प्रशासन ने उन घूमने वालों पर प्रतिबंध लागू कर दिया जो सुबह जाकर रात को वापस लौटना चाहते थे। याद रहे जम्मू शहर से पटनीटॉप महज 120 किमी की दूरी पर है और अधिकतर लोग सुबह जाकर रात को वापस लौट आते हैं। प्रशासन के इन फैसलों का जबरदस्त विरोध भी हो रहा है।