मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा पास जारी कर इंदौर ने रचा इतिहास, अबतक 90 हजार से अधिक ई-पास हुए जारी
By मुकेश मिश्रा | Published: May 27, 2020 03:58 PM2020-05-27T15:58:13+5:302020-05-27T15:58:13+5:30
दूसरे चरण में प्रशासन ने शर्तों के साथ ऐसे लोगों को इन्दौर से बाहर जाने की अनुमति देने का निर्णय लिया। इसके लिए ऑनलाईन आवेदन करने पर ई पास जारी किए गए। आवेदन में वाहन नंबर के साथ ही आधार या अन्य आवश्यक दस्तावेज की जानकारी देना भी अनिवार्य किया गया।
इंदौर: कोरोना के वजह से लॉक डाउन में फंसे लाखों लोगों के लिए 90 हजार से अधिक ई पास जारी कर जिला प्रशासन ने इतिहास रचा है। प्रदेश में सबसे अधिक ई पास इंदौर से ही जारी किए गए है। इस व्यवस्था की जिम्मेदारी विकास प्राधिकरण के सीईओ विवेक श्रोत्रिय के पास थी, जिसका उन्होने बखूबी निर्वहन किया है।
25 मार्च को 21 दिन के पहले लॉक डाउन की घोषणा के बाद दूसरे प्रदेश और प्रदेश के अन्य शहरों के लोग इन्दौर में ही फंस गए थे।जिसमें बड़ी संख्या में छात्र , नौकरीपेशा, व्यापार जगत के अलावा कई लोग ऐसे भी थे जो शादी समारोह व अन्य दूसरे कारणों से अपने रिश्तेदार व परीचितों के यहां आए थे।
लॉक डाउन का पहला चरण तो इन लोगों ने जैसे तैसे काट लिया। दूसरे चरण में प्रशासन ने शर्तों के साथ ऐसे लोगों को इन्दौर से बाहर जाने की अनुमति देने का निर्णय लिया। इसके लिए ऑनलाईन आवेदन करने पर ई पास जारी किए गए। आवेदन में वाहन नंबर के साथ ही आधार या अन्य आवश्यक दस्तावेज की जानकारी देना भी अनिवार्य किया गया। ई पास व्यवस्था की जिम्मेदारी विकास प्राधिकरण के सीईओ विवेक श्रोत्रिय को सौंपी गई, जो पहले से ही 46 क्वांरटाइन सेंटरों की व्यवस्था भी देख रहे थे।
शुरूआत में एक सेंटर ही ऑन लाईन के आवेदन के लिए था, लेकिन बाद में संख्या बढऩे पर तीन सेंटर शुरू कर दिए गए। इन तीन सेंटरों से अभी तक 92 हजार से अधिक ई पास जारी किए जा चुके है।अभी भी ई- पास जारी किए जा रहे है।बताया जाता है कि पिछले एक माह में 1 लाख से अधिक लोग इस शहर से गए है। प्रदेश का ऐसा कोई जिला नहीं था, जिसके लिए इन्दौर से ई पास जारी नहीं किए गए हो। इसके अलावा महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, उप्र, बिहार, कर्नाटक, पंजाब, हरियाणा आदि राज्यों के लिए भी ई पास जारी किए गए।