'जैसे शराब का नशा होता है वैसे ही सत्ता का भी नशा होता है', केजरीवाल को पत्र लिखकर अन्ना हजारे ने सुनाई खरी-खरी
By शिवेंद्र राय | Published: August 30, 2022 02:27 PM2022-08-30T14:27:02+5:302022-08-30T14:28:48+5:30
अरविंद केजरीवाल सरकार की विवादित आबकारी नीति को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने पत्र लिखा है। पत्र में अन्ना ने केजरीवाल पर सत्ता के नशे में चूर होने का आरेप लगाया है। अन्ना ने कहा है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद केजरीवाल अपने आदर्शों और विचारधारा को भूल गए हैं।
नई दिल्ली: सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक पत्र लिखा है। दिल्ली सरकार की आबकारी नीति के संबंध में लिखे गए पत्र में अन्ना हजारे ने अरविंद केजरीवाल को नसीहत देने के साथ-साथ खरी खरी भी सुनाई है। केजरीवाल के लिखे पत्र में अन्ना हजारे ने कहा है कि आप भी सत्ता के नशे में डूब गए हैं। एक बड़े आंदोलन से जन्मी एक पार्टी के लिए यह शोभा नहीं देता। अरविंद केजरीवाल को संबोधित करते हुए अपने पत्र में अन्ना हजारे ने लिखा,"आपके मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार मैं आपको खत लिख रहा हूं। पिछले कई दिनों से दिल्ली सरकार की शराब नीति को लेकर जो खबरें आ रही हैं उन्हें पढ़कर दुख होता है।"
अन्ना हजारे ने कहा है, "आपने 'स्वराज' नाम की किताब में कितनी आदर्श बातें लिखी थी। आप से बड़ी उम्मीद थी लेकिन लगता है राजनीति में जाने और मुख्यमंत्री बनने के बाद आप आदर्श विचारधारा को भूल गए हैं। जिस प्रकार शराब का नशा होता है, उसी प्रकार सत्ता का भी नशा होता है। आप भी ऐसी सत्ता के नशे में डूब गए हो, ऐसा लग रहा है।"
पत्र में अन्ना हजारे ने लिखा है कि उन्हें उम्मीद थी कि दिल्ली में भी महाराष्ट्र जैसी शराब नीति बनेगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। लोग सत्ता के लिए पैसे और पैसे के लिए सत्ता के घेरे में फंस गए हैं।
बता दें कि आम आदमी पार्टी का जन्म साल 2012 में हुए भ्रष्टाचार विरोधी आंदेलन की कोख से ही हुआ था। इस आंदोलन की अगुवाई अन्ना हजारे ने ही थी। अरविंद केजरीवाल इस आंदोलन के अहम सदस्य थे जिन्होंने बाद में राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा की थी। अपने पत्र में केजरीवाल को आंदोलन और उसके उद्देश्यों की याद दिलाते हुए अन्ना ने लिखा है, "10 साल पहले 18 सितंबर 2012 को दिल्ली में टीम अन्ना के सदस्यों की मीटिंग हुई थी। उस वक्त आपने राजनीतिक रास्ता अपनाने की बात कही थी। लेकिन आप भूल गए कि राजनीतिक दल बनाना हमारे आंदोलन का उद्देश्य नहीं था। उस वक्त जनता में टीम अन्ना के प्रति भरोसा था और मुझे लगता था कि हमें लोकशिक्षण और लोकजागृति का काम करना चाहिए। यदि लोकशिक्षण का काम होता तो देश में कहीं भी इस तरह की शराब नीति नहीं बनती।"
विवादों में घिरी है दिल्ली सरकार की आबकारी नीति
दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने नियमों के उल्लंघन और नीति में खामियों को लेकर अरविंद केजरीवाल सरकार की आबकारी नीति की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। इसके बाद दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति वापस ले ली थी। इस मामलें में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई जांच जारी है। भाजपा और केजरीवाल सरकार इस मुद्दे पर आमने-सामने हैं। नई आबकारी नीति में दिल्ली को 32 जोन में बांटकर 849 दुकानों के रिटेल लाइसेंस जारी किए गए थे। नई नीति में होटलों के बार, क्लब्स और रेस्टोरेंट्स को रात 3 बजे तक खुला रखने की छूट दी गई थी। इसी को लेकर अन्ना हजारे ने केजरीवाल पर नशे को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है।