चीन से तनाव के बीच भारतीय नौसेना में शामिल हुआ ‘आईएनएस मोर्मूगाओ’, जानें इसकी जबरदस्त खुबियां और वार करने की क्षमता
By भाषा | Published: December 18, 2022 01:42 PM2022-12-18T13:42:17+5:302022-12-18T14:03:04+5:30
इस पर बोलते हुए नौसेना प्रमुख ने कहा है कि इस युद्धपोत को गोवा मुक्ति दिवस की पूर्व संध्या पर नौसेना में शामिल किया जाना पिछले एक दशक में युद्धपोत डिजाइन और निर्माण क्षमता में हुई बड़ी प्रगति की ओर इशारा करता है।
मुंबई: स्वदेश निर्मित मिसाइल विध्वंसक ‘आईएनएस मोर्मूगाओ’ को रविवार को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया है। ‘आईएनएस मोर्मूगाओ’ को सेना में शामिल किए जाने के लिए मुंबई में आयोजित कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भी उपस्थित थे। आपको बता दें कि इस योद्धपोट को भारतीय नेवी में उस वक्त शामिल किया गया है जब भारत और चीन के बीच तवान चल रहा है।
क्या बोले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
इस पर बोलते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि युद्धपोत को शामिल किए जाने से भारत की समुद्री ताकत मजबूत होगी। उन्होंने ‘आईएनएस मोर्मूगाओ’ को प्रौद्योगिकी आधार पर सबसे उन्नत युद्धपोत बताया है। सिंह ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की पांच शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है और विशेषज्ञों के अनुसार, यह 2027 में शीर्ष तीन में शामिल हो जाएगी।
Mumbai | INS Mormugao, a P15B stealth-guided missile destroyer, commissioned into the Indian Navy in the presence of Defence Minister Rajnath Singh, CDS Gen Anil Chauhan, Navy chief Admiral R Hari Kumar and other dignitaries. pic.twitter.com/JukEG1kdgl
— ANI (@ANI) December 18, 2022
क्या है इस युद्धपोत की खुबियां
नौसेना प्रमुख ने कहा कि युद्धपोत को गोवा मुक्ति दिवस की पूर्व संध्या पर नौसेना में शामिल किया जाना पिछले एक दशक में युद्धपोत डिजाइन और निर्माण क्षमता में हुई बड़ी प्रगति की ओर इशारा करता है। भारतीय नौसेना के अनुसार, यह युद्धपोत दूरसंवेदी उपकरणों, आधुनिक रडार और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल जैसी हथियार प्रणालियों से लैस है।
नौसेना ने बताया कि इस युद्धपोत की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर तथा वजन 7,400 टन है। इसे भारत द्वारा निर्मित सबसे घातक युद्धपोतों में गिना जा सकता है। आपको बता दें कि पश्चिमी तट पर स्थित ऐतिहासिक गोवा बंदरगाह शहर के नाम पर मोर्मूगाओ नाम रखा गया है।
इस युद्धपोत को भारतीय नौसेना के स्वदेशी संगठन ने डिजाइन किया है
संयोग से यह पोत पहली बार 19 दिसंबर, 2021 को समुद्र में उतरा था, जिस दिन पुर्तगाली शासन से गोवा की मुक्ति के 60 वर्ष पूरे हुए थे। मोर्मूगाओ ‘विशाखापत्तनम’ श्रेणी के चार विध्वंसकों में से दूसरा विध्वंसक है। इसका डिजाइन भारतीय नौसेना के स्वदेशी संगठन ने तैयार किया है तथा निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने किया है।