जैन समुदाय का झारखंड सरकार के एक फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतरा, जानें क्या है पूरा विवाद
By रुस्तम राणा | Published: January 1, 2023 04:08 PM2023-01-01T16:08:06+5:302023-01-01T16:32:00+5:30
झारखंड सरकार द्वारा श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के फैसले के विरोध में भारत में जैन लोग मौन मार्च का विरोध कर रहे हैं। दिल्ली में जैन समुदाय के लोगों ने भारी संख्या बल के साथ इंडिया गेट तक मार्च निकाला।
नई दिल्ली: झारखंड सरकार द्वारा श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के फैसले के विरोध में जैन समुदाय के सदस्यों ने रविवार को इंडिया गेट पर भारी संख्या में विरोध प्रदर्शन किया है। इसके अलावा विरोध की तस्वीरें मुंबई और अहमदाबाद के अलावा अन्य शहरों से भी देखने को मिली हैं।
पूरे भारत में जैन लोग मौन मार्च का विरोध कर रहे हैं। दिल्ली में जैन समुदाय के लोगों ने भारी संख्या बल के साथ इंडिया गेट तक मार्च निकाला। बता दें कि श्री सम्मेद शिखरजी, जिन्हें पार्श्वनाथ पर्वत भी कहा जाता है, झारखंड के गिरिडीह जिले में स्थित है। जैन धार्मिक मान्यता के अनुसार, 24 में से 20 जैन तीर्थंकरों और भिक्षुओं ने यहां मोक्ष प्राप्त किया।
शनिवार को श्री मुंबई जैन संघ संगठन (एसएमजेएसएस) ने घोषणा की कि जैन समुदाय 1 जनवरी को शहर में एक 'शांति' रैली आयोजित करेगा, जो कि झारखंड सरकार के श्री सम्मेद शिखरजी को बदलने के फैसले और गुजरात के पालीताना मंदिर तोड़े जाने के विरोध में होगा। पिछले महीने, कुछ शरारती तत्वों ने पलिताना में पहले जैन तीर्थंकर मंदिर की सीढ़ियाँ तोड़ दीं
रैली के आयोजकों ने कहा कि जैन के सभी संप्रदाय इसमें भाग लेंगे और दावा किया कि इसमें एक लाख से अधिक लोग शामिल होंगे। आयोजकों ने कहा कि शहर में एक रैली वीपी रोड पुलिस स्टेशन से शुरू होगी और अगस्त क्रांति मैदान में समाप्त होगी। पालिताना को जैनियों के लिए एक पवित्र स्थान माना जाता है क्योंकि कहा जाता है कि पहले तीर्थंकर ने वहां मोक्ष प्राप्त किया था
Delhi | Members of the Jain community protest at India Gate against the decision of the Jharkhand govt to declare 'sacred' Shri Sammed Shikharji a tourist place pic.twitter.com/6WCKHq3UII
— ANI (@ANI) January 1, 2023