उच्चतम न्यायालय का फैसला, भ्रष्टाचार के सभी मामलों में प्रारंभिक जांच अनिवार्य नहीं

By भाषा | Published: December 7, 2019 06:11 AM2019-12-07T06:11:08+5:302019-12-07T06:11:08+5:30

पीठ ने कहा कि प्रारंभिक जांच का उद्देश्य केवल यह सुनिश्चित करना है कि आपराधिक जांच प्रक्रिया मनगढ़त और अपुष्ट शिकायत पर शुरू नहीं की जाए।

Initial investigation not mandatory in all corruption cases: Supreme Court | उच्चतम न्यायालय का फैसला, भ्रष्टाचार के सभी मामलों में प्रारंभिक जांच अनिवार्य नहीं

उच्चतम न्यायालय का फैसला, भ्रष्टाचार के सभी मामलों में प्रारंभिक जांच अनिवार्य नहीं

Highlightsउच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को एक अहम फैसला सुनाया कि भ्रष्टाचार के सभी मामलों में प्रारंभिक जांच अनिवार्य नहीं है एक संज्ञेय अपराध का खुलासा करने वाली औपचारिक या अनौपचारिक जानकारी अभियोजन शुरू करने के लिए पर्याप्त होगी।

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को एक अहम फैसला सुनाया कि भ्रष्टाचार के सभी मामलों में प्रारंभिक जांच अनिवार्य नहीं है और एक संज्ञेय अपराध का खुलासा करने वाली औपचारिक या अनौपचारिक जानकारी अभियोजन शुरू करने के लिए पर्याप्त होगी।

न्यायालय के अनुसार आवश्यता के अनुरूप प्रारंभिक जांच प्रत्येक मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर निर्भर करेगी। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और हेमंत गुप्ता की पीठ ने 24 दिसंबर, 2018 के हैदराबाद उच्च न्यायालय के आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें अदालत ने एक पुलिस अधिकारी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी थी क्योंकि उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से पहले कोई प्रारंभिक जांच नहीं की गई थी।

शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने की तेलंगाना सरकार की अपील को स्वीकार करते हुए कहा कि प्रारंभिक जांच कराने को लेकर कोई तय मानदंड या तरीका नहीं है। पीठ ने कहा कि प्रारंभिक जांच का उद्देश्य केवल यह सुनिश्चित करना है कि आपराधिक जांच प्रक्रिया मनगढ़त और अपुष्ट शिकायत पर शुरू नहीं की जाए।

Web Title: Initial investigation not mandatory in all corruption cases: Supreme Court

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