मुख्यमंत्री के नाम पर सस्पेंस कायम, कांग्रेस ने कहा- शिवसेना से ही होगा महाराष्ट्र का सीएम
By रामदीप मिश्रा | Published: November 22, 2019 01:29 PM2019-11-22T13:29:33+5:302019-11-22T13:30:21+5:30
महाराष्ट्रः 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के 24 अक्टूबर को घोषित चुनाव नतीजों में कोई भी पार्टी पूर्ण बहुमत के लिए जरूरी 145 सीटें हासिल नहीं कर पाई। बीजेपी को 105 सीटों पर जीत मिली, जबकि शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत हासिल की।
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के बातचीत की प्रक्रिया अंतिम दौर में हैं और शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की सरकार बनती दिखाई दे रही है। इस बीच शुक्रवार (22 नवंबर) को कांग्रेस का कहना है कि महाराष्ट्र में अगला मुख्यमंत्री शिवसेना से होगा।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस नेता माणिकराव ठाकरे ने कहा है कि यह लगभग तय हो गया है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री शिवसेना से होगा। एनसीपी ने कभी मुख्यमंत्री के पद की मांग नहीं की है।
Congress leader Manikrao Thakre: It is almost final that the next Maharashtra Chief Minister will be from Shiv Sena. NCP has never demanded the position of Chief Minister. pic.twitter.com/u28O08pdYi
— ANI (@ANI) November 22, 2019
बीते दिन कांग्रेस और एनसीपी की हुई बैठक में सभी मुद्दों पर बातचीत हो गई है और सहमति भी बन गई है। दोनों पार्टियां आज शाम मुंबई में अपने छोटे सहयोगी दलों और शिवसेना के साथ बातचीत करेंगी और अंतिम फैसला लिया जाएगा। साथ ही साथ यह इस बारे में विचार होगा कि नयी सरकार का क्या स्वरूप होगा।
इधर, महाराष्ट्र में शिवसेना और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने की दिशा में आगे बढ़ चुकी एनसीपी ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी प्रमुख शरद पवार ने 'भारतीय राजनीति के तथाकथित चाणक्य' को अंतत: मात दे दी। एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि दिल्ली का तख्त महाराष्ट्र को अपने आगे नहीं झुका पाया। उनका इशारा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की ओर था।
गौरतलब है कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के 24 अक्टूबर को घोषित चुनाव नतीजों में कोई भी पार्टी पूर्ण बहुमत के लिए जरूरी 145 सीटें हासिल नहीं कर पाई। बीजेपी को 105 सीटों पर जीत मिली, जबकि शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं।
गठबंधन कर चुनाव लड़ी बीजेपी और शिवसेना को बहुमत तो मिला लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान के चलते वे मिलकर सरकार नहीं बना पाईं। बीजेपी और शिवसेना के अलग-अलग रास्ते अख्तियार करने के बाद शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के पास पहुंची। हालांकि, कई दौर की बातचीत के बाद भी अभी तक तीनों पार्टियों के बीच सरकार गठन को लेकर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।