मायावती के करीबी अधिकारी की 225 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त, छापेमारी में हुए थे बड़े खुलासे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 20, 2019 08:26 AM2019-03-20T08:26:51+5:302019-03-20T08:26:51+5:30
1979 बैच के पूर्व आईएएस अधिरकारी और उनके सहयोगियों ने नोटबंदी के बाद और उससे पहले मुखौटा कंपनियों के नाम पर 95 करोड़ रुपये की फर्जी प्रविष्टियां दिखाई हैं।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती के करीबी रहे पूर्वा आईएएस नेतराम के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी के बाद पता चली 225 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की जा रही है। संपत्ति राजसात करने की यह कार्रवाई आईटी अधिनियम की धारा 132 (9) के तहत की जा रही है।
1979 बैच के पूर्व आईएएस अधिरकारी और उनके सहयोगियों ने नोटबंदी के बाद और उससे पहले कोलकाता की मुखौटा कंपनियों के नाम पर 95 करोड़ रुपये की फर्जी प्रविष्टियां दिखाई हैं। विभाग के सूत्रों की मानें तो मुंबई, कोलकाता और दिल्ली में खरीदी गई इन संपत्तियों को अब जब्त किया जा रहा है। नेतराम के परिसरों पर मंगलवार को हुई छापेमारी के दौरान 1.64 करोड़ रुपये नकद, 50 लाख रुपये मूल्य के पेन, चार आलीशान कारें और 225 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज जब्त किये गये थे। अधिकारियों ने 30 मुखौटा कंपनियों के कागजात भी बरामद किये हैं।
इन कंपनियों में नेतराम के परिजनों और ससुराल के लोगों की हिस्सेदारी है। छापेमारी में दिल्ली (केजी मार्ग और जीके-1) और मुंबई (चरनी रोड और हुगेस रोड) के पॉश इलाकों में 6 संपत्तियों और कोलकाता में तीन घरों का पता चला है। इन संपत्तियों को 95 करोड़ की ब्लैकमनी से खरीदा गया था। नेतराम 2003-05 के दौरान उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री के सचिव थे। वह अधिकारी उत्तर प्रदेश में आबकारी, गन्ना उद्योग विभाग, डाक और पंजीकरण, खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभागों के प्रमुख रह चुके है।
माया के करीबी और ताकतवर अधिकारी थे नेतराम
यूपी में मायावती की सरकार के दौरान आईएएस नेतराम ताकतवर अधिकारियों में से एक थे। वह 2007 से 2012 तक तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के सचिव भी रह चुके हैं। नेतराम के प्रभाव का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रमुख सचिव रहने के दौरान उनसे मिलने के लिए बड़े-बड़े नेताओं को भी अपवाइंटमेंट लेन पड़ता था।