लोकसभा चुनाव को लेकर भोपाल में गर्माया स्थानीय बनाम बाहरी का मुद्दा
By राजेन्द्र सिंह गुसाईं | Published: March 21, 2019 07:16 AM2019-03-21T07:16:08+5:302019-03-21T07:16:08+5:30
भोपाल संसदीय क्षेत्र से पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर का नाम भी आया था। इसके बाद गौर और गुप्ता ने इसका विरोध जताया था।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल संसदीय क्षेत्र में बाहरी प्रत्याशी का नाम पैनल में आने के बाद भाजपा के नेता फिर एकजुट हो गए और स्थानीय को टिकट देने की मांग करने लगे हैं। भाजपा के महामंत्री वी.डी. शर्मा का भोपाल से पैनल में नाम जुड़ने की खबर के बाद पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के नेतृत्व में फिर से भोपाल के नेताओं ने मोर्चा खोला है और साफ संकेत दिए हैं कि भोपाल में बाहरी को पसंद नहीं किया जाएगा।
राजधानी भोपाल में 20 मार्च को सुबह जैसे ही भाजपा नेताओं को इस बात की जानकारी मिली की दिल्ली भेजे गए पैनल में भोपाल संसदीय क्षेत्र से वीडी शर्मा का नाम है। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के नेतृत्व में भाजपा के टिकट के दावेदार एकत्रित हो गए। इन दावेदारों में पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता, वर्तमान सांसद आलोक संजर, भोपाल नगर निगम महापौर आलोक शर्मा और विधायक एवं गौर की बहू कृष्णा गौर शामिल थे। ये सभी गौर के निवास पर पहुंचे और एकांत में चर्चा की। इन नेताओं की नाराजगी भोपाल सीट पर बाहरी व्यक्ति को उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर थी। गौर ने साफ कहा कि हम तो नहीं जानते वी।डी।शर्मा को। उन्होंने कहा कि टिकट के लिए पहला अधिकार आलोक संजर का है, इसके बाद हममें से किसी एक को प्रत्याशी बनाया जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि भोपाल संसदीय क्षेत्र से पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर का नाम भी आया था। इसके बाद गौर और गुप्ता ने इसका विरोध जताया था। हालांकि मंगलवार को प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में बनाए पैनल में दोनों ही नेताओं का नाम भोपाल से नहीं है, मगर वी।डी।शर्मा का नाम पैनल में जुड़ा तो स्थानीय की मांग ने फिर जोर पकड़ा और अन्य दावेदारों ने एकजुट होकर फिर से इसका विरोध तेज कर दिया है।
शिवराज से भी की मुलाकात
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के निवास पर पहुंचने के पहले ये सभी नेता पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निवास पर भी पहुंचे और साफ कहा कि भोपाल से बाहरी को टिकट न दिया जाए। चौहान ने सभी से चर्चा कर आश्वस्त किया कि वे यह प्रयास करेंगे। नेताओं की इस सक्रियता से संगठन की चिंता बढ़ गई है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह और प्रदेश संगठन मंत्री सुहास भगत ने इसके बाद भाजपा कार्यालय में बैठक कर इस मुद्दे पर चर्चा की है।