अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस: 'नारी ही शक्ति है नर की' ऐसे 15 कोट्स व मैसेज से महिलाओं को करें विश
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: March 8, 2018 12:57 PM2018-03-08T12:57:41+5:302018-03-08T12:57:41+5:30
साल 1908 में अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर की कुल 15 हजार महिलाओं ने वोटिंग करने की अपनी मांग के चलते एक मोर्चा निकाला।
आज (8 मार्च) पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रहा है। चारों तरफ महिलाओं को लेकर जगह-जगह कार्यक्रम किए जा रहे हैं। लोग महिलाओं की हक की बातें हो रही है। हर साल 8 मार्च को महिला दिवस मनाया जाता है। दरअसल पहली बार वर्ष 1909 में अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया था। लेकिन इसे मनाने के पीछे एक खास मकसद रहा। दरअसल साल 1908 में अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर की कुल 15 हजार महिलाओं ने वोटिंग करने की अपनी मांग के चलते एक मोर्चा निकाला।
वे चाहती थीं कि जिस तरह से पुरुषों को अपने देश की सर्कार चुनने के लिए हक मुहैया है ठीक इसी प्रकार उन्हें भी यह हक दिया जाए। यह मोर्चा सफल रहा और ठीक एक साल बाद जब अमेरिका में सोशलिस्ट सरकार बनी तो उन्होंने वर्ष 1909 में 28 फरवरी का एक दिन महिलाओं को समप्रित करते हुए 'महिला दिवस' के रूप में मनाया।
इस खास मौके पर अपने घर की महिलाओं और दोस्तों को विश करना चहाते हैं या सोशल मीडिया पर स्टेटस लगाना चाहते हैं तो यहां आप के लिए कुछ कोट्स व मैसेज दिए गए हैं।
दिन की रोशनी ख्वाबों को बनाने मे गुजर गई,
रात की नींद बच्चे को सुलाने मे गुजर गई,
जिस घर मे मेरे नाम की तखती भी नहीं,
सारी उम्र उस घर को सजाने मे गुजर गई।
नारी दिवस बस एक दिवस
क्यों नारी के नाम मनाना है
हर दिन हर पल नारी उत्तम
मानो , यह नया जमाना है
जिसने बस त्याग ही त्याग किए
जो बस दूसरों के लिए जिए
फिर क्यों उसको धिक्कार दो
उसे जीने का अधिकार दो
क्यों त्याग करे नारी केवल
क्यों नर दिखलाए झूठा बल
नारी जो जिद्द पर आ जाए
अबला से चण्डी बन जाए
उस पर न करो कोई अत्याचार
तो सुखी रहेगा घर-परिवार
मुस्कुराकर, दर्द भूलकर
रिश्तों में बंद थी दुनिया सारी
हर पग को रोशन करने वाली
वो शक्ति है एक नारी
नारी सीता नारी काली
नारी ही प्रेम करने वाली
नारी कोमल नारी कठोर
नारी बिन नर का कहां छोर
नारी ही शक्ति है नर की
नारी ही है शोभा घर की
जो उसे उचित सम्मान मिले
घर में खुशियों के फूल खिलें
महिला दिवस की हार्दिक बधाई
आंचल में ममता लिए हुए
नैनों से आंसु पिए हुए
सौंप दे जो पूरा जीवन
फिर क्यों आहत हो उसका मन
नर सम अधिकारिणी है नारी
वो भी जीने की अधिकारी
कुछ उसके भी अपने सपने
क्यों रौंदें उन्हें उसके अपने
वह जन्म देने तुम, वह तुम्हें दे प्यार करता हूँ,
वह मुस्कन को सिखाता है तुम, के लिए मील तक पहुँचने कि,
इसकी हर एक के पीछे औरत,
सुंदरता का पर्याय, इसका उसे दिन