International Tiger Day 2020: कैसे हुई थी टाइगर डे मनाने की शुरुआत और दुनिया भर में कितने बाघ हैं, जानिए

By विनीत कुमार | Published: July 28, 2020 01:58 PM2020-07-28T13:58:47+5:302020-07-28T14:09:56+5:30

International Tiger Day: दुनिया भर में बाघों के सरक्षण को लेकर काफी काम हो रहा है। भारत को इसमें बहुत सफलता मिली है। भारत में दुनिया के आज करीब 70 प्रतिशत बाघ रहते हैं।

International Tiger Day 2020: its history, significance and number of tigers in india and worldwide | International Tiger Day 2020: कैसे हुई थी टाइगर डे मनाने की शुरुआत और दुनिया भर में कितने बाघ हैं, जानिए

International Tiger Day 2020: जानिए क्यों और कब से मना रही है दुनिया ये दिन (फाइल फोटो)

HighlightsInternational Tiger Day: हर साल 29 जुलाई को मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवसभारत में आज दुनिया की कुल बाघों की आबादी का 70 प्रतिशत मौजूद हैं, 2010 में हुई थी ये खास दिन मनाने की शुरुआत

International Tiger Day 2020: दुनिया भर में हर साल 29 जनवरी को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस खास दिन का मकसद बाघों के सरक्षण को लेकर लोगों में जागरूकता पैदा करना है। भारत में भी इसे लेकर पिछले एक दशक से ज्यादा से खूब बातें हो रही हैं और इसका फायदा भी देखने को मिला है। 

भारत में फिलहाल पूरी दुनिया की कुल बाघों की आबादी का 70 प्रतिशत है। ये जानकारी मंगलवार को ही केंद्रीय पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की ओर से दी गई। जावड़ेकर ने ये भी बताया कि अभी भारत के पास 30,000 हाथी, 3000 एक सींग वाले गैंडे और 500 से ज्यादा शेर हैं।

International Tiger Day: कैसे हुई इस दिन को मनाने की शुरुआत

बाघों के संरक्षण के काम को और प्रोत्साहित करने, उनकी लगातार घटती संख्या के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए साल 2010 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित एक शिखर सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाने की घोषणा हुई थी। इस सम्मेलन में मौजूद कई देशों की सरकारों ने 2022 तक बाघों की आबादी को दोगुना करने का लक्ष्य तय किया था।

भारत में हालांकि बाघों को बचाने का प्रोजेक्ट काफी पहले 1973 में ही शुरू कर दिया गया था। इसके तहत कई टाइगर रिजर्व बनाए गए। एक रिपोर्ट के अनुसार 1973-74 में टाइगर रिजर्व की संख्या 9 थी लेकिन अब इसकी संख्या बढ़कर 50 हो गई है।

बाघों की कुछ प्रजातियां हो चुकी है विलुप्त 

पीएम नरेंद्र मोदी ने एक अखिल भारतीय बाघ अनुमान रिपोर्ट 2018 में जारी किया था। इस रिपोर्ट के मुताबिक, देश में बाघों की आबादी 2014 में 1,400 से बढ़कर 2019 में 2,977 हो गई। 

वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड के पिछले साल के एक आंकड़े के अनुसार पूरी दुनिया में अभी 3900 बाघ ही बचे हैं, जबकि 1915 में ये संख्या एक लाख से ज्यादा थी। 20 सदी की शुरुआत के बाद बाघों की संख्या में तेजी से कमी आनी शुरू हुई थी।

अभी बाघों की जिंदा प्रजातियों में साइबेरियन टाइगर, बंगाल टाइगर, इंडो-चाइनीज टाइगर, मलायन टाइगर, सुमात्रन टाइगर हैं। वहीं बाली टाइगर, कैस्पियन टाइगर, जावन टाइगर विलुप्त हो चुकी हैं। हालांकि, इन सबके बीच भारत में बाघों की संख्या लगातार बढ़ी है।

Web Title: International Tiger Day 2020: its history, significance and number of tigers in india and worldwide

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