जामिया वीडियो: कांग्रेस का आरोप, सत्तारूढ़ दल बेगुनाह छात्रों पर हमले करवाते 'रंगे हाथों' पकड़ा गया, बीजेपी ने दिया ये जवाब
By भाषा | Published: February 18, 2020 12:22 AM2020-02-18T00:22:46+5:302020-02-18T00:22:46+5:30
जेसीसी जामिया मिल्लिया इस्लामिया के वर्तमान और पूर्व छात्रों का संगठन है जिसे 15 दिसंबर 2019 को कथित पुलिस बर्बरता के बाद गठित किया गया था। इसकी ओर से जारी वीडियो को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को साझा किया था।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पुस्तकालय में दिसंबर में सुरक्षा बलों द्वारा विद्यार्थियों को पीटने के कुछ वीडियो क्लिपों पर सोमवार को सियासत गर्मा गई। भाजपा ने कांग्रेस पर घटना को ‘राजनीतिक रंग’ देने का आरोप लगाया तो विपक्षी पार्टी का इल्ज़ाम है कि सरकार ‘दबंगों’ के तौर पर पुलिस का ‘दुरुपयोग’ कर रही है। यह विवाद ‘वीडियो बनाम वीडियो’ से शुरू हुआ है। दरअसल जामिया समन्वय समिति (जेसीसी) ने दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की ‘लीक’ वीडियो के जवाब में ओल्ड रीडिंग हॉल में पुलिस की कथित ‘बर्बरता’ की सीसीटीवी फुटेज जारी कर दी।
अपराध शाखा की ‘लीक’ वीडियो में कथित रूप से दिख रहा है कि 15 दिसंबर को कुछ ‘दंगाई’ पुस्तकालय में छुप रहे हैं। हालांकि इन वीडियो की सच्चाई का पता नहीं लगाया जा सका है। भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा, ‘‘कांग्रेस असामाजिक तत्वों और हिंसा में शामिल लोगों का लगातार समर्थन कर रही है। उसने देश के सुरक्षा बलों और पुलिस के खिलाफ आवाज उठाई है।’’
जेसीसी की ओर से जारी 48 सेकेंड के वीडियो में कथित तौर पर अर्द्धसैनिक बल और पुलिस के करीब सात-आठ कर्मी ओल्ड रीडिंग हॉल में प्रवेश करते और छात्रों को लाठियों से पीटते दिख रहे हैं। ये कर्मी रूमाल से अपने चेहरे ढंके हुए भी नजर आ रहे हैं।
पांच मिनट 25 सेंकेंड के दूसरे क्लिप में लोग हड़बड़ी में विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में प्रवेश करते हुए कथित रूप से नजर आ रहे हैं। कुछ ने अपने चेहरे ढंके हुए हैं। राव ने सवाल किया कि छात्रों ने अपना चेहरा क्यों ढंक रखा था और वे हाथों में पत्थर लेकर कौन सी पढ़ाई कर रहे थे?
राव ने सवाल किया ‘‘कौन से अकादमिक अनुशासन में विद्यार्थियों को पढ़ते समय मास्क पहनने और हाथों में पत्थर लेने की जरूरत होती है।’’ राव ने आरोप लगाया, ‘‘कांग्रेस हमेशा उन लोगों के साथ खड़ी होती है जो देश से दुश्मनी रखते हैं।’’
भाजपा पर पलटवार करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा कि सत्तारूढ़ दल ‘रंगे हाथों’ पकड़ा गया है। उन्होंने कहा, “ वे अपने दबंगों के तौर पर पुलिस बल का दुरुपयोग करने के दोषी हैं। भाजपा सरकार आरोपी है और बेगुनाह छात्रों पर हमले के मामले में दोषी है। जामिया की इस हिंसा की तफ्तीश के लिए अदालत की निगरानी में जांच वक्त की जरूरत है।”
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने भी पुलिस की कथित बर्बरता को लेकर सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जब पुलिस कर्मी सच छुपाते हैं और युवाओं के साथ कोई संवाद नहीं होता है तो लोकतंत्र की जड़ें धीरे-धीरे कमज़ोर हो जाएंगी।
सिब्बल ने एक ट्वीट में कहा, “ 15 दिसंबर को जामिया के पुस्तकालय में पुलिस की बर्बरता (टेप)। जब पुलिस कर्मी सच छुपाते हैं और युवाओं के साथ कोई संवाद नहीं होता है। जब भाषण असभ्य हो जाते हैं। जब सरकार जासूस बन जाए। और डेटा झूठ से भरा हो तो धीरे-धीरे लोकतंत्र की जड़ें कमज़ोर हो जाएंगी।”
जेसीसी जामिया मिल्लिया इस्लामिया के वर्तमान और पूर्व छात्रों का संगठन है जिसे 15 दिसंबर 2019 को कथित पुलिस बर्बरता के बाद गठित किया गया था। इसकी ओर से जारी वीडियो को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को साझा किया था।
उन्होंने कहा था कि अगर इस पर कोई कार्रवाई नहीं होती है तो सरकार की नीयत पूरी तरह से देश के सामने आ जाएगी। उन्होंने गृह मंत्री और दिल्ली पुलिस पर यह “झूठ’’ बोलने का भी आरोप लगाया कि पुस्तकालय के भीतर जामिया के छात्रों की पिटाई नहीं की गई थी। भाषा नोमान नरेश नरेश