भारतीय महिलाएं पति को लेकर संवेदनशील होती हैं, उन्हें शेयर नहीं कर सकतीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
By विशाल कुमार | Published: May 3, 2022 10:26 AM2022-05-03T10:26:54+5:302022-05-03T10:29:29+5:30
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निचली अदालत के उस आदेश को बरकरार रखा जिसमें पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी एक व्यक्ति द्वारा दायर आरोपमुक्त करने के आवेदन को खारिज कर दिया गया था।
प्रयागराज: सोमवार को एक याचिका खारिज करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि एक विवाहित महिला अपने पति के बारे में बहुत ही संवेदनशील होती है और उसे दूसरों के साथ साझा करना सहन नहीं कर सकती।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की पीठ ने निचली अदालत के उस आदेश को बरकरार रखा जिसमें पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी एक व्यक्ति द्वारा दायर आरोपमुक्त करने के आवेदन को खारिज कर दिया गया था।
अदालत ने कहा कि आरोपी सुशील कुमार ने तीसरी बार शादी की थी और जाहिर तौर पर यही एकमात्र कारण था कि उसकी पत्नी की आत्महत्या से मौत हुई।
अदालत ने यह भी कहा कि एक महिला का पति किसी अन्य महिला से गुप्त रूप से शादी कर लेता है, तो यह खुद के जीवन को समाप्त करने का पर्याप्त कारण है।
पीठ ने कहा कि वे (भारतीय पत्नियां) सचमुच अपने पति के प्रति संवेदनशील हैं। किसी भी विवाहित महिला के लिए यह सबसे बड़ा झटका होगा कि उसके पति को कोई और महिला शेयर कर रही है या वह किसी और महिला से शादी करने जा रहा है। ऐसी विकट स्थिति में उनसे किसी भी तरह की समझदारी की उम्मीद करना असंभव होगा। ठीक ऐसा ही इस मामले में भी हुआ है।
मृतक महिला ने वाराणसी के मंडुआडीह पुलिस स्टेशन में अपने पति सुशील कुमार और उसके परिवार के छह सदस्यों के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
एफआईआर में पत्नी ने आरोप लगाया कि उसका पति पहले से ही शादीशुदा था, लेकिन उसने बिना तलाक लिए तीसरी बार शादी के बंधन में बंध गए। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पति और ससुराल वालों ने उन्हें प्रताड़ित किया और मानसिक रूप से भी प्रताड़ित किया। एफआईआर दर्ज करने के तुरंत बाद, महिला ने कथित तौर पर जहर खा लिया और उनकी मौत हो गई।