भारतीय रेलः त्योहार पर खुशखबरी, महिला यात्री को चार ‘लेडीज स्पेशल’, जानिए पूरा मामला
By भाषा | Published: October 21, 2020 01:30 PM2020-10-21T13:30:25+5:302020-10-21T13:30:25+5:30
पश्चिमी रेलवे ने उपनगरीय नेटवर्क पर चार और ‘लेडीज स्पेशल’ ट्रेनें चलाने का ऐलान किया है। अधिकारियों ने बताया कि गैर-व्यस्त घंटों में महिलाएं अन्य ट्रेनों में भी यात्रा कर सकती हैं।
मुंबईः रेल मंत्री पीयूष गोयल के मुम्बई में लोकल ट्रेनों में महिलाओं को यात्रा करने की अनुमति देने के एक दिन बाद पश्चिमी रेलवे ने उपनगरीय नेटवर्क पर चार और ‘लेडीज स्पेशल’ ट्रेनें चलाने का ऐलान किया है। अधिकारियों ने बताया कि गैर-व्यस्त घंटों में महिलाएं अन्य ट्रेनों में भी यात्रा कर सकती हैं।
रेलवे अधिकारियों ने 15 जून से महानगर में लोकल ट्रेन सेवाएं शुरू कर दी थीं। अभी तक केवल आवश्यक सेवाओं में कार्यरत लोग ही इनमें यात्राएं कर रहे थे। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि चार और ‘लेडीज स्पेशल’ ट्रेनों के चलने के बाद अब पश्चिमी रेलवे (डब्ल्यू आर) महिलाओं के लिए कुल छह विशेष ट्रेनें चला रहा है।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा मध्य रेलवे (सीआर) कुल 706 लोकल ट्रेनें चला रहा है, जिनमें से चार ‘लेडीज स्पेशल’ हैं। रेल प्राधिकरण ने सीआर और डब्ल्यू आर मार्गों पर बुधवार से सुबह 11 से दोपहर तीन बजे और शाम सात बजे के बाद से महिलाओं को यात्रा करने की अनुमति दे दी है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार ने 16 अक्टूबर को रेलवे से आग्रह किया था कि गैर व्यस्त घंटों में महिला यात्रियों को लोकल ट्रेन सेवा का इस्तेमाल करने की इजाजत दी जाए। इसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने एक और पत्र लिख रेल अधिकारियों से कहा था कि राज्य के अनुरोध पर जल्द से जल्द विचार किया जाए। इसके बाद गोयल ने मंगलवार को महिलाओं को यात्रा करने की अनुमति देने की घोषणा की थी।
बोनस के भुगतान में देरी होने पर रेलवे कर्मचारियों ने विरोध किया
रेलवे बोर्ड की तरफ से सख्त कार्रवाई की चेतावनी को धता बताते हुये रेलवे कर्मचारियों ने उत्पादकता से जुड़े बोनस के भुगतान में हो रही ''अनावश्यक देरी'' के खिलाफ ने मंगलवार को देश भर में विरोध प्रदर्शन किया। अखिल भारतीय रेलवेमेंस फेडरेशन ने इसकी जानकारी दी।
फेडरेशन ने कहा कि अगर बोनस तत्काल जारी नहीं किया गया तो वह विरोध को और तेज करने के लिए मजबूर होंगे और सीधा कार्रवाई करेंगे। फेडरेशन के महासचिव शिव गोपाल मिश्र ने बयान जारी कर कहा कि फेडरेशन से मान्यता प्राप्त सभी यूनियनों ने उत्पादकता से जुड़े बोनस के भुगतान में हो रही अनावश्यक देरी के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि रेलवे बोर्ड से कल सख्त कार्रवाई की चेतावनी दिये जाने के बावजूद आठ लाख से अधिक रेलवे कर्मचारियों ने पूरे देश में इन विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा लिया।
मिश्र ने कहा कि यह बोनस 2019—20 के लिये दिया जाना है जब कोरोना वायरस नहीं था और रेलवे ने लाभ कमाया था। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि रेल मंत्रालय ने सभी रेल कर्मचारियों को बोनस का भुगतान करने के लिये वित्त मंत्रालय को अपनी सिफारिश अक्टूबर के पहले हफ्ते में ही भेज दी थी।
पिछले चार दशक से दुर्गा पजा के एक सप्ताह पहले इम कर्मचारियों को बोनस भुगतान होता आया है। मिश्र ने कहा कि इस साल देरी क्यों हो रही है? एक तरफ प्रधानमंत्री एवं रेल मंत्री रेल कर्मचारियों के काम की सराहना कर रहे हैं लेकिन दूसरी तरफ बोनस भुगतान को लेकर उनका रवैया अलग है। भाषा रंजन रंजन अर्पणा अर्पणा