इशरत जहां मामला : सीबीआई की विशेष अदालत ने पूर्व पुलिस अधिकारी डीजी वंजारा और एनके अमीन को किया आरोपमुक्त

By भाषा | Published: May 3, 2019 05:42 AM2019-05-03T05:42:06+5:302019-05-03T05:42:06+5:30

वंजारा और अमीन ने दावा किया कि आदेश से उनके रूख की पुष्टि हुई है जबकि इशरत जहां की मां शमीमा कौसर के वकील ने कहा कि वह फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे।

Ishrat Jahan Case: CBI Court Drops Case Against Ex-Cops DG Vanzara, NK Amin | इशरत जहां मामला : सीबीआई की विशेष अदालत ने पूर्व पुलिस अधिकारी डीजी वंजारा और एनके अमीन को किया आरोपमुक्त

प्रतीकात्मक तस्वीर।

सीबीआई की विशेष अदालत ने इशरत जहां कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में पूर्व पुलिस अधिकारियों डी. जी. वंजारा और एन. के. अमीन को बृहस्पतिवार को आरोपमुक्त कर दिया। गुजरात सरकार की ओर से दोनों अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति सीबीआई को नहीं मिलने के बाद वंजारा और अमीन ने आरोपमुक्त करने की अर्जी दी थी।

सीबीआई की विशेष अदालत के जज जे. के. पांड्या ने कहा कि चूंकि सरकार ने उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दी है ऐसे में उनकी आरोपमुक्त करने की अर्जी को मंजूर किया जाता है। इसलिए उनके खिलाफ चल रहा मामला खत्म किया जाता है। वंजारा और अमीन ने दावा किया कि आदेश से उनके रूख की पुष्टि हुई है जबकि इशरत जहां की मां शमीमा कौसर के वकील ने कहा कि वह फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे।

अमीन ने कहा कि वह खुश हैं और पिछले साल फरवरी में पूर्व आईपीएस अधिकारी पीपी पांडे को आरोपमुक्त करने के बाद फौरन उनके पक्ष में फैसला आना चाहिए था। अमीन ने अदालत के बाहर ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ आदेश हमारे रूख की पुष्टि करता है कि हम अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे थे और गुजरात की रक्षा कर रहे थे। इसी कारण से सरकार ने मंजूरी नहीं दी। असल में, हम वास्तविक पीड़ित हैं। आज हमें न्याय मिला।’’

वंजारा ने कहा कि आदेश साबित करता है कि मुठभेड़ सही थी। उन्होंने कहा, ‘‘ गुजरात पुलिस ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। मैं पहले दिन से कह रहा हूं कि सभी मुठभेड़ सही थीं और जो उनमें मरे थे वो आतंकवादी थे। अब इस अदालत का फैसला एक बार फिर साबित करता है कि मुठभेड़ हमारी ड्यूटी के तहत की गई थीं।’’

दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 197 के तहत सरकारी ड्यूटी के तहत किसी भी सरकारी कर्मचारी द्वारा किए गए काम के सिलसिले में मुकदमा चलाने के लिए सरकार से मंजूरी मिलना अनिवार्य है। मुंबई के पास मुंब्रा की रहने वाली 19 वर्षीय इशरत, जावेद शेख उर्फ प्राणेश पिल्लै, अमजद अली अकबर अली राणा और जीशान जौहर की 15 जून, 2004 में अहमदाबाद के बाहर पुलिस के साथ हुई कथित फर्जी मुठभेड़ में मौत हो गई थी।

पुलिस ने दावा किया था कि वे लोग आतंकवादी थे और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या करने के लिए गुजरात आए थे। बहरहाल, उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल ने मुठभेड़ को फर्जी बताया था। इसके बाद सीबीआई ने कई पुलिस कर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। 

Web Title: Ishrat Jahan Case: CBI Court Drops Case Against Ex-Cops DG Vanzara, NK Amin

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