भारत के दवाब के आगे झुका ब्रिटेन, ट्रैवल अडवाइजरी में बदलाव, कोविशील्ड को वैक्सीन माना
By सतीश कुमार सिंह | Published: September 22, 2021 01:47 PM2021-09-22T13:47:57+5:302021-09-22T14:52:27+5:30
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाए गए कोविशील्ड टीके की दोनों खुराक लेने वाले लोगों के टीकाकरण को मान्यता नहीं दी जाएगी।
नई दिल्लीः भारत से यूनाइटेड किंगडम (यूके) जाने वाले यात्रियों के लिए खुशखबरी है। भारत सरकार के दबाव में ब्रिटेन को आखिरकार झुकना पड़ा। यूके ने अब कहा है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) द्वारा निर्मित कोविशील्ड कोविड-वैक्सीन के रूप में योग्य है।
ब्रिटेन सरकार ने भारत में निर्मित ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका के कोविड-19 रोधी टीके कोविशील्ड को बुधवार को अपने अद्यतन अंतरराष्ट्रीय यात्रा परामर्श में शामिल कर लिया। इससे पहले, ब्रिटेन के नये यात्रा नियम के अनुसार, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाए गए कोविशील्ड टीके की दोनों खुराक लेने वाले लोगों के टीकाकरण को मान्यता नहीं दी गई थी और ब्रिटेन पहुंचने पर उन्हें 10 दिनों के पृथक-वास में रहने की जरुरत बताई गई थी। ब्रिटेन के इस फैसले की व्यापक निंदा हुई थी।
COVID19 | In its revised travel advisory, the UK government says Covishield qualifies as an approved vaccine pic.twitter.com/B5R52cDu6v
— ANI (@ANI) September 22, 2021
ब्रिटिश सरकार के नए फैसले का मतलब है कि कोविशील्ड टीके की दोनों खुराकें ले चुके लोगों को 10 दिनों के पृथक वास में रहने की जरूरत नहीं होगी। साथ ही उन्हें यह भी नहीं बताना होगा कि वह ब्रिटेन में कहां रहेंगे। ब्रिटेन के परिवहन विभाग और स्वास्थ्य एवं समाज देखभाल विभाग की ओर से जारी परामर्श में कहा गया है, 'एस्ट्राजेनेका कोविशील्ड, एस्ट्राजेनेका वैक्सजेवरिया और मॉडर्ना टाकेडा जैसे चार टीकों को स्वीकृत टीकों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।'' इसमें कहा गया है, ''आपके लिये ब्रिटेन आने से 14 दिन पहले टीके की दोनों खुराकें लेना अनिवार्य है।''
यात्रियों के संबंध में ब्रिटेन की नई कोविड-19 टीका नीति के संबंध में भारत की चिंताओं का समाधान नहीं किए जाने की स्थिति में विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने मंगलवार को कहा था कि ऐसी स्थिति में ‘‘उसी तरह के कदम उठाए जा सकते हैं।’’
दरअसल ब्रिटेन के नये यात्रा नियम के अनुसार, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाए गए कोविशील्ड टीके की दोनों खुराक लेने वाले लोगों के टीकाकरण को मान्यता नहीं दी जाएगी और ब्रिटेन पहुंचने पर उन्हें 10 दिनों के पृथक-वास में रहने की जरूरत होगी। श्रृंगला ने ब्रिटेन की इस नीति को भेदभावपूर्ण बताया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कोविशील्ड टीका लगवाने वालों के संबंध में देश की चिंताओं से ब्रिटेन की नवनियुक्त विदेश मंत्री एलिजाबेथ ट्रस को न्यूयॉर्क में हुई बैठक में अवगत कराया।
श्रृंगला ने कहा, ‘‘यहां मुख्य मुद्दा यह है कि, एक टीका है कोविशील्ड, जो ब्रिटिश कंपनी का लाइसेंसी उत्पाद है, जिसका उत्पादन भारत में होता है और ब्रिटिश सरकार के अनुरोध पर हमने ब्रिटेन को इसकी 50 लाख खुराक भेजी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम समझते हैं कि इसका उपयोग राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली (एनएचएस) के तहत हो रहा है और ऐसे में कोविशील्ड को मान्यता नहीं देना भेदभावपूर्ण नीति है और इससे ब्रिटेन की यात्रा करने वाले हमारे नागरिक प्रभावित होते हैं।’’
अधिकारिक सूत्रों ने कहा कि अगर चार अक्टूबर तक भारत की चिंताओं का समाधान नहीं किया गया तो ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों के संबंध में वैसे ही कदम उठाये जाएंगे। गौरतलब है कि यात्रा संबंधी ब्रिटेन का नया नियम चार अक्टूबर से प्रभावी हो रहा है। पत्रकारों के साथ बातचीत में श्रृंगला ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि ब्रिटेन द्वारा कुछ आश्वासन दिया गया है कि इस समस्या का समाधान किया जाएगा।
श्रृंगला ने कहा, ‘‘हमने कुछ साझेदार देशों को एक-दूसरे के टीकाकरण प्रमाणपत्र को मान्यता देने का विकल्प भी दिया है। लेकिन ये कदम एक-दूसरे के फैसले पर निर्भर करते हैं। हमें देखना होगा कि आगे क्या होता है। अगर हम संतुष्ट नहीं होते हैं तो उसी तरह के कदम उठाना हमारे अधिकार क्षेत्र के भीतर होगा।’’ वह इस संबंध में पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे। सूचना मिली है कि नयी दिल्ली इस संबंध में ब्रिटेन को ‘नोट वर्बल’ जारी कर चुका है।
(इनपुट एजेंसी)