संसद भवन से लेकर पुलवामा हमले तक, पढ़ें आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के नापाक हरकतों का पूरा कच्चा चिट्ठा

By सुरेश एस डुग्गर | Published: August 26, 2020 01:45 PM2020-08-26T13:45:56+5:302020-08-26T13:45:56+5:30

पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद एक बार फिर चर्चा में है। एनआईए ने अपनी ओर से दाखिल चार्जशीट में कहा है कि पुलवामा हमले के लिए ये संगठन जिम्मेदा है।

Jaish e Muhammad history and list of terro attacks of this terrorist organization | संसद भवन से लेकर पुलवामा हमले तक, पढ़ें आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के नापाक हरकतों का पूरा कच्चा चिट्ठा

आतंकी मौलना मसूद अजहर ने बनाया था जैश-ए-मोहम्मद (फाइल फोटो)

Highlightsजैश-ए-मोहम्मद को साल 2000 में मौलना मसूद अजहर ने बनाया थाइसके बाद से ही जैश की भारत विरोधी हरकतें देखने को मिलती रही हैंजैश को पाकिस्तान के खुफिया एजेंसी आईएसआई और कई अन्य आतंकी संगठनों से मिलती रही है मदद

जम्मू: जैश-ए-मोहम्मद अर्थात ’मोहम्मद की सेना‘। पाकिस्तान स्थिति इस आतंकी संगठन को साल 2000 में बनाया गया. पुलवामा का हमला, पहले उड़ी में सैन्य शिविर तथा पठानकोट एयरबेस पर हमला करने वाले और इससे पहले भारत संसद भवन पर हमला करने वाले इस संगठन का सफर कई नापाक हरकतों से भरा पड़ा है।

अल-कायदा से प्रशिक्षण प्राप्त और ओसामा-बिन-लादेन की शिक्षाओं पर चलने वाले जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक आतंकवादी नेता मौलना मसूद अजहर एक समय भारत के कब्जे में था। उसे हालांकि, जम्मू की जेल से इसलिए रिहा कर दिया गया था क्योंकि भारत सरकार को अपने 154 विमान यात्रियों को रिहा करवाना था। 

अपनी रिहाई और संगठन के गठन के बाद तीन महीनों तक खामोश रहने वाले जैश-ए-मोहम्मद ने 19 अप्रैल 2000 को सारे विश्व को चौंका दिया था। जैश-ए-मोहम्मद की ओर से बादामी बाग स्थित सेना की 15वीं कोर के मुख्यालय पर मानव बम का हमला करने वाला कोई कट्टर जेहादी नहीं था बल्कि 12 वीं कक्षा में पढ़ने वाला 17 वर्षीय मानसिक रूप से तथा कैंसर से पीड़ित युवक अफाक अहमद शाह था।

इसके बाद भी जैश की ओर से कई मानव बम हमले किए जाते रहे हैं। साल 2001 में कश्मीर विधानसभा की इमारत पर मानव बम हमला करने वालों ने 47 मासूमों की जानें ले ली। इसके बाद 13 दिसंबर को आतंकियों ने भारतीय संसद भवन को निशाना बनाया। उसके ताजा हमलों की लिस्ट में पठानकोट एयरबेस, उड़ी के सैन्य शिविर तथा पुलवामा में केरिपुब पर हुए हमले भी जुड़ गए हैं।

करगिल युद्ध के बाद के 20 सालों के दौरान कश्मीर में जिन डेढ़ हजार के करीब आत्मघाती हमलों को अंजाम दिया गया है उनमें से आधे से अधिक जैश ने किए हैं। इनमें से कथित तौर पर 52 में मानव बमों ने हिस्सा लिया था।

आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की गतिविधियां

आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों के लिए आत्मघाती हमले करना सबसे अहम तरीका है। संगठन के मुखिया मौलाना मसूद अज़हर कट्टरपंथी विचारों वाले संदेश सोशल मीडिया और सीडी, डीवीड के द्वारा कश्मीर की घाटी में भेजकर युवाओं को भड़काने की कोशिश करता रहता है।

घाटी में इस संगठन ने कई बार हमले किए। यह संगठन पीओके से ऑपरेट होता है। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने साल 2002 से इस आतंकी संगठन को प्रतिबंधित कर दिया है। इसके अलावा इस संगठन को ऑस्ट्रेलिया, यूएई, कनाडा, ब्रिटेन, अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र भी इसे आतंकी संगठन मानते हैं।

