अंतरराष्ट्रीय महिला दिवसः बहादुर महिलाओं को रेलवे का सैल्यूट, चार डीजल इंजनों के नाम बदले
By सतीश कुमार सिंह | Published: March 8, 2021 02:13 PM2021-03-08T14:13:30+5:302021-03-08T14:14:50+5:30
तुगलकाबाद के लोकोमोटिव शेड में रानी अहिल्याबाई, रानी अवंतीबाई, रानी वेलु नचियार, रानी चेन्नम्मा, रानी लक्ष्मीबाई और झलकारीबाई के साथ ऊदा देवी व अन्य भी जल्दी ही इस बेड़े का हिस्सा बनेंगी और इतिहास की अमर महिला योद्धाओं की स्मृतियों को जीवित रखेंगी।
नई दिल्लीः अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर रेलवे महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक उपलिब्धयों का जश्न अलग तरीके से मना रहा है।
उत्तर रेलवे ने 4 डीजल इंजन के नाम देश के इतिहास में अपनी बहादुरी से नाम दर्ज कराने वाली महिलाओं के नाम पर रखने का फैसला किया है। उत्तर रेलवे ने श्रद्धांजलि और सम्मान के प्रतीक के रूप में तुगलकाबाद लोको शेड के डब्ल्यूडीपी4बी और डब्ल्यूडीपी4डी श्रेणी के इंजनों को बहादुर महिला योद्धाओं को समिर्पत करने का फैसला किया है।
#NariShakti Rail: The first woman driver of Indian Railways, Smt. Surekha Yadav drives the all women-staffed Mumbai-Lucknow Special, in celebration of #InternationalWomensDay. pic.twitter.com/eAwvkULbuf
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) March 8, 2021
तुगलकाबाद के लोकोमोटिव शेड में रानी अहिल्याबाई, रानी अवंतीबाई, रानी वेलु नचियार, रानी चेन्नम्मा, रानी लक्ष्मीबाई और झलकारीबाई के साथ ऊदा देवी व अन्य भी जल्दी ही इस बेड़े का हिस्सा बनेंगी और इतिहास की अमर महिला योद्धाओं की स्मृतियों को जीवित रखेंगी।
Empowerment all the way with Railways: On #InternationalWomensDay, operation and on board management of Bundelkhand Special train between Jhansi & Gwalior is being carried on by a team of women. #NariShaktipic.twitter.com/5Bldv1pQuS
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) March 8, 2021
उत्तर रेलवे ने कहा कि पांच दशकों से लगातार शानदार प्रदर्शन करते आ रहे तुगलकाबाद लोको शेड को हमारे इतिहास की उन बहादुर महिलाओं की स्मृति से जोड़ा गया है, जिन्होंने अपने हाथों में तलवारें थामकर देश स्वतंत्रता के लिए युद्ध लड़ा।
ठाकरे ने ‘कोविड-19 योद्धा’ महिलाओं के योगदान की सराहना की
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को कहा कि वैश्विक महामारी के दौरान ‘कोविड-19 योद्धाओं’ के तौर पर काम करने वाली महिलाओं के साहस और योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एक वीडियो संदेश में ठाकरे ने कहा कि महामारी का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है और बीते एक वर्ष में अपने परिवारों के लिए महिलाएं चट्टान की तरह मजबूती से खड़ी रहीं और उन्होंने विभिन्न जिम्मेदारियों को साहसपूर्वक निभाया।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उन्हें (महिलाएं) सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है।’’ उन्होंने कहा कि महामारी और उसके कारण लगे लॉकडाउन से प्रभावित अपने परिवारों की मदद के लिए महिलाएं ‘कोविड-19 योद्धओं’ के बतौर सबसे आगे रहीं। ठाकरे ने कहा, ‘‘उनके साहस और योगदान को कभी भुलाया नहीं जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र ‘महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित स्थान है’ और उनकी सरकार इसे और सुरक्षित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, ‘‘आज का दिन महिलाओं को सलाम करने का है जो हमारे जीवन के हर चरण में साहसपूर्ण तरीके से खड़ी रहीं।’’
ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र के पास जीजाबाई, अहिल्यादेवी, तारा रानी और सावित्री बाई फुले जैसी वीर, समाज सुधारक एवं बुद्धिमान महिलाओं की महान विरासत है। उन्होंने कहा, ‘‘हम केवल इन महिलाओं को ही नहीं बल्कि आज की पीढ़ी की उन महिलाओं को भी सलाम करते हैं जो उनकी विरासत को आगे ले जा रही हैं।’’