INX Media Case: इस साल पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को तिहाड़ जेल में ही माएंगे अपना 74वां जन्मदिन!
By भाषा | Published: September 12, 2019 11:37 PM2019-09-12T23:37:54+5:302019-09-12T23:37:54+5:30
निचली अदालत में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को दिल्ली की एक अदालत से कहा कि आईएनएक्स मीडिया धन शोधन मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की गिरफ्तारी की जरूरत है और उचित समय पर ऐसा किया जाएगा।
तिहाड़ जेल में कैद पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया से जुड़े भ्रष्टाचार और धन शोधन के मामले में बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय और निचली अदालत का रूख किया। सोमवार को 74 साल के हो रहे चिदंबरम ने भ्रष्टाचार मामले में उच्च न्यायालय में जमानत की गुहार लगायी और धन शोधन के मामले में आत्मसर्मपण के लिए निचली अदालत से अनुमति मांगी।
चिदंबरम अभी जेल में हैं । चिदंबरम की ओर से कुछ वरिष्ठ वकीलों ने उनके लिए दलीलें दी। उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति सुरेश कैत के समक्ष चिदंबरम के लिए उनकी पार्टी के सहयोगी कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी, विवेक तंखा और सलमान खुर्शीद ने पैरवी की।
अदालत ने सीबीआई को उनकी जमानत याचिका पर एक सप्ताह के भीतर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा और मामले की सुनवाई 23 सितंबर के लिए मुकर्रर की । उल्लेखनीय है कि राज्यसभा सदस्य चिदंबरम ने 19 सितंबर तक के लिए उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने संबंधी निचली अदालत के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देने वाली अपनी याचिका वापस ले ली है।
दरअसल, अदालत ने चिदंबरम से पूछा था कि उन्होंने दो अलग-अलग याचिकाएं क्यों दायर की हैं। उच्च न्यायालय की सुनवाई के कुछ घंटे बाद कुछ कनिष्ठ वकीलों के साथ सिब्बल राउज एवेन्यू स्थित विशेष अदालत गए और अनुरोध किया कि चिदंबरम को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज धनशोधन के मामले में आत्मसमर्पण करने की अनुमति दी जाए।
विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद शुक्रवार के लिए अपना आदेश सुरक्षित रख लिया । वर्ष 2004 से 2014 तक संप्रग के कार्यकाल में केंद्रीय गृह मंत्री और वित्त मंत्री रहे चिदंबरम को सीबीआई ने 21 अगस्त को उनके जोरबाग आवास से गिरफ्तार किया था। उच्च न्यायालय में दिन में सवा ग्यारह बजे सुनवाई के लिए मामला के आने पर सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने सीबीआई की ओर से जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि मामला आरोपपत्र दाखिल होने से पहले के चरण में है और कथित भ्रष्टाचार 2007 में हुआ था।
मेहता और केंद्र सरकार के स्थायी वकील अमित महाजन ने दलील दी कि जांच के दौरान यह बात उभर कर आई थी कि चिदंबरम ने भ्रष्ट आचरण के लिए अपने आधिकारिक पद का दुरूपयोग किया और करोड़ों रूपये प्राप्त किये तथा विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) मंजूरी दी गई।
चिदंबरम की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कांग्रेस नेता को जमानत दिए जाने का अनुरोध करते हुए कहा कि कथित घटना 2007 की है और सीबीआई ने 2017 में जाकर प्राथमिकी दर्ज की तथा अपराधों के लिए अधिकतम सात साल की कैद की सजा का प्रावधान है। अदालत ने सिब्बल का यह मौखिक अनुरोध भी खारिज कर दिया कि उम्रदराज होने के नाते चिदंबरम को जेल में रोज घर का पका खाना खाने देने और परिवार के सदस्यों से मिलने की अनुमति दी जाए।
निचली अदालत में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को दिल्ली की एक अदालत से कहा कि आईएनएक्स मीडिया धन शोधन मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की गिरफ्तारी की जरूरत है और उचित समय पर ऐसा किया जाएगा।
मेहता ने अदालत से कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में चिदंबरम पहले से ही न्यायिक हिरासत में हैं और सबूतों से छेड़छाड़ की स्थिति में नहीं हैं। चिदंबरम की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील दी कि ईडी का प्रत्यावेदन दुर्भावनापूर्ण है और यह उनके मुवक्किल को नुकसान पहुंचाने पर केंद्रित है। उन्होंने अदालत से यह भी कहा कि चिदंबरम जब चाहें समर्पण कर सकते हैं, यह उनका अधिकार है । भाषा आशीष पवनेश पवनेश