भारतीय रेलवे ने बना रहा है यह बड़ा प्लान, दुनिया भर की ट्रेनों का दिया उदाहरण

By भाषा | Published: January 21, 2019 06:30 PM2019-01-21T18:30:47+5:302019-01-21T18:30:47+5:30

पिल्लई ने कहा, ‘‘दुनिया भर में ट्रेनों के परिचालन में कई बदलाव हुए हैं और मेरा मानना है कि यह ऐसा समय है कि भारत को यात्री ट्रेनों के परिचालन में निजी ऑपरेटरों को अनुमति देने के विकल्प पर चर्चा करनी चाहिए।’’ 

Indian railways in Talks to Let Private Companies Run Trains | भारतीय रेलवे ने बना रहा है यह बड़ा प्लान, दुनिया भर की ट्रेनों का दिया उदाहरण

भारतीय रेलवे ने बना रहा है यह बड़ा प्लान, दुनिया भर की ट्रेनों का दिया उदाहरण

रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि रेलवे यात्री ट्रेनों एवं मालगाड़ियों के परिचालन में निजी ऑपरेटरों को अनुमति देने पर विचार कर रहा है। रेलवे बोर्ड के सदस्य (यातायात) गिरीश पिल्लई ने परिवहन अनुसंधान एवं प्रबंधन केंद्र (सीटीआरएम) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि वरिष्ठ अधिकारी अभी इस मामले पर विचार कर रहे हैं। 

पिल्लई ने कहा, ‘‘दुनिया भर में ट्रेनों के परिचालन में कई बदलाव हुए हैं और मेरा मानना है कि यह ऐसा समय है कि भारत को यात्री ट्रेनों के परिचालन में निजी ऑपरेटरों को अनुमति देने के विकल्प पर चर्चा करनी चाहिए।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें किराया तय करने और टर्मिनल का निर्माण करने की इजाजत दी जा सकती है कि नहीं, इस पर रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी और इस क्षेत्र के विशेषज्ञ चर्चा कर रहे हैं।’’ पिल्लई ने यह भी कहा कि मालढुलाई के क्षेत्र को यात्री सेवाओं से अलग करने की जरूरत है।

रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पेरू, इंडोनेशिया, सिंगापुर, मलेशिया और पश्चिमी एशिया के कुछ देशों ने भारत की अत्याधुनिक ट्रेन 18 का आयात करने में अपनी रूचि दिखायी है। हालांकि अभी इस महत्वाकांक्षी परियोजना की वाणिज्यिक शुरूआत नहीं हुयी है। परीक्षण के दौरान ट्रेन 18 की अधिकतम गति 180 किलोमीटर प्रति घंटा तक तक रही है। इसका सफर वाराणसी से दिल्ली के बीच शुरू होगा।

रेलवे बोर्ड के सदस्य (रॉलिंग स्टॉक) राजेश अग्रवाल ने कहा, "कई देशों ने इस ट्रेन सेट में रुचि दिखायी है और हमें खुशी तथा गर्व है कि स्वदेशी रूप से तैयार एक उत्पाद में इतनी रुचि दिखायी जा रही है। दुनिया भर में रोलिंग स्टॉक बाजार लगभग 200 अरब डॉलर का है और हम इसमें एक महत्वपूर्ण हिस्सेदारी चाहते हैं। अब, उद्देश्य इस ट्रेन को सफलतापूर्वक चलाना है।’’ 

सूत्रों ने बताया कि अभी ट्रेन 18 जैसे मानक वाली ट्रेनों की कीमत दुनिया भर में करीब 250 करोड़ रुपये है जबकि इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, चेन्नई द्वारा तैयार इस भारतीय संस्करण की लागत लगभग 100 करोड़ रुपये है।

सूत्रों ने बताया कि भारत सेमी-हाई स्पीड क्लब में शामिल होने वाला नवीनतम सदस्य है और वह फरवरी में अंतर्राष्ट्रीय हाई स्पीड रेल एसोसिएशन सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। रेलवे को उम्मीद है कि इस आयोजन में वह ट्रेन 18 के जरिए अपनी विनिर्माण क्षमताओं को पेश कर सकता है।

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