भारत-नेपाल के बीच तनावपूर्ण स्थिति जारी, सीमा पर APF ने भारतीयों पर की फायरिंग

By एस पी सिन्हा | Published: June 14, 2020 06:59 PM2020-06-14T18:59:29+5:302020-06-14T18:59:29+5:30

नेपाल सरकार द्वारा जारी किए गए नए नक्शे के कारण भारत-नेपाल के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। इस बीच नेपाल सशस्त्र प्रहरी बल (एपीएफ) द्वारा लालबंदी जानकीनगर सीमा पर भारतीयों पर फायरिंग के बाद से स्थिति लगातार तनावपूर्ण बनी हुई है।

Indo-Nepal tense situation continues, APF firing on Indians along the border | भारत-नेपाल के बीच तनावपूर्ण स्थिति जारी, सीमा पर APF ने भारतीयों पर की फायरिंग

भारत और नेपाल के बीच तनाव जारी (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsनेपाल पुलिस के जवानों ने नो-मेंस लैंड पर कोरोना पॉजिटिव मरीजों के चार शव को दफना दिया और उसके बगल में पीपीई किट को जलाया है। नेपाल पुलिस की इस हरकत को एसएसबी के सेनानायक प्रियवर्त शर्मा ने गलत ठहराया है।

पटना: भारत-नेपाल सीमा पर शुरू हुए विवाद ने अब दोनों देशों के बीच युगों से जारी बेटी-रोटी के रिश्ते पर असर दिखने लगा है। नेपाल कम्यूनिष्ट पार्टी के रवैये से युगों से जारी संबंधों में भी खटास की स्थिति पैदा हो गई है। नेपाल सरकार द्वारा जारी किए गए नए नक्शे ने तो स्थिति को और भी भयावह बना दिया है। 

पिछले दिनों सीतामढ़ी जिले के सोनबरसा स्थित लालबंदी जानकीनगर सीमा पर नेपाल सशस्त्र प्रहरी बल (एपीएफ) की भारतीयों पर फायरिंग के बाद से स्थिति लगातार तनावपूर्ण बनी हुई है।

इस बीच नेपाल के नक्शेबाजी वाले नए पैंतरे ने आग में घी का काम किया है। बीते दिन नेपाल पुलिस की ओर से की गई गोलीबारी में भारतीय नागरिक की मौत से कई सवाल उठे थे। अब एक और नया कारनामा नेपाल पुलिस के जवानों ने किया है। जिसके कारण एक बार फिर से विवाद उत्पन्न हो गया है। 

कोरोना पॉजिटिव मरीजों को दफनाया

दरअसल, नेपाल पुलिस के जवानों ने नो-मेंस लैंड पर कोरोना पॉजिटिव मरीजों के चार शव को दफना दिया और उसके बगल में पीपीई किट को जलाया है। इसके बाद से भारतीय सीमावर्ती क्षेत्र में नेपाल के रवैये को लेकर लोगों में जबर्दस्त आक्रोश है। यह देखते हुए भारत की ओर से सरहद की सुरक्षा में तैनात सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की 51वीं बटालियन ने गश्त बढ़ा दी है।

नेपाल पुलिस की इस हरकत को एसएसबी के सेनानायक प्रियवर्त शर्मा ने गलत ठहराया है। उन्होंने कहा कि नो मेंस लैंड पर नेपाल द्वारा कोरोना पॉजिटिव लाश नहीं दफनाना चाहिए। भारत-नेपाल सीमा के इस स्थल पर शव को दफनाने के बाद तनाव बढ़ गया है। पीपीई किट जलाने से आस-पड़ोस का धुआं गांव में फैल गया, जिससे लोग दहशत में है। इसके कारण इस्लामपुर और अहिरवा टोला के लोगों ने इसपर आक्रोश जताया है।

नेपाल सरकार के खिलाफ किया विरोध-प्रदर्शन

नेपाल सरकार के खिलाफ उन्होंने विरोध-प्रदर्शन किया है। प्रेमनगर और अहिरवाटोला सहित रक्सौल शहर के लोग नेपाल पुलिस की इस दुस्साहस के कारण नाराज हैं। कई आक्रोशित लोग सीमा तक पहुंच गए। लोगों की गोलबंदी देख बड़ी संख्या में नेपाल पुलिस भी वहां पहुंच गई। लोगों का कहना है कि जब शवों को दफनाना था तो नेपाल के अंदर भी बहुत जगह थी, लेकिन दुर्भावना के कारण इसे बॉर्डर के पास लाकर दफनाया गया है।

उधर, नेपाल सीमा पर अपनी नापाक करतूतों को लेकर डरा सहमा हुआ है। उसने अपने नारायणपुर पोस्ट को खाली कर दिया है। मगर, वहां से सौ मीटर पीछे हटकर और अधिक जवानों को तैनात कर रखा है। इससे साफ है कि नेपाली पुलिस डरी सहमी हुई है। उसे भी ग्रामीणों से भय महसूस हो रहा है। इलाके के लोगों से बात की, तो पता चला कि अब यहां लोग डर के साये में जी रहे हैं। पिछले कुछ समय से भारत और नेपाल के बीच सीमा विवाद गहराया है। 

कालापानी और लिपुलेख को लेकर विवाद जारी

ये विवाद कालापानी और लिपुलेख को लेकर है। नवंबर 2019 में भारत के गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए एक नए नक्शे में कालापानी क्षेत्र को शामिल किया गया था, जिस पर नेपाल अपना दावा करता रहा है। भारत के इलाके को भी नेपाल अपना बता रहा है। शुक्रवार सुबह करीब 8.40 बजे एपीएफ की बर्बरता सामने आई थी। एक परिवार अपने नेपाली रिश्तेदार से सीमा पर मुलाकात कर रहा था। जिन्हें नेपाली सुरक्षा बलों ने सीमा पर रोक दिया और वापस लौटने के लिए बल का प्रयोग किया।

आरजू-मिन्नतें करने पर एपीएफ ने अनसुना कर दिया। सीमा पर एपीएफ वालों द्वारा इस परिवार के साथ मारपीट करते हुए देखकर आसपास के लोग जुटे तो उन लोगों ने अपने अन्य सुरक्षा बलों को फोन कर बुला लिया। वे लोग आते ही हवाई फायरिंग शुरू की। भगदड़ मची तो खदेडकर पीटने लगे। इसी बीच कुछ लोगों पर गोलियां चलाई। जिसमें एक की मौत हो हो गई जबकि चार अन्य जख्मी हो गए।

भारतीय सीमा पर बसे गांव दहशत में

वहीं, सीमा पर नेपाल की तरफ से फायरिंग के बाद भारतीय सीमा पर बसे गांवों में दहशत व्याप्त है। लोग अपने घरों में कैद हैं। हालांकि, एसएसबी के जवान लगातार कैंप कर रहे हैं। लोग डर के साये में अपने घरों से नहीं निकल रहे हैं। आलम यह है कि हफ्ते में तीन दिन लगने वाली बाजार में खरीददारी के लिए लोग नहीं पहुंचे। 

दूसरी ओर किसान अपने खेतों में काम के लिए नहीं जा रहे हैं। स्थिति तानवपूर्ण बनी हुई है। युगों से एक-दूसरे को अलग देश नही मानने वाले लोग आज यह महसूस करने को विवश हैं कि नेपाल अलग देश है। जबकि पहले लोग इसे अपना ही देश मानकर व्यवहार करते थे। लेकिन नेपाल की कम्यूनिष्ट सरकार ने यह विभेद पैदा कर दिया है।

Web Title: Indo-Nepal tense situation continues, APF firing on Indians along the border

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