कांग्रेस की पूर्व निगम पार्षद इशरत जहां को 14 दिन की न्यायिक हिरासत, दिल्ली पुलिस ने दंगा भड़काने के आरोप में किया था गिरफ्तार
By स्वाति सिंह | Published: February 29, 2020 02:09 PM2020-02-29T14:09:09+5:302020-02-29T15:34:38+5:30
दिल्ली की एक अदालत ने उत्तरपूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून को लेकर हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार कांग्रेस की पूर्व निगम पार्षद इशरत जहां की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
कांग्रेस की पूर्व निगम पार्षद इशरत जहां को उत्तरपूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून को लेकर हुई हिंसा के मामले में 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। बता दें कि पिछले रविवार को खुरेजी रोड जाम करने में भी इशरत जहां का नाम आया था।
इससे पहले शुक्रवार (28 फरवरी) को दिल्ली की एक अदालत ने उत्तरपूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून को लेकर हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार कांग्रेस की पूर्व निगम पार्षद इशरत जहां की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। वहीं, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नवीन गुप्ता ने पिछले हफ्ते गिरफ्तार की गईं जहां की जमानत याचिका खारिज कर दी। जहां दिल्ली के खुरेजी खास में 13 जनवरी से संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थीं।
बता दें कि दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर कुल 148 प्राथमिकी दर्ज की गयी हैं तथा 630 लोगों को गिरफ्तार किया गया है या हिरासत में लिया गया है। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता मनदीप सिंह रंधावा ने कहा कि फारेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला दलों को बुलाया गया है और अपराध के दृश्यों का फिर से मुआयना किया जा रहा है। इन कुल मामलों में 25 मामले हथियार कानून के तहत दर्ज किए गए हैं।
रंधावा ने कहा, 'जांच जारी है और हमनें एएसएल दलों को बुलाया है। हम अपराध के दृश्यों का फिर से मुआयना कर रहे हैं। हमने स्थिति पर काबू पा लिया है और हालात सामान्य हो रहे हैं। अधिकारियों के साथ क्षेत्रों में (बलों) की तैनाती रहेगी। हमने अमन समितियों के साथ करीब 400 बैठकें की हैं।' दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा में मृतक संख्या बढ़कर 42 हो गयी है। सांप्रदायिक संघर्षों में 250 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इनके कारण मुख्य रूप से जो क्षेत्र प्रभावित हुए हैं, उनमें जाफराबाद, मौजपुर, चांदबाग, खुरेजी खास और भजनपुरा शामिल हैं।