मानचित्र विवादः भारत ने कहा- ठोस कदम उठाने की जिम्मेदारी अब पीएम ओली और सरकार की, राजनाथ बोले- हमारे बीच ‘‘रोटी और बेटी ’’का संबंध
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 15, 2020 07:39 PM2020-06-15T19:39:53+5:302020-06-15T20:39:41+5:30
भारत और नेपाल के बीच मानचित्र विवाद गहरा गया है। भारत ने कहा कि हमने फैसला ले लिया है। अब नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली और उनके सरकार को करना है। बातचीत सकरात्मक माहौल में होना चाहिए।
नई दिल्लीः भारत ने नेपाल पर कड़ा एक्शन लिया है। नेपाल नेपाल विवाद पर सरकारी सूत्रों ने कहा ने कहा कि वार्ता के मकसद से उपयुक्त माहौल तैयार करने के लिए सकारात्मक और ठोस कदम उठाने की जिम्मेदारी अब प्रधानमंत्री केपी ओली और उनके सरकार की है। सरकारी सूत्रों ने नेपाल के इस दावे को खारिज किया कि भारत ने सीमा मुद्दे पर बातचीत के उनके प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया नहीं दी।
भारत ने हाल ही में नेपाल को वार्ता करने का प्रस्ताव दिया था लेकिन नेपाली पक्ष से कोई जवाब नहीं मिला। नेपाल के नए मानचित्र को किसी भी तथ्य या सबूत से प्रमाणित नहीं किया जा सकता है जिससे यह स्पष्ट है कि यह राजनीतिक लाभ के लिए अपनाया गया एक हथकंडा मात्र है। नेपाल द्वारा नया मानचित्र जारी करना सीमा मुद्दे का राजनीतिकरण करने का एक प्रयास है। यह कार्रवाई संकुचित दृष्टि वाली और अपने सीमित राजनीतिक एजेंडा को आगे बढ़ाने वाली है।
भारत और नेपाल के बीच बातचीत के लिये अनुकूल माहौल तैयार करने का दायित्व नेपाली प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली और उनकी सरकार का है क्योंकि नया राजनीतिक नक्शा जारी करना राजनीतिक फायदा हासिल करने का उसका “अदूरदर्शी” एजेंडा था। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ओली सरकार द्वारा नया नक्शा जारी करना भारत के साथ सीमा विवाद का राजनीतिकरण करने का प्रयास था और यह दर्शाता है कि नेपाल दशकों पुराने इस मुद्दों को बातचीत के जरिये हल करने को लेकर गंभीर नहीं है।
नेपाल ने पिछले महीने देश का एक नया राजनीतिक नक्शा जारी किया था
नेपाल ने पिछले महीने देश का एक नया राजनीतिक नक्शा जारी किया था जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा के विवादित क्षेत्र को दर्शाया गया है, जिन्हें भारत अपना इलाका बताता रहा है। ओली के नेतृत्व वाली कम्युनिस्ट सरकार ने शनिवार को इस नए नक्शे को संसद के निचले सदन से सर्वसम्मति से पारित करा लिया था जबकि भारत ने कड़े शब्दों में स्पष्ट कर दिया था कि “कृत्रिम रूप से बढ़ा-चढ़ाकर” पेश किये गए क्षेत्रीय दावे स्वीकार करने योग्य नहीं हैं। स्थिति पर भारत के रुख को परिलक्षित करते हुए एक सूत्र ने कहा, “यह कार्रवाई अदूरदर्शी और एक सीमित राजनीतिक एजेंडे को साधने वाली है।”
सूत्रों ने कहा कि अब यह दायित्व प्रधानमंत्री ओली का है कि वह संवाद का अनुकूल माहौल तैयार करने के लिये सकारात्मक और ठोस कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि नया नक्शा जारी करना और उसे कानूनी समर्थन दिलवाना यह स्पष्ट रूप से पर्याप्त संकेत है कि नया नक्शा “राजनीतिक फायदे का एक औजार” है क्योंकि यह न तथ्यों और न ही साक्ष्यों से प्रेरित है।
सूत्रों ने कहा कि भारत ने नेपाल के साथ बातचीत के प्रस्ताव पर हमेशा सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है और वहां की संसद के निचले सदन में नक्शे के मुद्दे को चर्चा के लिये उठाए जाने से ठीक पहले भी भारत ने इस विषय पर नेपाल से संपर्क किया था। सूत्रों ने ओली के उस दावे को भी खारिज कर दिया कि नेपाल में कोविड-19 के मामले उन लोगों की वजह से बढ़ रहे हैं जो भारत से वापस लौटे हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नेपाल के क्षेत्रीय दावे को सोमवार को खारिज किया और लिपुलेख-धारचूला सड़क के पूरी तरह भारतीय क्षेत्र में होने की बात पर जोर देते हुए कहा कि मोदी सरकार पड़ोसी देश के साथ ‘‘गलतफहमियों’’ को बातचीत के जरिए हल करने की इच्छुक है।
