IRCTC scam: लालू परिवार और करीबियों के 25 ठिकानों पर छापेमारी, राजद के पूर्व विधायक दोजाना से पूछताछ, जानें आखिर क्या है पूरा मामला
By एस पी सिन्हा | Published: March 10, 2023 06:38 PM2023-03-10T18:38:34+5:302023-03-10T18:53:27+5:30
IRCTC scam Land for jobs scam: सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव, पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती समेत 14 लोगों से पूछताछ की थी।
पटनाः आईआरसीटीसी घोटाला और रेलवे में जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में केंद्रीय जांच एजेंसियां लगातार राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के परिवार और उनके करीब लोगों के खिलाफ आर्थिक गड़बड़ी के मामले में कार्रवाई कर रही हैं। इसी सिलसिले में ईडी के द्वारा शुक्रवार को देश भर में करीब 25 ठिकानों पर छापेमारी की गई है।
हाल ही में सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव, पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती समेत 14 लोगों से पूछताछ की थी। इधर, पटना के फुलवारी शरीफ के हारून नगर में राजद के पूर्व विधायक अबु दोजाना के घर पर ईडी की छापेमारी की गई। ईडी की टीम अबू दोजाना के घर में मौजूद लोगों से पूछताछ की है। जबकि एसपी वर्मा रोड पर दोजाना के कार्यालय में भी छापेमारी की गई है।
अबु दोजाना को लालू का करीबी माना जाता है। अबू दोजाना पेशे से बिल्डर हैं और 2015 में उन्हें अचानक से सीतामढ़ी जिले के सुरसंड से राजद का टिकट मिला तो लोग चौंक गये थे। उनकी कोई राजनीतिक सक्रियता नहीं थी, लेकिन फिर भी राजद का टिकट ले आए। महागठबंधन के वोट बैंक के सहारे वे चुनाव जीत कर विधायक भी बन गए।
राजद ने 2020 में उन्हें फिर से सुरसंड से टिकट दिया था। लेकिन वे चुनाव हार गये। राजद के कार्यक्रमों में भी वे बेहद कम नजर आते रहे हैं। वैसे आज जब ईडी की छापेमारी हुई तो उसी दौरा अबु दोजाना घर की बालकनी में आए और वहां से चिल्ला कर नीचे खड़े मीडिया वालों को कहा कि उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश के तहत छापेमारी की जा रही है।
दोजाना का नाम अचानक से 2017 में सबसे ज्यादा चर्चा में तब आया जब उन्होंने पटना के बेली रोड में बिहार का सबसे बड़ा मॉल बनाने का एलान किया। 750 करोड़ की लागत से बनने वाले इस मॉल की बड़ी बात ये थी कि जमीन के मालिक उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव और उनके परिवार के लोग थे।
इस जमीन की कहानी एक और घोटाले से जुड़ी हुई है, जिसमें लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव औऱ उनके परिवार के अन्य लोगों पर मुकदमा दर्ज है। केंद्रीय जांच एजेंसियों यानि ईडी और सीबीआई का आरोप है कि 2006 में केंद्र की यूपीए सरकार में रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव ने रांची और पुरी में रेलवे के दो होटलों के टेंडर में घोटाला किया।
रेलवे के होटलों को गलत तरीके से एक कारोबारी कारोबारी हर्ष कोचर को सौंप दिये गये थे। इसके बदले में लालू परिवार ने पटना में 200 करोड़ रुपए कीमत की 2 एकड़ से ज्यादा जमीन ले ली। इस जमीन को पहले बेनामी तरीके से डिलाइट मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी के नाम कराई गई।
तब इस कंपनी की मालकिन लालू यादव के सबसे करीबी माने जाने वाले राजद सांसद प्रेम चंद्र गुप्ता की पत्नी थी। फिर बाद में 2014 में लालू यादव के बेटे तेजप्रताप, तेजस्वी, बेटी चंदा और रागिनी को डिलाइट मार्केटिंग में डायरेक्टर बनाया गया। प्रेम गुप्ता की पत्नी कंपनी से बाहर हो गईं।
यानि ये जमीन लालू परिवार की कंपनी के नाम हो गया। इसी जमीन पर पटना में मॉल बनाया जा रहा है। इस दौरान मिट्टी घोटाले का आरोप लगाया। सुशील मोदी ने दावा किया था कि मॉल बनाने के लिए खोदी गई मिट्टी गलत तरीके से संजय गांधी जैविक उद्यान (चिड़ियाघर) को 90 लाख में बेची गई।
इसके लिए सौंदर्यीकरण की गैरजरूरी योजना तैयार हुई। इस मामले में 2017 के जून में सीबीआई और ईडी ने पूर्व रेलमंत्री लालू यादव, राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी, मेसर्स लारा प्रोजेक्ट्स, विजय कोचर, विनय कोचर और आईआरसीटीसी के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर के खिलाफ केस दर्ज किया था। उसके बाद इन सबों के ठिकानों पर छापेमारी भी हुई थी।