दिल्ली हिंसा: उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश, अब तक 13 लोगों की मौत, बड़ी संख्या में पुलिसबल तैनात
By स्वाति सिंह | Published: February 25, 2020 10:23 PM2020-02-25T22:23:14+5:302020-02-25T23:01:12+5:30
नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली हिंसा: जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के बाहर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने मंगलवार शाम में रास्ता खाली कर दिया। पुलिस ने बताया कि यह महिलाएं शनिवार रात से यहां सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थीं।
दिल्ली के नॉर्थ-ईस्ट इलाके में हिंसा कर रहे उपद्रवियों के खिलाफ शूट एंड साइट का आर्डर जारी हो गया है। उपद्रवियों को रोकने के लिए सुरक्षाबलों को आदेश दिया गया है कि हिंसा फैलाने की कोशिश करते कहीं भी कोई दिखे तो उसे गोली मार दिया जाए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आदेश पर उपद्रव प्रभावित इलाकों में भारी संख्या में सुरक्षाबलों को उतार दिया गया है। इसके बाद जाफराबाद इलाके से प्रदर्शनकारियों को भी हटा दिया गया है। सुरक्षा बलों ने इस इलाके में मार्च निकालकर सड़कों से उपद्रवियों को खदेड़ दिया।
जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के बाहर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने मंगलवार शाम में रास्ता खाली कर दिया। पुलिस ने बताया कि यह महिलाएं शनिवार रात से यहां सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थीं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर रास्ता साफ कर लिया। यहां दो दिनों से हिंसा भड़की थी। प्रदर्शनकारियों में से एक नौशाद ने कहा, ‘‘ रविवार रात में हालात बिगड़ गए। पुलिस और स्थानीय लोगों ने जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के बाहर रास्ता खाली किया। क्षेत्र में मामले को बढ़ा रहे बाहरी लोगों को भी खाली करने को कह दिया गया है।’’ सीलमपुर में मुख्य सड़क के निकट सीएए के खिलाफ चल रहा है।
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को केन्द्रीय गृह मंत्रालय को बताया कि दिल्ली के कुछ हिस्सों में भड़की हिंसा को तुरन्त नियंत्रित करने के लिये उसके पास पर्याप्त बल नहीं थे। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में हुई हिंसा में एक पुलिसकर्मी समेत 10 लोगों की मौत हो गई है।
एक अधिकारी ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि दिल्ली पुलिस के आयुक्त अमूल्य पटनायक ने गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ अपनी बैठक के दौरान पर्याप्त बलों की अनुपलब्धता के बारे में जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय को बताया कि उसके पास उत्तरपूर्व दिल्ली में हिंसा को तुरन्त नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त बल नहीं था जिसके कारण स्थिति बिगड़ी। हालांकि, कुछ घंटे बाद दिल्ली पुलिस के जनसम्पर्क अधिकारी (पीआरओ) मंदीप सिंह रंधावा ने कहा कि गृह मंत्रालय की किसी भी बैठक में दिल्ली पुलिस के अधिकारियों द्वारा यह नहीं कहा गया कि ‘‘हमारे पास पर्याप्त बल नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जमीन पर हमारे पर्याप्त बल तैनात हैं और हमें अतिरिक्त बल भी मुहैया कराए गए हैं।’’
दिल्ली पुलिस हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में अपने सशस्त्र पुलिस की एक बटालियन (करीब 1000 कर्मी) भी तैनात कर रही है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पुलिस को अर्धसैनिक बलों की कुल 35 कंपनियां उपलब्ध कराई गई थीं, जिनमें से 20 कंपनियां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा के दौरान राष्ट्रीय राजधानी की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए पिछले तीन दिन में दी गई थी।
हिंसक झड़पों के चलते उत्पन्न हो रही स्थिति से निपटने में दिल्ली पुलिस को मजबूती प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी के आसपास के क्षेत्रों से त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) को बुलाया जा रहा है। उत्तर पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून को लेकर हुई हिंसा में एक हेड कांस्टेबल समेत 10 लोगों की मौत हो गई और अर्धसैनिक बलों तथा दिल्ली पुलिस के जवानों समेत कम से कम 50 अन्य घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों ने कई मकानों, दुकानों, वाहनों और एक पेट्रोल पंप में आग लगा दी और सुरक्षाकर्मियों पर पथराव भी किया।