PSLV-C51 launch: इसरो ने अंतरिक्ष में भेजी पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर, भगवद गीता की कॉपी भी साथ
By विनीत कुमार | Published: February 28, 2021 12:48 PM2021-02-28T12:48:51+5:302021-02-28T12:52:56+5:30
ब्राजील के अमेजोनिया-1 और 18 अन्य उपग्रहों को लेकर भारत के पीएसएलवी (ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान) सी-51 ने रविवार को श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार (28 फरवरी) को इस साल का अपना पहला स्पेस मिशन मिशन लॉन्च किया। इसके तहत चेन्नई से करीब 100 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से सुबह 10 बजकर 24 मिनट पर पीएसएलवी-सी 51 को अंतरिक्ष में रवाना किया गया।
PSLV-C51 के जरिए ब्राजील के एक उपग्रह एमाजोनिया-1 के अलावा 18 अन्य उपग्रहों को भी अंतरिक्ष में भेजा गया। साथ ही एसडी कार्ड के फॉर्मेट में भगवद गीता की एक कॉपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर भी इसरो की ओर से अंतरिक्ष में भेजी गई।
इसके अलावा इसरो चेयरमैन के सिवन और वैज्ञानिक सचिव आर. उमामहेश्वरन के नाम भी सतीश धवन सैट (SDSAT) के नीचले पैनल पर उकेरे गए। SDSAT को स्पेस किड्ज इंडिया द्वारा बनाया गया है। इसी पर ऊपरी पैनल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगी है और नाम भी उकेरा गया है।
ISRO launches PSLV-C51 carrying Amazonia-1 and 18 other satellites from Satish Dhawan Space Centre, Sriharikota pic.twitter.com/3bInFiKhje
— ANI (@ANI) February 28, 2021
स्पेड किड्ज इंडिया एक संगठन है जो छात्र-छात्राओं में अंतरिक्ष विज्ञान को लेकर रूचि पैदा करने और उसे प्रोमोट करने के लिए काम करता है। अंतरिक्ष में भेजे गए SDSAT का लक्ष्य स्पेस रेडिएशन पर शोध करना, मैगनेटोस्फेयर पर शोध करना शामिल है।
इसरो के बेंगलुरु स्थिति मुख्यालय ने पांच फरवरी को घोषणा की थी कि मुख्य उपग्रह के साथ 20 और उपग्रह भी होंगे। हालांकि, भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र के स्टार्टअप ‘पिक्सल’ ने दो दिन पहले घोषणा की थी कि 'सॉफ्टवेयर संबंधी कुछ कारणों' के चलते उसका पहला उपग्रह ‘आनंद’ पीएसएलवी-सी51 रॉकेट के साथ प्रक्षेपित नहीं होगा।
इसरो का नैनो सेटेलाइट आईएनएस-2डीटी भी इस मिशन का हिस्सा नहीं है। पहले इसे PSLV-C51 के साथ भेजने की योजना थी।
प्रक्षेपण के करीब 18 मिनट बाद अमेजोनिया-1 को कक्षा में सफलतापूर्व स्थापित किया गया। वहीं, अगले दो घंटों के बीच 18 अन्य उपग्रहों को भी सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया गया।