जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट बिना सब सुन्न, आज विरोध में बुलाया गया बंद भी रहा नाकाम
By सुरेश एस डुग्गर | Published: December 7, 2019 03:39 PM2019-12-07T15:39:42+5:302019-12-07T15:39:42+5:30
जम्मू कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद रहने, सरोर टोल प्लाजा खुलने, बढ़ती महंगाई के खिलाफ आज सात दिसंबर को जम्मू बंद का आह्वान किया था।
जम्मू कश्मीर में पिछले चार महीनों से इंटरनेट पर लगी रोक के कारण सब कुछ सुन्न है। डिजीटल इंडिया मुंह चिढ़ा रहा है। प्रशासन सुरक्षा और राष्ट्रभक्ति के नाम पर जम्मू कश्मीर की सवा करोड़ जनता को इंटरनेट के अधिकार से वंचित किए हुए है। हालांकि इंटरनेट के मुद्दे पर आज जम्मू बंद का आह्वान तो किया गया था लेकिन वह नाकाम रहा।
प्रशासन ने पैंथर्स पार्टी समेत कुछ अन्य संगठनों के नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर जम्मू बंद को विफल बना दिया है। जम्मू कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद रहने, सरोर टोल प्लाजा खुलने, बढ़ती महंगाई के खिलाफ आज सात दिसंबर को जम्मू बंद का आह्वान किया था।
इसी सिलसिले में पार्टी के नेता गत दिवस जम्मू शहर में इश्तहार बांटकर प्रदर्शन कर रहे थे, तभी पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। पार्टी के चेयरमैन हर्ष देव सिंह को घर में नजरबंद किया गया है। घर के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।
पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर प्रशासन ने जम्मू बंद सफल नहीं होने दिया। शहर में कहीं भी बंद का असर दिखाई नहीं दे रहा है। इस बीच पार्टी के प्रदेश प्रधान बलवंत सिंह मनकोटिया जब कुछ कार्यकर्ताओं के साथ आज शनिवार सुबह प्रेस क्लब के बाहर पहुंचे और प्रदर्शन की तैयारी कर ही रहे थे कि तभी पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। पुलिस की कार्रवाई के कारण कार्यकर्ता प्रदर्शन नहीं कर पाए। पैंथर्स पार्टी के नेताओं की तरह जम्मू बंद का समर्थन करने वाले अन्य संगठनों के नेताओं को भी नजरबंद किया गया है। जम्मू में जनजीवन पूरी तरह से सामान्य है। गाड़ियां चल रही हैं, स्कूल और कालेज भी खुले हैं। शहर के बाजरों में लोगों की अच्छी-खासी भीड़ देखने को मिल रही है।
इंटरनेट सेवा प्रतिबंधित करने सहित अन्य मुद्दों को लेकर सड़कों पर उतरे पैंथर्स प्रदेश अध्यक्ष बलवंत सिंह मनकोटिया के साथ पार्टी के नेता हर्षदेव सिंह को जम्मू में गिरफ्तार किए जाने के विरोध में पैंथर्स कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को ऊधमपुर में प्रदर्शन किया था।
वैसे लोगों की ‘सुविधा’ के लिए श्रीनगर के टूरिस्ट रिसेप्शन सेंटर में प्रशासन ने इंटरनेट सुविधा उपलब्ध करवाई है, लेकिन यहां पर इसका इस्तेमाल करने के लिए लोग विशेषकर युवा कतारों में खड़े होते हैं। ये युवा विभिन्न परीक्षाओं के लिए आनलाइन आवेदन भरने के लिए कतारों में खड़े हो रहे हैं। इन दिनों नेशनल एलीजिबिलिटी टेस्ट (नेट) के लिए विद्यार्थी फार्म भर रहे हैं। इसमें आनलाइन आवेदन की अंतिम तारीख 31 दिसंबर है। इस परीक्षा में करीब एक लाख विद्यार्थी बैठते हैं। उनका कहना है कि उन्हें आवेदन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। छात्रा खानम खान का कहना है कि कई बार तीन से चार घंटे प्रतीक्षा करने के बाद भी उनका नंबर नहीं आता। विद्यार्थी प्रशासन से अलग से उनके लिए इंटरनेट सुविधा शुरू करने की मांग कर रहे हैं।
उप राज्यपाल जीसी मुर्मू ने हालांकि यह आश्वासन दिया है कि मोबाइल इंटरनेट चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा, लेकिन यह कब शुरू होगा, इसके बारे में अभी भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। लोग बेसब्री के साथ मोबाइल इंटरनेट शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। जम्मू के रिहाड़ी चुंगी के रहने वाले प्रदीप गुप्ता ने बताया कि मोबाइल इंटरनेट बंद होने के बाद से उसने वाट्सएप नहीं चलाया। आज उसके एक दोस्त ने फोन पर बताया कि वाट्सएप ग्रुप से उसका नंबर चला गया है।