भारतीय रेलवे अब तक चला चुकी है 542 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें, 6.48 लाख प्रवासी मजदूरों को पहुंचाया उनके घर
By सुमित राय | Published: May 12, 2020 02:59 PM2020-05-12T14:59:59+5:302020-05-12T14:59:59+5:30
सरकार ने जानकारी देते हुए बताया है कि भारतीय रेलवे ने अब तक 542 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई है, जिससे 6.48 लाख प्रवासी मजदूर अपने गृह राज्य पहुंच चुके हैं।
कोरोना वायरस के कहर के बीच भारतीय रेलवे लगातार प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य तक पहुंचाने में कार्यरत है। केंद्र सरकार ने कहा है कि देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे छह लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य पहुंचाने के लिए गत एक मई से इस तरह की 542 रेलगाड़ियां चलाई गई है।
केंद्र सरकार ने बताया, "भारतीय रेलवे 12 मई सुबह 9.30 बजे तक 542 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चला चुकी है, जिसमें 448 ट्रेनें अपने गंतव्य स्थल पर पहुंच गई है जबकि 94 रेलगाड़ियां रास्ते में हैं। इन ट्रेनों से अब तक 6.48 लाख प्रवासी मजदूर अपने गृह राज्य पहुंच चुके हैं।"
सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश पहुंची हैं 221 ट्रेनें
पीआईबी ने जानकारी देते हुए बताया कि जो 448 ट्रेनें अपने गंतव्य स्थल पर पहुंची हैं, जो आंध्र प्रदेश (1 ट्रेन), बिहार (117 ट्रेन), छत्तीसगढ़ (1 ट्रेन) हिमाचल प्रदेश (1 ट्रेन), झारखंड (27 ट्रेन), कर्नाटक (1 ट्रेन), मध्य प्रदेश (38 ट्रेन), महाराष्ट्र (3 ट्रेन), ओडिशा (29 ट्रेन), राजस्थान (4 रेलगाड़ियां), तमिलनाडु (1 ट्रेन), तेलंगाना (2 रेलगाड़ियां), उत्तर प्रदेश (221 ट्रेन) और पश्चिम बंगाल (2 ट्रेन) पहुंची हैं।
इन शहरों में पहुंचाए गए प्रवासी मजदूर
इन ट्रेनों द्वारा प्रवासियों को तिरुचिरापल्ली, टिटलागढ़, बरौनी, खंडवा, जगन्नाथपुर, खुर्दा रोड, प्रयागराज, छपरा, बलिया, गया, पूर्णिया, वाराणसी, दरभंगा, गोरखपुर, लखनऊ, जौनपुर, हटिया, बस्ती, कटिहार, दानापुर, मुजफ्फरपुर, सहरसा इत्यादि शहरों तक पहुंचाया गया। ट्रेन पर चढ़ने से पहले यात्रियों की पूरी जांच की गई। यात्रा के दौरान यात्रियों को मुफ्त भोजन और पानी दिया गया।
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के बदल गए नियम
सोमवार से प्रत्येक श्रमिक स्पेशल ट्रेन 1,700 श्रमिकों को लेकर उनके घर पहुंचाने के लिए रवाना की गई। शुरुआत में किसी भी स्टेशन पर इन ट्रेनों के रुकने की योजना नहीं थी लेकिन सोमवार को रेलवे ने घोषणा की कि गंतव्य राज्यों में अधिकतम तीन स्टेशनों पर रुकने की अनुमति दी जाएगी। अधिकारियों ने कहा कि इस संबंध में राज्य सरकारों के अनुरोध पर यह निर्णय लिया गया।