सूत्रों की मानें तो इस आतंकी संगठन के निर्माण में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई अफगानिस्तान का तालिबान, ओसामा बिन लादेन और पाकिस्तान के कई संगठनों ने मदद की।

इस संगठन (जैश-ए-मोहम्मद) की हाफिज सईद के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से भी अच्छी दोस्ती रही है 2001 में भारतीय संसद हमले को दोनों संगठनों ने मिलकर अंजाम दिया था। इसी संगठन ने साल 2002 फरवरी में पाकिस्तान की राजधानी कराची में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल का अपहरण करके हत्या कर दी थी। 

जम्मू कश्मीर में हुए कुछ बड़े फिदायीन हमले

3 नवम्बर 1999- सेना की श्रीनगर छावनी पर फिदाइन हमला, सेना के 10 जवान शहीद।

9 फरवरी 2001- श्रीनगर के पुलिस कंट्रोल पर आत्मघाती हमला, 9 पुलिसकर्मी मारे गए।

2 मार्च 2001- राजौरी के मंजाकोट में पुलिस पर हमला 19 पुलिसकर्मी शहीद।

24 अगस्त 2001- पुंछ पुलिस स्टेशन पर हमला 7 पुलिसकर्मी मारे गए।

17 सितम्बर 2001- हंदवाड़ा में एसओजी कैम्प पर हमला 10 पुलिसकर्मी शहीद।

1 अक्तूबर 2001- कश्मीर के इतिहास में सबसे बड़ा फिदाइन हमला श्रीनगर सचिवालय पर हुआ जिसमें 47 लोग मारे गए। इसमें 4 आतंकी भी मारे गए।

15 मार्च 2003- उधमपुर जिने के गूल इलाके की इंद पुलिस चौकी पर फिदाइन हमला 15 पुलिसकर्मी मारे गए।

17 जनवरी, 2019- आतंकियों ने दो दिनों के भीतर घंटाघर लाल चौक, शोपियां पुलिस कैंप में तीन ग्रेनेड हमले किए। इस हमले में असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर इकबाल सिंह और दो ट्रैफिक पुलिस कर्मियों सहित छह लोग घायल ।

26 जनवरी, 2019- गणतंत्र दिवस पर भी आतंकियों ने सुरक्षाबलों को निशाना बनाते हुए कश्मीर में दो जगह हमले किए। पहला हमला पुलवामा के पंपोर और खानमो इलाके में किया गया। आतंकियों ने एसओजी और सीआरपीएफ को निशाना बनाया। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने दो आतंकी मार गिराए, हमले में पांच जवान जख्मी भी हो गए।

30 जनवरी, 2019- कुलगाम जिले में आतंकियों ने दमहल हांजीपोरा इलाके में पुलिस के एक दल पर ग्रनेड हमला किया। इस हमले में तीन नागरिक घायल।

31 जनवरी, 2019- कश्मीर के अनंतनाग जिले में आतंकियों ने घात लगाकर सीआरपीएफ की 96वीं बटालियन पर हमला किया था। आतंकियों ने हमले में ग्रेनेड का इस्तेमाल किया। हमले में दो जवान और पांच नागरिक घायल।

13 जुलाई, 2018- कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों ने सीआरपीएफ पार्टी पर आतंकी हमला किया था। हमले में एक अफसर सहित एक जवान शहीद हो गया था। आतंकी सीआरपीएफ जवानों पर फायरिंग कर भागे निकले थे।

5 अक्टूबर, 2018- श्रीनगर के करफल्ली मुहल्ला में आतंकियों ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक शमीमा फिरदौस के निजी सचिव नज़ीर अहमद सहित एक कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी थी। आतंकियों ने दोनों को विधायक के घर पर ही गोली मारी थी।

26 अक्टूबर, 2018- कश्मीर के नौगाम में आतंकियों ने सीआइएसएफ के जवानों को निशाना बनाते हुए ग्रेनेड हमला किया था। पावर ग्रिड की सुरक्षा में तैनात जवानों पर आधी रात को यह हमला किया गया था। इसमें एक एएसआइ राजेश कुमार शहीद हो गए थे।

Web Title: Jaish e Muhammad history and list of terro attacks of this terrorist organization

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