द्वितीय विश्व युद्ध में शहीद हुए हरियाणा के 2 सैनिकों की 75 साल बाद इटली से आई अस्थियां, गंगा में होगी प्रवाहित
By बलवंत तक्षक | Published: June 4, 2019 04:10 PM2019-06-04T16:10:40+5:302019-06-04T16:16:43+5:30
पालूराम के गांव नंगथला में उनका स्मारक बनाया जाएगा और उनकी अस्थियां गंगा में प्रवाहित की जाएंगी, जबकि हरि सिंह की उनके गांव नौगावां में प्रतिमा स्थापित की जाएगी. उनकी अस्थियां गांव की ही मिट्टी में दफना दी गईं.
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान इटली में शहीद हुए हरियाणा के दो सैनिकों की अस्थियां 75 साल बाद उनके गांवों में पहुंची हैं. इनमें हिसार जिले के पालू राम और झज्जर जिले के हरि सिंह की अस्थियां शामिल हैं. यह दोनों ब्रिटिश इंडियन आर्मी की फ्रंटियर फोर्स राइफल के सिपाही थे.
पालूराम के गांव नंगथला में उनका स्मारक बनाया जाएगा और उनकी अस्थियां गंगा में प्रवाहित की जाएंगी, जबकि हरि सिंह की उनके गांव नौगावां में प्रतिमा स्थापित की जाएगी. उनकी अस्थियां गांव की ही मिट्टी में दफना दी गईं.
शहीद सैनिक हरिसिंह को श्रद्धांजलि
झज्जर जिला सैनिक बोर्ड के सचिव ए. एस. यादव ने सेना की टीम से हरिसिंह की अस्थियां हासिल कीं. इस मौके पर कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने शहीद सैनिक हरिसिंह को श्रद्धांजलि दी. हरिसिंह की अस्थियों को ग्रामीण लोग ढोल-धमाके के साथ श्रद्धांजलि स्थल पर लेकर आए. पालू राम और हरि सिंह को 13 सितंबर, 1944 को गुमशुदा घोषित किया गया था. इनके पार्थिव शरीर नहीं मिले थे.
बाद में 1996 में इटली में मानव कंकाल के अवशेष मिलने पर जब इनकी डीएनए जांच करवाई गई तो खुलासा हुआ कि ये कंकाल करीब बीस से बाईस साल के ऐसे युवकों के हैं, जो यूरोपीय नस्ल से मेल नहीं खाते. कॉमनवेल्थ ग्रेव कमीशन से मिले डाटा के आधार पर 2012 में पता चला कि ये कंकाल ब्रिटिश इंडियन आर्मी की फ्रंटियर फोर्स राइफल के उन सिपाहियों के हैं, जिन्हें गुमशुदा घोषित कर दिया गया था.
इटली सरकार ने की थी शहादत की पुष्टि
इटली सरकार ने पिछले साल अक्तूबर महीने में इनकी शहादत की पुष्टि की थी. अब इनकी मिट्टी भारत लाई गई है. लंबे समय तक जब इन दोनों जवानों की कोई जानकारी नहीं मिल पाई तो इनके परिवार के लोगों ने मान लिया था कि वे दूसरे विश्व युद्ध की लड़ाई में शहीद हो गए होंगे.
A solemn ceremony for presentation of urns was held in Prato,#Italy to commemorate sacrifices made by 2 Indian soldiers. Hari Singh & Palu Ram of #IndianArmy fought & died during World War II in Battle of Poggio Alto,1944. 50,000 Indian troops, fought for ‘Liberation of Italy'. pic.twitter.com/UianZkVWBx
— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) June 1, 2019
अगर इटली के फ्लोरेंस के समीप पोगियो अल्टो में 1996 में मानव हिड्डयां नहीं पाई जातीं तो दोनों जवानों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाती. पोगियो अल्टो की लड़ाई में दोनों थे तैनात दोनों को जर्मन इंफेंट्री डिवीजन के खिलाफ 1944 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान पोगियो अल्टो की लड़ाई में तैनात किया गया था.
लंबे अंतराल के बाद भारतीय सेना के अधिकारियों ने इन दोनों सैनिकों घर पहुंच कर बताया था कि हरि सिंह और पालू राम मित्र राष्ट्रों की तरफ से जर्मनी के खिलाफ लड़ते हुए इटली में शहीद हो गए थे.