INX मीडिया घोटाला: कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद चिदंबरम ने साधी चुप्पी, कपिल सिब्बल ने की आलोचना
By भाषा | Published: August 20, 2019 10:43 PM2019-08-20T22:43:12+5:302019-08-20T22:45:45+5:30
सिब्बल ने मीडिया से बात की और जिस तरीके से दिल्ली उच्च न्यायालय ने मामले में चिदंबरम की याचिका खारिज की उसकी आलोचना की। उन्होंने कहा कि 15 महीने से गिरफ्तारी से राहत थी और फैसला 24 जनवरी को सुरक्षित रखा गया था
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज किये जाने के बाद चुप्पी साधे रखी और मीडिया से खुद को दूर रखा। जब अदालत द्वारा उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने की खबर आई, उस वक्त चिदंबरम कुछ कनिष्ठ वकीलों के साथ उच्चतम न्यायालय में थे।
इस पर उनसे प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने इशारों में कहा कि वह इस मुद्दे पर नहीं बोलना चाहते हैं। चिदंबरम के साथ मौजूद कनिष्ठ वकीलों ने मीडियाकर्मियों से दूर रहने को कहा क्योंकि चिदंबरम वरिष्ठ अधिवक्ता और पार्टी के सहयोगी कपिल सिब्बल के वहां पहुंचने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। बाद में वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी, सलमान खुर्शीद और दायन कृष्णन भी चिदंबरम के पास पहुंचे और काफी सलाह मशविरा किया।
सिब्बल ने मीडिया से बात की और जिस तरीके से दिल्ली उच्च न्यायालय ने मामले में चिदंबरम की याचिका खारिज की उसकी आलोचना की। उन्होंने कहा कि 15 महीने से गिरफ्तारी से राहत थी और फैसला 24 जनवरी को सुरक्षित रखा गया था और न्यायमूर्ति सुनील गौड़ ने अपनी सेवानिवृत्ति के दो दिन पहले इसे सुनाया।
सिब्बल ने कहा, ‘‘फैसला अपराह्न तीन बजकर 20 मिनट पर सुनाया गया। हम नहीं जानते क्यों इस समय सुनाया गया। हमने उच्चतम न्यायालय में अपील करने के लिये तीन दिन के लिये फैसले को लागू किये जाने पर रोक लगाने के लिये कहा। उन्होंने कहा (न्यायमूर्ति गौड़) कि वह आदेश सुनाएंगे, जिसे शाम चार बजे सुनाया गया।’’ उन्होंने कहा कि वह फैसले की प्रति के बिना ही शीर्ष अदालत में हैं और उच्चतम न्यायालय का रुख करने के लिये चीजें कठिन बनाई गईं।