सिंह ने दोनों देशों के बीच सदियों पुराने संबंधों पर जोर देते हुए कहा कि ये संबंध सामाजिक, भौगोलिक, एतिहासिक और सांस्कृतिक भर नहीं हैं बल्कि आध्यात्मिक भी हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत इस हकीकत को कभी भूल नहीं सकता और भारतीयों के मन में नेपाल के प्रति कोई कड़वाहट हो ही नहीं सकती है। सिंह ने भाजपा की उत्तराखंड के लिए एक डिजिटल रैली में कहा,‘‘ हमारे संबंध केवल इस दुनिया के नहीं हैं बल्कि ‘‘दूसरी दुनिया’’ के भी है और कोई चाहे भी तो इसे बदला नहीं जा सकता।’’
India has taken up the matter with Nepal's Home Ministry in Kathmandu and their mission in Delhi. A formal response from Nepal is awaited. After strong intervention by the Indian mission in Nepal, they released the India national on 13th June: Sources on the killing of Bihar man
— ANI (@ANI) June 15, 2020
नेपाल की कम्यूनिस्ट सरकार ने चीन के भड़कावे में आकर भारत से दुश्मनी को पर मुहर लगा दी है। बरसों से चली आरही भारत-नेपाल मैत्री को तज करके चीन के दिखाये सपनों ने नेपाल को इतना अन्धा कर दिया कि उसने भारत जैसा एक पुराना और सच्चा मित्र खो दिया है।
दुनिया की कोई ताकत इसे तोड़ नहीं सकती
राजनाथ सिंह ने कहा,‘‘ये साधारण संबंध नहीं हैं और हमारे बीच ‘‘रोटी और बेटी ’’का संबंध है और दुनिया की कोई ताकत इसे तोड़ नहीं सकती। उन्होंने कहा,‘‘हमारे बीच केवल ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध नहीं हैं बल्कि आध्यात्मिक संबंध भी हैं और भारत इसे कभी भूल नहीं सकता।’’ उन्होंने कहा,‘‘भारत और नेपाल के बीच संबंध कैसे टूट सकते हैं?’’ दरअसल नेपाल की संसद ने शनिवार को देश के नए राजनीतिक नक्शे को अद्यतन करने के लिए संविधान में संशोधन के लिए सर्वसम्मति से मतदान किया हैं। वह सीमा पर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण तीन इलाकों पर अपना दावा कर रहा है।
रक्षा मंत्री ने कहा,‘‘ अगर लिपुलेख-धारचूला सड़क से नेपाल के लोगों में किसी प्रकार की गलतफहमी हुई है तो मेरा मानना है कि उसे दूर करने के लिए हम साथ बैठ सकते हैं। हम बातचीत के जरिए ऐसा कर सकते हैं।’’ उन्होंने भारत के उस रुख को दोहराया कि 80 किलोमीटर की सड़क भारतीय क्षेत्र में ही बनी है। साथ ही कहा कि इससे नेपाल में कुछ गलतफहमियां पैदा हुई हैं। सिहं के अनुसार इस मार्ग से कैलाश मानसरोवर की यात्रा छह दिन कम हो जाएगी। नेपाल ने सड़क के उद्घाटन का कड़ा विरोध करते हुए कहा था कि यह नेपाल के क्षेत्र से हो कर गुजर रही हैं।
वहीं भारत ने नेपाल के दावे को खारिज करते हुए कहा था कि यह सड़क पूरी तरह से उसके अपने क्षेत्र में है। सिंह ने दोनों देशों के बीच प्रगाढ़ संबंधों को रेखांकित करने के लिए गोरखा रेजीमेंट के शौर्य का जिक्र किया जिसके लिए अधिकतर सैनिक नेपाल से आते हैं और उनका युद्धघोष हैं ‘‘महा काली,आयो गोरखाली।’’ उन्होंने सवाल किया,‘‘भारत और नेपाल के बीच संबंध कैसे समाप्त हो सकते हैं।’’ उन्होंने कहा,‘‘कोई धारचूला के पास कितनी भी तारबंदी कर ले, इन संबंधों को समाप्त नहीं किया जा सकता।’’
इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार के कामकाज का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 को समाप्त करने, तीन तलाक को समाप्त करने जैसे वादों को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि नेताओं के वादों और उनके कामों में जो अंतर है उसने ‘‘विश्वसनीयता का संकट’’ पैदा कर दिया था लेकिन मोदी सरकार ने पार्टी के घोषणापत्र में कही गई बातों पर अमल करके इस पर विजय पाई है।