INS खंडेरी: साइलेंट किलर पनडुब्बी, अब पानी में दुश्मन की खैर नहीं!
By सारंग थत्ते | Published: September 28, 2019 04:30 AM2019-09-28T04:30:35+5:302019-09-28T04:30:35+5:30
मुंबई के मझगांव डॉक में फ्रांसीसी कंपनी नेवल ग्रुप की सहायता से बनी दुश्मन पर सबसे पहले प्रहार करने वाली कलवरी श्रेणी की दूसरी डीजल इलेक्ट्रिक पनडुब्बी आईएनएस खंडेरी को 28 सितंबर 2019 को मुंबई नेवल डॉक में आयोजित कार्यक्रम में रक्षा मंत्नी राजनाथ सिंह नौसेना में आधिकारिक रूप से शामिल करेंगे.
1971 के भारत-पाक युद्ध में हमारी पनडुब्बियों ने कराची बंदरगाह पर पाकिस्तानी युद्ध पोतों को रोके रखा था. आईएनएस खंडेरी नाम की हमारी पनडुब्बी थी जिसने 1971 की जंग में पूर्वी तट पर बंगाल की खाड़ी में एक अभूतपूर्व भूमिका का निर्वहन किया था. यह पुरानी पनडुब्बी खंडेरी रूस के लेनिनग्राद के सुडामेख बंदरगाह में बनाई गई थी और नौसेना ने इसे 18 अक्तूबर 1989 को डी-कमीशन किया था.
मुंबई के मझगांव डॉक में फ्रांसीसी कंपनी नेवल ग्रुप की सहायता से बनी दुश्मन पर सबसे पहले प्रहार करने वाली कलवरी श्रेणी की दूसरी डीजल इलेक्ट्रिक पनडुब्बी आईएनएस खंडेरी को 28 सितंबर 2019 को मुंबई नेवल डॉक में आयोजित कार्यक्रम में रक्षा मंत्नी राजनाथ सिंह नौसेना में आधिकारिक रूप से शामिल करेंगे.
आईएनएस खंडेरी का वर्ष 2017 में जलावतरण हुआ था और सागर की गहराई में दो साल के परीक्षण के बाद खंडेरी को देश की सागरीय सीमा की सुरक्षा के लिए तैनात किया जाएगा. 300 किमी दूर स्थित दुश्मन के जहाज को नष्ट करने की क्षमता रखने वाली पनडुब्बी के नौसेना में शामिल होने से सागर में नौसेना की ताकत और बढ़ गई है. खंडेरी 45 दिन पानी में रहने में सक्षम है. अत्याधुनिक तकनीक से लैस खंडेरी में टॉरपीडो और एंटी शिप मिसाइलें तैनात की जाएंगी. इसकी अधिकतम गति 20 समुद्री मील है, जो एक विश्व मानक है.
67 मीटर लंबी, 6.2 मीटर चौड़ी और 12.3 मीटर की ऊंचाई वाली पनडुब्बी का कुल वजन 1550 टन है. इसमें 36 से अधिक नौसैनिक रह सकते हैं. खंडेरी सागर में 300 मीटर की गहराई तक जा सकती है. कोई रडार इसका पता नहीं लगा सकता है. खंडेरी एक समय में पानी के नीचे 1020 किमी का सफर तय कर सकती है. खंडेरी बैटरी पर चलने वाली पनडुब्बी है. लंबे समय तक पानी में रहने के लिए इसमें 360 बैटरी लगाई गई हैं.
बैटरी को चार्ज करने के लिए इसमें 1250 किलोवाट वॉट्स के 2 डीजल जनरेटर लगाए गए हैं. रडार, सोनार, इंजन समेत इसमें छोटे बड़े 1000 से अधिक उपकरण लगे हुए हैं. इसके बावजूद बगैर आवाज किए यह पानी में चलने वाली विश्व की सबसे शांत पनडुब्बियों में से एक है. इस वजह से रडार आसानी से इस साइलेंट किलर का पता नहीं लगा सकते हैं.