कश्मीर में आतंकियों को हथियार और पैसा पहुंचाने के लिए ISI का खतरनाक प्लान आया सामने, दबोचे गए जैश टेररिस्ट ने किया खुलासा

By सुरेश डुग्गर | Published: September 13, 2019 04:19 PM2019-09-13T16:19:54+5:302019-09-13T16:37:51+5:30

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई भारत के पंजाब, राजस्थान, गुजरात में सक्रिय उसके एजेंटों के कश्मीर में असलहे पहुंचाने की फिराक मे हैं। जैश-ए-मोहम्मद के दबोचे गए तीन आतंकवादियों ने आईएसआई के मंसूबों को लेकर यह सच उगला है।

ISI's dangerous plan to provide arms and money to militants in Kashmir comes out, trapped terrorists reveal | कश्मीर में आतंकियों को हथियार और पैसा पहुंचाने के लिए ISI का खतरनाक प्लान आया सामने, दबोचे गए जैश टेररिस्ट ने किया खुलासा

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

Highlightsपाकिस्तान की खुफिया एजेंसी कश्मीर में दहशतगर्दी फैलाने के लिए भारत में सक्रिय अपने एजेंटों का सहारा ले रही है। जैश के दबोचे गए तीन आतंकियों ने खुलासा किया है कि आईएसआई कश्मीर में आतंकियों तक हथियार और पैसा पहुंचाने के लिए अपने एजेंटों की मदद ले रही है।

सुरक्षाधिकारियों ने दावा किया है कि पाक सेना की खुफिया संस्था आईएसआई अब जम्मू कश्मीर में आतंकियों तक हथियार व पैसा पहुंचाने के लिए देश के अन्य हिस्सों में सक्रिय एजेंटों की मदद ले रही है। ऐसा राज्य में एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षाबलों की सख्ती से घुसपैठ में नाकाम रहने के कारण हो रहा है। यह खुलासा वीरवार को लखनपुर में जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकियों के पकड़े जाने से हुआ है।

लखनपुर में पकड़े गए आतंकियों से पूछताछ में जुटे एक अधिकारी ने बताया एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कड़ी चौकसी को देखते हुए आतंकी संगठन अब पंजाब, राजस्थान, गुजरात में सक्रिय अपने एजेंटों व तस्करों के जरिए हथियार सीमा पास से मंगवाकर कश्मीर पहुंचा रहे हैं।

नेपाल और बंगलादेश के रास्ते भी हथियारों की तस्करी हो रही है। इन हथियारों को कश्मीर में विभिन्न प्रकार की सप्लाई लेकर आने वाले ट्रकों के अलावा कुछ यात्री वाहनों के जरिए भी पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हथियारों को थोड़ी-थोड़ी मात्र में और कई बार किसी हथियार को विभिन्न टुकड़ों में कश्मीर तक पहुंचाया जाता है।

पकड़े गए आतंकियों की मानें तो जिस भी आतंकी कमांडर को हथियार की जरूरत होती है, वह अपने स्थानीय हैंडलर या फिर ओवरग्राउंड वर्कर से संपर्क करते हुए उसे हथियार प्राप्त करने और हथियार पहुंचाने की जगह के बारे में बता देता है।

हथियारों को उनकी संख्या के आधार पर उनकी मंजिल तक पहुंचाने का किराया कूरियर को मिलता है। यह राशि पांच हजार से लेकर दो से ढाई लाख रुपये तक होती है। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा और एलओसी पर हथियार प्राप्त करना और उन्हें वादी समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाना ज्यादा जोखिमपूर्ण है। हथियारों की तस्करी करते हुए जो पकड़ा जाता है, वही फंसता है। बहुत ही कम अवसरों पर आतंकी या ओवरग्राउंड वर्कर हथियारों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाते हैं।

सूत्रों के अनुसार, आइएसआइ और गुलाम कश्मीर बैठे आतंकी सरगना वादी में सक्रिय अपने कैडर को रोजाना किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के निर्देश दे रहे हैं, लेकिन स्थानीय आतंकी सुरक्षाबलों के दबाव और पैसे व हथियारों की कमी का हवाला देते हुए असमर्थता जता रहे हैं। ऐसे में आइएसआइ ने सीमा के रास्ते पैसे व हथियारों की सप्लाई करने के बजाए अन्य विकल्प तलाश किए हैं।

Web Title: ISI's dangerous plan to provide arms and money to militants in Kashmir comes out, trapped terrorists reveal

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