ट्रेन के यात्रियों के लिए खुशखबरी, भारतीय रेलवे घटाएगी किराया!
By रामदीप मिश्रा | Published: March 26, 2018 03:34 AM2018-03-26T03:34:25+5:302018-03-26T05:56:06+5:30
भारतीय रेलवे ने पाया कि जिन ट्रेनों के किराए में कटौती की गई, वहां कमाई में 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। जबकि यात्रियों की संख्या में 63 प्रतिशत का उछाल आया।
नई दिल्ली, 26 मार्चः रेल से सफर करने वाले यात्रियों को जल्द खुशखबरी मिल सकती है। दरअसल, भारतीय रेलवे शताब्दी ट्रेनों का किराया कम कर सकती है। इस संबंध में रेलवे किराए में कटौती को लेकर योजना बना रही है। उसने करीब 25 शताब्दी ट्रेनों का चयन किया है, जिनके किराए में कटौती करने की तैयारी चल रही है।
बताया जा रहा है कि ये ट्रेनें ऐसे रूट्स पर चलती है, जिसमें पैसेंजर्स की संख्या कम रहती है। ऐसे में संसाधनों के समुचित उपयोग के लिए भारतीय ट्रेन ने ट्रेनों के किराए में कटौती करने की योजना बनाई है। भारतीय रेलवे ने 25 ऐसी शताब्दी ट्रेनों की पहचान की है, जिनका किराया आने वाले वक्त में घटने की उम्मीद जताई जा रही है। रेलवे इस योजना पर तेजी से काम कर रहा है।
रेलवे ने इसके लिए पायलट प्रोजक्ट लॉन्च की थी, जिसमें उसे सफलता मिली। रेलवे ने पिछले साल ऐसे ही दो शताब्दी ट्रेनों का किराया कम किया था, जिन रूटों में यात्रियों की संख्या कम होती है। रेलवे ने पाया कि जिन ट्रेनों के किराए में कटौती की गई, वहां कमाई में 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। जबकि यात्रियों की संख्या में 63 प्रतिशत का उछाल आया।
इधर, मोदी सरकार ने भारतीय रेलवे में सीनियर सिटीजन को सब्सिडी छोड़ने का विकल्प दिया था। इसके बाद लाखों वरिष्ठ नागरिकों ने सब्सिडी छोड़ दी है। भारतीय रेलवे ने इस आकड़े जारी किए। सब्सिडी छोड़ने वाले वरिष्ठ नागरिकों की संख्या में 35 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए यात्री किराए में 100 प्रतिशत तक रियायत छोड़ने का विकल्प उपलब्ध कराया गया था।
भारतीय रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों को 22 जुलाई 2017 से यह विकल्प दिया गया था कि या तो वे रेल टिकटों पर उपलब्ध पूर्ण रियायत या इसके आधी रियायत का लाभ उठाएं। 22 फरवरी 2018 तक 9.08 लाख वरिष्ठ नागरिकों ने यात्री किराये पर शत-प्रतिशत सब्सिडी छोड़ दी, जबकि 8.55 लाख वरिष्ठ नागरिकों ने यात्री किराए पर 50 प्रतिशत सब्सिडी छोड़ दी। चालू वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान वरिष्ठ नागरिकों द्वारा सब्सिडी छोड़ने के कारण 28.98 करोड़ रुपये की बचत हुई है।